माता इस विश्वब्रह्माण्ड का जो परिचालन और जगन्नाट्य-संबंधी जो कार्य करती हैं उसमें उनके चार महारूप विशेष रूप से सामने प्रकट हैं, ये उनकी प्रमुख शक्तियों और विग्रहों में से चार हैं। प्रथमा हैं उनकी विग्रहभूता प्रशांत विशालता, सर्वव्यापिनी ज्ञानवत्ता, अचंचल मङ्गलमयता, अशेष निःशेष करुणा, अतुल अद्वितीय महिमा और विश्वराट् गौरव-गरिमा।