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At the Feet of The Mother

SAVITRI Book Two. Canto Ten (Eng-Hindi)

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BOOK TWO. THE BOOK OF THE TRAVELLER OF THE WORLDS

Canto Ten. The Kingdoms and Godheads of the Little Mind

 

This too must now be overpassed and left,
As all must be until the Highest is gained
In whom the world and self grow true and one:
Till that is reached our journeying cannot cease.

अब यह सब भी पार कर और आगे बढ़ना है,
इसे वैसे ही सब तज देना है जब तक वह परमोच्च नहीं मिल जाता
जिसके अन्तर में यह संसार और स्वभाव सत्य बन एकात्म हो जाता है:
जब तक तत्-सत् की प्राप्ति नहीं हो जाती हमारी यात्रा रुक नहीं सकती।

Always a nameless goal beckons beyond,
Always ascends the zigzag of the gods
And upward points the spirit’s climbing Fire.

सदैव एक अनामी लक्ष्य परात्पर से संकेत कर बुलाता है,
देवों का यह घुमावदार पथ सतत आरोहण करता है
और अन्तरात्मा की आरोही आत्माग्नि ऊर्ध्व कीओर संकेत करती है।

This breath of hundred-hued felicity
And its pure heightened figure of Time’s joy,
Tossed upon waves of flawless happiness,
Hammered into single beats of ecstasy,
This fraction of the spirit’s integer
Caught into a passionate greatness of extremes,
This limited being lifted to zenith bliss,
Happy to enjoy one touch of things supreme,
Packed into its sealed small infinity,
Its endless time-made world outfacing Time,
A little output of God’s vast delight.

अश्वपति का यह शतानन्दी प्राण-श्वास
और दिक्कालीय आनन्दमयी शक्ति का यह विशुद्ध उन्नत श्रेष्ठाकार,
जिसे निर्दोष निर्मल प्रसन्नता की लहरों पर झुलाया गया था,
अब भावसमाधि की एकाकी धड़कनों में स्पन्दित हो उठा,
आत्मा की पूर्णता का यह एक अंशमात्र था
दो विरोधी ध्रुवों की एक आवेशपूर्ण महानता में इसे धरा गया था,
उसकी यह सीमित प्राणसत्ता आनन्द की पराकाष्ठा तक उठा दी गयी,
सर्वोच्च वस्तुओं के एक स्पर्श सुख को प्राप्त कर मुदित,
यह अपनी बन्द लघु-नित्यता में परिपूर्णता से भरी हुई थी,
इसकी अन्तहीन काल-रचित सृष्टि महाकाल के सामने थी,
यह परमेश्वर के विराट्-आनन्द की एक छोटी-सी उपलब्धि।

The moments stretched towards the eternal Now,
The hours discovered immortality,
But, satisfied with their sublime contents,
On peaks they ceased whose tops half-way to heaven
Pointed to an apex they could never mount,
To a grandeur in whose air they could not live.

उसके क्षण-पलों का विस्तार अब अनन्त ‘वर्तमान’ की ओर फैलने लगा,
घड़ियों ने अमरत्व का संधान कर लिया,
किन्तु, अपने दिव्य तत्त्वों से सन्तुष्ट बनीं,
वे उन पराकाष्ठाओं पर समाप्त हो गयीं जिनके शिखर स्वर्ग के आधे मार्ग पर
एक धुरी कीओर इंगित करते थे जिस पर वे कभी चढ़ नहीं सकी थीं,
एक ऐसी महिमा शोभा कीओर जिसकी हवा में वे जी नहीं सकती थीं।

Inviting to their high and exquisite sphere,
To their secure and fine extremities
This creature who hugs his limits to feel safe,
These heights declined a greater adventure’s call.

अपने उन्नत और श्रेष्ठ क्षेत्र कीओर आमन्त्रित करतीं
ये अपने सुरक्षित और भव्य ध्रुवों में बुलातीं
उस प्राणी को जो अपनी सीमा से चिपका सुरक्षा की अनुभूति पाता है,
ये पराकाष्ठाएं एक महत्तर साहसी आवाहन को ठुकरा देती हैं।

A glory and sweetness of satisfied desire
Tied up the spirit to golden posts of bliss.

तुष्ट-कामना की एक महिमा और माधुरी से बांध देती हैं
उस जीवात्मा को आत्म-सुख सन्तोष के सुनहरे स्तम्भ से।

It could not house the wideness of a soul[238]
Which needed all infinity for its home.

पर यह एक आत्म-पुरुष की विशालता का घर नहीं बन सकी
जिसे सम्पूर्ण अनन्तता अपने बसने के लिए आवश्यक थी।

A memory soft as grass and faint as sleep,
The beauty and call receding sank behind
Like a sweet song heard fading far away
Upon the long high road to Timelessness.

अब इसकी दूर्वा समान कोमल और नींद सम धूमिल एक स्मृति शेष बची थी,
वह सुन्दरता और पुकार पीछे हट डूब गयीं
मानों अतीत में सुना एक मधुर गीत हो
जो कालातीत के उस दीर्घ राजपथ पर सुदूर में जा मन्द पड़गया।

Above was an ardent white tranquillity.

ऊर्ध्व में एक गम्भीर धवल प्रशान्ति का गगन छाया था।

A musing spirit looked out on the worlds
And like a brilliant clambering of skies
Passing through clarity to an unseen Light
Large lucent realms of Mind from stillness shone.

एक ध्यानमग्ना आत्मा ने बाहर झांक इन लोकों को अवलोका,
जो नभों की एक उज्ज्वल कठिन चढ़ाई समान ऊपर उठते
स्पष्टता के मध्य से गुजर एक अद़ृश्य परा प्रकाश कीओर जाते ये
विशाल दीप्तिमान मनशक्ति के क्षेत्र उस नीरव स्थिरता में चमक उठे।

But first he met a silver-grey expanse
Where Day and Night had wedded and were one:
It was a tract of dim and shifting rays
Parting Life’s sentient flow from Thought’s self-poise.

किन्तु इससे पहले योगी को एक रुपहला-धूसर-रंगी विस्तार मिला
जहां पर दिव्य दिवस और अचित् रात्रि मिल एक हो गये थे:
यह धूमिल और अस्थिर विकारी रश्मियों का एक क्षेत्र था
जो प्राणशक्ति के संवेदन-प्रवाह को बुद्धि-संकल्प के आत्म-सन्तुलन से पृथक् करता है।

A coalition of uncertainties
There exercised uneasy government
On a ground reserved for doubt and reasoned guess,
A rendezvous of Knowledge with Ignorance.

यह अनिश्चितताओं का एक संगठित मन्त्रिमण्डल
वहां पर आशंकित अशान्त शासन उस भूमि पर चलाता
जो शंका और तर्कसंगत अनुमान हित आरक्षित थी,
यह विद्या की अविद्या के संग मिलन की एक अभिसार भूमि थी।

At its low extremity held difficult sway
A mind that hardly saw and slowly found;
Its nature to our earthly nature close
And kin to our precarious mortal thought
That looks from soil to sky and sky to soil
But knows not the below nor the beyond,
It only sensed itself and outward things.

इसकी निम्न पराकाष्ठा को अति कठिनाई से शासन में नियन्त्रित करता
एक मन जो आधा अन्धा था और मन्द गति से कुछ जान पाया था:
इसका स्वभाव हमारे पार्थिव स्वभाव के अति समीप था
और हमारे अस्थिर नश्वर विचार का सम्बन्धी बन्धु था
यह धरती से आकाश को देखता और नभ से भूमि को ताकता
किन्तु न तो इस धरातल को जानता और न परलोक को समझ पाता,
इसे केवल स्वयं का और बहिर्पदार्थों का बोध था।

This was the first means of our slow ascent
From the half-conscience of the animal soul
Living in a crowded press of shape-events
In a realm it cannot understand nor change:
Only it sees and acts in a given scene
And feels and joys and sorrows for a while.

हमारे धीमे आरोहण का यही प्रथम साधन है
जो पशुजीव की अर्ध चेतनावस्था से ऊपर उठने को मिला है,
जो रूपायित घटनाओं के एक भीड़ भरे दबाव में जीता है
एक ऐसे प्रदेश में जिसे यह न तो समझ सकता और न बदल सकता है;
केवल एक निश्चित दृश्य में देखता और कार्य करता है
और अति अल्प समय के लिए ही सुखों और दुःखों का अनुभव करता है।

The ideas that drive the obscure embodied spirit
Along the roads of suffering and desire
In a world that struggles to discover Truth,
Found here their power to be and Nature-Force.

वे भावनाएं धारणाएं जो इस देहधारी जीव को
भोग और कामना के पथों पर संचालित करती हैं
इस एक जगती में जो परम-सत्य संधान हित संघर्षरत है,
यहां उन्होंने अपने अस्तित्व हित शक्ति और भौतिक प्राकृतिक ऊर्जा कोपा लिया है।

Here are devised the forms of an ignorant life[239]
That sees the empiric fact as settled law,
Labours for the hour and not for eternity
And trades its gains to meet the moment’s call:
The slow process of a material mind
Which serves the body it should rule and use
And needs to lean upon an erring sense,
Was born in that luminous obscurity.

यहीं पर एक अज्ञानी जीवन के रूपों की अभिकल्पना की गयी है
यह जीवन अनुभव सिद्ध तथ्य को एक निश्चित विधान सम देखता है,
और क्षणिक घण्टों हित श्रम करता हैशाश्वतता के लिए नहीं
और इस क्षणिक कामना-पूर्ति हेतु अपने लाभों का सौदा कर लेता हैः
इस भौतिक मन का यही मन्द प्रगति-क्रम है
उस देह की सेवा करता है जिस पर उसे शासन कर भोगना चाहिये
और एक दोषपूर्ण इन्द्रियबोध पर निर्भर रहना इसकी आवश्यकता है,
उस चमकती धूसरता में ही यह जन्मा है।

Advancing tardily from a limping start,
Crutching hypothesis upon argument,
Throning its theories as certitudes,
It reasons from the half-known to the unknown,
Ever constructing its frail house of thought,
Ever undoing the web that it has spun.

एक लंगड़ाते आरम्भ से यह शिथिलता से आगे बढ़ता है,
तर्क-कुतर्क पर आधारित अनुमानों की बैसाखी थामें,
निज सिद्धान्तों को निश्चित सत्यों सम गद्दी पर बिठा,
यह बौद्धिक तर्कों द्वारा अर्धज्ञात से अज्ञात तक की विवेचना करता है,
विचार के अपने नाजुक घर को सतत रचता रहता है,
स्वयं बुने जाल के ताने-बाने को अविराम खोलता रहता है।

A twilight sage whose shadow seems to him Self,
Moving from minute to brief minute lives;
A king dependent on his satellites
Signs the decrees of ignorant ministers,
A judge in half-possession of his proofs,
A voice clamant of uncertainty’s postulates
An architect of knowledge, not its source.

एक धूमिल ज्ञान का साधु है जो निज छाया को ही परमात्मा समझता है,
यह क्षण-क्षण के अल्प-क्षणिक जीवनों में विचरण करता है;
एक नृपति जो अपने अधीनस्थ अनुचरों पर निर्भर है
अज्ञ-मन्त्रियों की आज्ञप्तियों पर हस्ताक्षर करता है
एक न्यायाधीश है जो अपने प्रमाणों पर पूर्ण स्वामित्व नहीं रख पाता है,
अनिश्चित आधार तत्त्वों की एक शोर मचाती वाणी है
यह ज्ञान का एक शिल्पी है, उसका उद़्गम स्रोत नहीं है।

This powerful bondslave of his instruments
Thinks his low station Nature’s highest top,
Oblivious of his share in all things made
And haughtily humble in his own conceit
Believes himself a spawn of Matter’s mud
And takes his own creations for his cause.

मानवीय उपकरणों का यह शक्तिशाली बंधुआ-दास है
जो अपने निम्न स्तर को विश्व-प्रकृति का सर्वोच्च शिखर सोचता है,
समस्त सृष्ट वस्तुओं में उनके सत्य-अंश को विस्मृत कर
और अपने आत्म-दर्प में गर्व से विनीत बना
यह स्वयं को जड़तत्त्व की माटी की एक सन्तान मानता है
और अपनी निजी कृतियों को अपने ही निमित्त लेता है।

To eternal light and knowledge meant to rise,
Up from man’s bare beginning is our climb;
Out of earth’s heavy smallness we must break,
We must search our nature with spiritual fire:
An insect crawl preludes our glorious flight;
Our human state cradles the future god,
Our mortal frailty an immortal force.

मानव के शून्य आरम्भ से ऊपर हमारा आरोहण,
शाश्वत प्रकाश और ज्ञान में उन्नत होने के लिए है;
धरती की बोझिल लघुता को तोड़ हमें बाहर आना है,
अपने आत्म-स्वभाव को अध्यात्म-अग्नि से हमें खोजना है;
एक कीट का रेंगना ही हमारी भव्य उड़ान की भूमिका है
हमारी मानवीय स्थिति में भावी देवता पालित है,
हमारी नश्वर दुर्बलता में एक शक्ति का वास है।

At the glow-worm top of these pale glimmer-realms
Where dawn-sheen gambolled with the native dusk
And helped the Day to grow and Night to fail,[240]
Escaping over a wide and shimmering bridge,
He came into a realm of early Light
And the regency of a half-risen sun.

इन जुगुनू समान चमकते प्रभाहीन राज्यों के शिखर पर
जहां उषा की उज्ज्वलता उस नैसर्गिक धूसरता से आंख-मिचौनी खेलती
और पुण्य दिवस की विकसित होने और अचित् रात्रि को असफल होने में सहायता करती,
इस विस्तृत झिलमिलाते सेतु पर से योगी वहां से पलायन कर
आद्या परा-ज्योति के एक प्रदेश में आ पहुंचा
जो एक अर्ध-उदित आदित्य का साम्राज्य था।

Out of its rays our mind’s full orb was born.

इसी की किरणों से हमारे मन का पूर्ण-मण्डल उत्पन्न हुआ था।

Appointed by the Spirit of the Worlds
To mediate with the unknowing depths,
A prototypal deft Intelligence
Half-poised on equal wings of thought and doubt
Toiled ceaselessly twixt being’s hidden ends.

इन लोकों की विश्वात्मा द्वारा इसे नियुक्त किया गया है
इन अज्ञात अनजानी गहनताओं के बीच मध्यस्थता करने,
एक आद्यरूपिणी दक्ष मेधाशक्ति
जो विचार और शंका के मध्य समान पंखों पर आधी संतुलित बनी
जीव की गुप्त चरमताओं के मध्य अविरत श्रम में लगी रहती है।

A Secrecy breathed in life’s moving act;
A covert nurse of Nature’s miracles,
It shaped life’s wonders out of Matter’s mud:
It cut the pattern of the shapes of things,
It pitched mind’s tent in the vague ignorant Vast.

जीवन की सक्रियता में एक दिव्य गुह्यता श्वासित है;
यह विश्व-प्रकृति के चमत्कारों की एक गुप्त धात्री है,
इसने जड़तत्त्व की माटी से जीवन के आश्चर्यों को रूपायित किया हैः
वस्तुओं की आकृतियों के नमूने इसी ने तराशे हैं,
उस अस्पष्ट से अज्ञ विश्व-विस्तार में इसी ने मानस का डेरा गाड़ा था।

A master Magician of measure and device
Has made an eternity from recurring forms
And to the wandering spectator thought
Assigned a seat on the inconscient stage.

माप और यन्त्र-चातुर्य की एक दक्ष मायाविनी
जिसने पुनरावर्ती आकारों से एक शाश्वतता रच डाली।
और मन के भटकते दर्शक-विचार को
अचित् के रंगमंच पर एक स्थान दे दिया।

On earth by the will of this Arch-Intelligence
A bodiless energy put on Matter’s robe;
Proton and photon served the imager Eye
To change things subtle into a physical world
And the invisible appeared as shape
And the impalpable was felt as mass:
Magic of percept joined with concept’s art
And lent to each object an interpreting name:
Idea was disguised in a body’s artistry,
And by a strange atomic law’s mystique
A frame was made in which the sense would put
Its symbol picture of the universe.

इस अधिष्ठात्री-दिव्यप्रज्ञा के संकल्प द्वारा पृथ्वी पर
एक अदेही सूक्ष्म ऊर्जा ने जड़तत्त्व का वस्त्र पहन लिया है;
सजीव चित्रण करते दिव्यनेत्र की प्राणु (Proton) और भाणु (Photon)ने सेवा करके
सूक्ष्म पदार्थों को एक भौतिक जगत् में बदल दिया
और अदृश्य अब रूपायित हो प्रकट हो उठा
और स्पर्शातीत अब स्थूलसम अनुभव होनेलगा:
प्रत्यक्षबोध का जादू अब अभिकल्पना की कला से जुड़ गया
और प्रत्येक वस्तु को एक व्याख्याकारी नाम दे दिया गया:
परा-भाव अब एक दैहिक कला में रूप बदल छिप गया,
और एक विचित्र आणविक नियम की रहस्यमयता के द्वारा
एक ढांचा रचा गया जिसमें इन्द्रियबोध अपना
इस विश्व का एक प्रतीकात्मक चित्र सामने रख सका।

Even a greater miracle was done.

एक और महत्तर चमत्कार भी सम्पादित हो गया।

The mediating light linked body’s power,
The sleep and dreaming of the tree and plant,
The animal’s vibrant sense, the thought in man,
To the effulgence of a Ray above.

इस मध्यस्थ ज्योति ने देह की शक्ति को जोड़ दिया,
वनस्पति के पेड़ औ’ पौधे की निद्रा और स्वप्न से,
पशु के स्पन्दित बोध को, मानव के विचार को,
ऊर्ध्व में स्थित एक दिव्य-रश्मि की दीप्ति से जोड़ दिया।

Its skill endorsing Matter’s right to think[241]
Cut sentient passages for the mind of flesh
And found a means for Nescience to know.

इसकी दक्षता ने जड़तत्त्व को मनन का अधिकार प्रदान किया
मस्तिष्क की मांसलता में से संवेदी नाड़ियां काट बनायीं
और इस प्रकार निश्चेतन जड़ता को सज्ञान करने का साधन खोज निकाला।

Offering its little squares and cubes of word
As figured substitutes for reality,
A mummified mnemonic alphabet,
It helped the unseeing force to read her works.

इसने अपने लघु वर्गों और शब्द के घनों को
नामधारी अध्यक्ष समान यथार्थ सत्य के स्थान पर रख दिया,
यह एक ‘ममी’ समान लेप कर सुखायी स्मृति की स्मारक वर्णमाला,
जो असावधान ऊर्जा को अपनी क्रियाओं के अध्ययन में सहायता करती।

A buried consciousness arose in her
And now she dreams herself human and awake.

उसके अन्तर में एक दबी चेतना जाग उठी
और अब वह स्वयं को मानव और जाग्रत् होने का सपना देखने लगी।

But all was still a mobile Ignorance;
Still Knowledge could not come and firmly grasp
This huge invention seen as a universe.

किन्तु अभी भी समस्त एक संचालित अविद्या ही थी;
अभी भी विद्या वहां पहुंच न पायी और दृढ़ता से
इस विशाल आविष्कार को जो एक विश्व समान था, धर नहीं पायी थी।

A specialist of logic’s hard machine
Imposed its rigid artifice on the soul;
An aide of the inventor intellect,
It cut Truth into manageable bits
That each might have his ration of thought-food,
Then new-built Truth’s slain body by its art:
A robot exact and serviceable and false
Displaced the spirit’s finer view of things:
A polished engine did the work of a god.

तर्क-ज्ञान की कठोर यान्त्रिकता के एक विशेषज्ञ ने
इस आत्म-पुरुष पर अपना अनम्य कौशल आरोपित कर दिया;
यह ज्ञान आविष्कारी बुद्धि का एक सहायक था,
इसने परम सत्य को नियन्त्रित हिस्सों में काट बांट दिया
जिससे प्रत्येक भाग अपने हिस्से की विचार-पोषण की रसद प्राप्त कर सके।
तब इसने निज कला कौशल से परम सत्य की कत्ल-देह की नव-रचना कर डाली:
एक यथातथ्य मशीनी पुतला बनाया जो उपयोगी और नकली था
इसने आत्म-चेतना के सूक्ष्मतर उत्तम दृष्टिकोण का स्थान ले लिया:
इस परिमार्जित यन्त्र ने एक देवता का कार्यभार सम्भाल लिया।

None the true body found, its soul seemed dead:
None had the inner look which sees Truth’s whole;
All glorified the glittering substitute.

कोई भी सत्य स्वरूप नहीं था, इसमें अन्तरात्मा मृत ही लगती थी:
किसी के पास वह अन्तर्द़ृष्टि नहीं थी जो परम-सत्य की पूर्णता देखती;
सबने उस भड़कीली स्थानापन्न महिमा की प्रशंसा की।

Then from the secret heights a wave swept down,
A brilliant chaos of rebel light arose;
It looked above and saw the dazzling peaks,
It looked within and woke the sleeping god.

तब उन गोपनीय शिखरों से एक लहर हरहराती नीचे उतरी,
विद्रोही प्रकाश की एक चमकीली अव्यवस्था वहां उठ खड़ी हो गयी;
इसने ऊपर देखा और ज्योति से जगमगाते शिखरों को अवलोका,
इसने अन्तर में झांका और सोये देवता को जगा दिया।

Imagination called her shining squads
That venture into undiscovered scenes
Where all the marvels lurk none yet has known:
Lifting her beautiful and miraculous head,
She conspired with inspiration’s sister brood
To fill thought’s skies with glimmering nebulae.

कल्पना देवी ने अपने कान्तिमान दल को पुकार लिया
जिसने अशोधित प्रदेशों में प्रवेश करने का साहसी कार्य किया
जहां पर सकल चमत्कार गोपित छिपे बैठे हैं जो अभी तक यहां अज्ञात हैं
अपना सुन्दर, अद्भुत शीश उठा इस दिव्यता ने,
प्रेरणा की भगिनी सन्तान को साथ ले षड्यन्त्र रच डाला
विचार के अन्तरिक्षों को झिलमिलाती नीहारिका से भर देने का।

A bright Error fringed the mystery-altar’s frieze;
Darkness grew nurse to wisdom’s occult sun,
Myth suckled knowledge with her lustrous milk;[242]
The infant passed from dim to radiant breasts.

एक दीप्तिपूर्ण घोर त्रुटि की झालर से उस गुह्य वेदिका को सजा दिया;
अचित् अन्धकार प्रज्ञा के गुह्य सूर्य की धाय बन गया,
जिसने अपने चमकते दूध के साथ पौराणिक कथा का ज्ञान-पान करा दिया;
इस प्रकार यह शिशु धूमिलता से निकल उज्ज्वल स्तनों पर पहुंच गया।

Thus worked the Power upon the growing world;
Its subtle craft withheld the full-orbed blaze,
Cherished the soul’s childhood and on fictions fed
Far richer in their sweet and nectarous sap
Nourishing its immature divinity
Than the staple or dry straw of Reason’s tilth,
Its heaped fodder of innumerable facts,
Plebeian fare on which today we thrive.
Thus streamed down from the realm of early Light,
Ethereal thinkings into Matter’s world;
Its gold-horned herds trooped into earth’s cave-heart.

इस महाशक्ति ने इस प्रकार विकसित होते संसार पर कार्य किया;
इसके सूक्ष्म कौशल ने पूर्ण ज्योति-मण्डल की प्रचण्डता पर नियन्त्रण रखा,
जीवात्मा के शैशव को ममत्व से दुलराया और कथाओं से पोषण किया
जो अपनी मिठास और अमृत-रस में कहीं अधिक पुष्टिकारक थीं
जिसने इसकी अपरिपक्व दिव्यता को
बौद्धिक तर्क के सूखे भूसे या उपज से अधिक पोषण दिया,
जो इसके अगणित तथ्यों के चारे के ढेर के उस साधारण आहार से
अधिक समृद्ध और स्वादिष्ट था, जिससे आज हम पोषण पाते हैं,
इस प्रकार आदि पराज्योति के क्षेत्र से नीचे प्रवाहित हो,
अलौकिक विचारधारा जड़तत्त्व के संसार में उतर आयी;
इसके स्वर्ण-श्रृंगी गौओं के झुण्ड धरा की हृदय-कन्दरा में एकत्रित हो गये।

Its morning rays illume our twilight’s eyes,
Its young formations move the mind of earth
To labour and to dream and new-create,
To feel beauty’s touch and know the world and self:
The Golden Child began to think and see.

इसकी प्रभात किरणों ने हमारे धूमिल नयनों को चमक से भर दिया,
इसकी तरुण रचनाएं पृथ्वी के मन को प्रेरित करती हैं
परिश्रम हित और सपनाने और नव-सर्जन करने को,
सौन्दर्य के स्पर्श की अनुभूति पाने और जगत् तथा स्वयं को जानने को:
उस स्वर्ण शिशु ने सोचना और देखना आरम्भ कर दिया।

 

In those bright realms are Mind’s first forward steps.

उन तेजस्वी परिमण्डलों में मनश्शक्ति का प्रगति पथ पर यह प्रथम चरण है।

Ignorant of all but eager to know all,
Its curious slow enquiry there begins;
Ever searching it grasps at shapes around,
Ever it hopes to find out greater things.

सबसे अनजान होकर भी सब जानने को उत्सुक,
इसकी विलक्षण धीमी जिज्ञासा वहीं से आरम्भ हुई है,
सतत खोजी यह अपने चारोंओर की आकृतियों पर अधिकार चाहती है,
यह महत्तर वस्तुओं को खोज लेने की सदैव आशा करती है।

Ardent and golden-gleamed with sunrise fires,
Alert it lives upon invention’s verge.

उदित होते सूर्य की ज्वालाओं सम स्वर्ण रंग से चमकती और उत्साही है
यह सदैव आविष्कार के तट पर सतर्क चौकस हो रहती है।

Yet all it does is on an infant’s scale,
As if the cosmos were a nursery game,
Mind, life the playthings of a Titan’s babe.

तथापि जो यह करती है वह सब एक बाल-स्तर का है,
मानों यह ब्रह्माण्ड एक शिशु-शाला की क्रीड़ा हो
मन, प्राण, जीवन एक विराट्बालप्रभु के खिलौने हों।

As one it works who builds a mimic fort
Miraculously stable for a while,
Made of the sands upon a bank of Time
Mid an occult eternity’s shoreless sea.

यह ऐसे कार्य करती है जैसे कोई एक नकली किला बनाये
जो कुछ देर को ही चमत्कारी ढंग से टिकाऊ लगता है,
त्रिकालीय तट पर यह बालु द्वारा रचित
एक गुह्य शाश्वतता के तटविहीन सागर के मध्य खड़ा है।

A small keen instrument the great Puissance chose,
An arduous pastime passionately pursues;
To teach the Ignorance is her difficult charge,
Her thought starts from an original nescient Void[243]
And what she teaches she herself must learn
Arousing knowledge from its sleepy lair.

महती चित्शक्ति द्वारा मनोनीत यह एक लघु तीक्ष्ण उपकरण है,
एक दुष्कर कार्यपूर्ति हेतु जो तीव्रता से इससे लगी रहती है;
यहां अचित् अविद्या को शिक्षित करना उसका कठिन दायित्व है,
एक मूल निश्चेतन महाशून्य से उसका चिन्तन आरम्भ होता है
और जो वह पढ़ाती है वह उसे स्वयं सीखना है
विद्या को उसके निद्रामग्न धाम से जगाना है।

For knowledge comes not to us as a guest
Called into our chamber from the outer world;
A friend and inmate of our secret self,
It hid behind our minds and fell asleep
And slowly wakes beneath the blows of life;
The mighty daemon lies unshaped within,
To evoke, to give it form is Nature’s task.

क्योंकि ज्ञान एक अतिथि सम बहिर्जगत् से
निमन्त्रित हो हमारे अन्तरधाम में प्रवेश नहीं करता है;
वह तो हमारे गुह्य व्यक्तित्व का एक बन्धु और सहचर है,
यह हमारी मानसिकता के पीछे छिपा निद्रामग्न है
और जीवन के आघातों तले धीरे-धीरे जागता है;
यह सामर्थ्यशाली विभूति अन्तर में अरूपायित पड़ी है,
इसका आवाहन करना, आकार देना प्रकृति देवी का कार्यभार है।

All was a chaos of the true and false,
Mind sought amid deep mists of Nescience;
It looked within itself but saw not God.

यहां समस्त सत्य और मिथ्या के मिश्रण की एक अव्यवस्था थी,
इस आदि-निश्चेतना की गहन धूमिलताओं के मध्य मनशक्ति संधानरत थी;
इसने निज अन्तर में झांका किन्तु परमेश को नहीं देख पायी।

A material interim diplomacy
Denied the truth that transient truths might live
And hid the deity in creed and guess
That the World-Ignorance might grow slowly wise.

एक भौतिकता की अन्तरिम कूटनीति ने
परम सत्य को अस्वीकारा था जिससे क्षणिक नश्वर सत्य यहां जी सके
और इसने परम देव को पंथ और अनुमान में छिपा दिया है
जिससे इस जगत् की अविद्या धीरे-धीरे विद्या में विकसित हो जाये।

This was the imbroglio made by sovereign Mind
Looking from a gleam-ridge into the Night
In its first tamperings with Inconscience:
Its alien dusk baffles her luminous eyes;
Her rapid hands must learn a cautious zeal;
Only a slow advance the earth can bear.

यह सब सर्वसत्ताधारी मनशक्ति द्वारा रचित एक उलझी गुत्थी है
एक चमकती पर्वत-श्रेणी से अचित् रात्रि में नीचे अवलोकते हुए
जब इसने जड़-अचित् के साथ पहले-पहल छेड़-छाड़ की थी:
जिसकी अपरिचित धुंध से इसकी दीप्तिमयी दृष्टि निष्फल हो गयी;
उसके उतावले हाथों को एक संयमित उत्साह सीखना होगा;
क्योंकि यह स्थूल भौतिकता एक मन्द प्रगति ही सहन कर सकती है।

Yet was her strength unlike the unseeing earth’s
Compelled to handle makeshift instruments
Invented by the life-force and the flesh.

फिर मन की शक्ति इस अन्धी धरा के बल से अति भिन्न है
और प्राणशक्ति तथा शारीरिक बल द्वारा आविष्कृत
कामचलाऊ उपकरणों का यह व्यवहार करने को बाध्य है।

Earth all perceives through doubtful images,
All she conceives in hazardous jets of sight,
Small lights kindled by touches of groping thought.

पृथ्वी अनिश्चित धारणाओं के मध्य सबका अनुभव लेती है,
हठात् घटित दृष्टि की फुहारों में वह कल्पना कर लेती है,
टटोलते विचार के स्पर्शों द्वारा वह लघु दीपक जला लेती है।

Incapable of the soul’s direct inlook
She sees by spasms and solders knowledge-scrap,
Makes Truth the slave-girl of her indigence,
Expelling Nature’s mystic unity
Cuts into quantum and mass the moving All;
She takes for measuring-rod her ignorance.

वह आत्मा की प्रत्यक्ष अन्तर्दृष्टि में असमर्थ है
वह प्रवेगों द्वारा समझती है और ज्ञान-कतरनों को जोड़ती है,
अमर-सत्य को निज दारिद्रय की दासी बना रखती है,
परा-प्रकृति के गुह्य एकत्व का बहिष्कार कर
वह संचालक सर्वेश्वर को प्रमात्रा और द्रव्यमान में काट देती है;
निज-अज्ञान को ही वह अपना मापदण्ड बनाती है।

In her own domain a pontiff and a seer,
That greater Power with her half-risen sun[244]
Wrought within limits but possessed her field;
She knew by a privilege of thinking force
And claimed an infant sovereignty of sight.

उसके अपने निजी साम्राज्य में वह एक पुरोहित और एक द्रष्टा है,
उस महत्तर मनशक्ति ने अपने अर्ध-उदित सूर्य के साथ
सीमाओं में बंधी रह कार्य किया किन्तु निज क्षेत्र को अधिकार में रखा;
इसने एक मनन शक्ति के विशेषाधिकार द्वारा ज्ञान पाया
और देखने हित एक बाल-सुलभ प्रभुसत्ता का दावा किया।

In her eyes however darkly fringed was lit
The Archangel’s gaze who knows inspired his acts
And shapes a world in its far-seeing flame.

पर उसके नेत्रों की काली कोरें देवदूत की दृष्टि से आलोकित हैं
यह अन्तर्यामी सब जानता है और उसके कर्मों का प्रेरक है
और अपनी दूर-द्गष्टा अन्तर्ज्वाला से वह एक संसार रूपायित करता है।

In her own realm she stumbles not nor fails,
But moves in boundaries of subtle power
Across which mind can step towards the sun.

यह मनशक्ति अपने निजी क्षेत्र में न तो लड़खड़ाती है और न असफल होती है
किन्तु सूक्ष्म-ऊर्जा की अपनी सीमाओं में संचरण करती है
जिन्हें पार कर मानस अपने सूर्य की ओर कदम बढ़ा सकता है।

A candidate for a higher suzerainty,
A passage she cut through from Night to Light,
And searched for an ungrasped Omniscience.

एक उच्चतर अधिराज्य कीवह अभ्यर्थिनी है
अज्ञ-रात्रि के मध्य पथ काट उसने पराज्योति की ओर राह बनायी है,
और एक अगम्य सर्वज्ञ प्रभु की खोज की है।

 

A dwarf three-bodied trinity was her serf.

एक बौना त्रिदेही त्रयी उस महाशक्ति का मजदूर चाकर था।

First, smallest of the three, but strong of limb,
A low-brow with a square and heavy jowl,
A pigmy Thought needing to live in bounds
For ever stooped to hammer fact and form.

उन तीनों में पहला सबसे छोटा था, किन्तु शरीर से बलवान् था,
माथा उसका नीचा था पर चौकोर भारी जबड़े वाला था,
एक बौना आदि विचार था जिसे जीने के लिए बन्धनों में रहना आवश्यक था
यह सतत झुका हुआ तथ्य और आकार को पीटता रहता था।

Absorbed and cabined in external sight,
It takes its stand on Nature’s solid base.

बाह्य दृश्य-संसार में डूबा बसा रहता,
जड़-प्रकृति के स्थूल आधार पर द़ृढ़ता से खड़ा रहता

A technician admirable, a thinker crude,
A riveter of Life to habit’s grooves,
Obedient to gross Matter’s tyranny,
A prisoner of the moulds in which it works,
It binds itself by what itself creates.

एक प्रशंसा का पात्र कुशल कारीगर है, पर एक अपरिपक्व विचारक है,
जो सकल जीवन को आदतों के खांचों में कसता रहता है
स्थूलजड़तत्त्व की तानाशाही आज्ञाओं का पालक है,
जिन ढांचों में यह कार्य करता है उन्हीं का एक कैदी है,
अपनी रचित रचनाओं में यह स्वयं को बांध लेता है।

A slave of a fixed mass of absolute rules,
It sees as Law the habits of the world,
It sees as Truth the habits of the mind.

निरंकुश नियमों की एक अटल सामूहिकता का दास है,
यह जग की आदतों को अटल विधान सम देखता है,
यह मन की आदतों को अटल सत्य सम जानता है।

In its realm of concrete images and events
Turning in a worn circle of ideas
And ever repeating old familiar acts,
It lives content with the common and the known.

साकार-आकारों और घटनाओं के अपने क्षेत्र में
एक घिसी-पिटी धारणाओं में घूमता रहता है
और अपने पुराने परिचित कर्मों को सतत दोहराता,
यह अपने सामान्य और परिचितज्ञान में सन्तुष्ट रहता है।

It loves the old ground that was its dwelling-place:
Abhorring change as an audacious sin,
Distrustful of each new discovery
Only it advances step by careful step[245]
And fears as if a deadly abyss the unknown.

यह पुरानी भूमि से जो इसका आवास स्थान था प्रेम करता है;
यह परिवर्तन से एक ढीठ पापी सम घृणा करता
प्रत्येक नयी खोज पर अविश्वास करता
एक एक कदम फूंक-फूंक रखता आगे बढ़ता है
और अज्ञात से एक प्राणलेवा खाड़ी सम भय खाता है।

A prudent treasurer of its ignorance,
It shrinks from adventure, blinks at glorious hope,
Preferring a safe foothold upon things
To the dangerous joy of wideness and of height.

अपने अज्ञान के कोष का एक सावधान कोषपाल है,
जो जोखिम उठाने से कतराता है, यशस्विनी आशा से आंख चुराता है,
विशाल तथा उन्नत शिखरों के जोखिम भरे हर्ष की अपेक्षा
यह वस्तुओं पर एक सुरक्षित द़ृढ़ आधार अधिक पसन्द करता है।

The world’s slow impressions on its labouring mind,
Tardy imprints almost indelible,
Increase their value by their poverty;
The old sure memories are its capital stock:
Only what sense can grasp seems absolute:
External fact it figures as sole truth,
Wisdom identifies with the earthward look,
And things long known and actions always done
Are to its clinging hold a balustrade
Of safety on the perilous stair of Time.

इसके श्रमरत मन पर संसार का प्रभाव चित्रण अति मन्द है,
अस्पष्ट-सी छाप है लगभग धुंधली-सी है
जो निज धूमिलता के द्वारा अपना मूल्य और बढ़ा देती है;
पुरानी निश्चित स्मृतियां ही इसका मूलधन हैं:
जिसे यह केवल इन्द्रिय-ज्ञान द्वारा ग्रहण कर सकता हैवही इसे पूर्ण लगता है:
बहिर्तथ्य को ही यह पूर्ण एकाकी सत्य सम देखता है,
प्रज्ञा को यह पार्थिव दृष्टिकोण से अभिन्न समझता है,
दीर्घकाल से ज्ञात पदार्थ और सदैव कृत-कर्मों से
यह एक सुरक्षा के सहारे सम चिपका रहता है
मानों युगकाल की खतरनाक सीढ़ी पर यही उसकी एक दृढ़ पकड़ हो।

Heaven’s trust to it are the established ancient ways,
Immutable laws man has no right to change,
A sacred legacy from the great dead past
Or the one road that God has made for life,
A firm shape of Nature never to be changed,
Part of the huge routine of the universe.

इसके लिए स्वर्ण पर आस्था रखना इसका एक प्रतिष्ठित सनातन मार्ग है,
अविकारी विधान है जिसे बदलने का मानव को अधिकार नहीं है,
उस महान् मृत भूतकाल की यह एक पावन विरासत है
या मानव जीवन के लिए परमेश्वर द्वारा रचित यही एक मार्ग है,
पार्थिव-स्वभाव का यह एक निश्चित आकार है जो कभी बदला नहीं जा सकता,
इस ब्रह्माण्ड की विशाल दिनचर्या का ही एक भाग है।

A smile from the Preserver of the Worlds
Sent down of old this guardian Mind to earth
That all might stand in their fixed changeless type
And from their secular posture never move.

त्रिलोकों के पालनहार प्रभु की मनोहर स्मित से निकला
यह संरक्षक पुरातन भौतिक आदि मन नीचे पठाया गया था
इस पृथ्वी पर, जिससे सब अपने दृढ़ अपरिवर्ती ढंग में स्थित रह सकें
और अपनी चिरकालीन जड़ मुद्रा से कभी विचलित न होवें।

One sees it circling faithful to its task,
Tireless in an assigned tradition’s round;
In decayed and crumbling offices of Time
It keeps close guard in front of custom’s wall,
Or in an ancient Night’s dim environs
It dozes on a little courtyard’s stones
And barks at every unfamiliar light
As at a foe who would break up its home,
A watch-dog of the spirit’s sense-railed house
Against intruders from the Invisible,
Nourished on scraps of life and Matter’s bones[246]
In its kennel of objective certitude.

यह पूर्ण श्रद्धा के साथ निज नियत श्रम में चक्कर लगाता
और अथक भाव से एक निर्धारित परम्परा के चक्र में घूमता दिखता है;
युगों के क्षीण और जीर्ण जर्जर विभागीय दफ्तरों पर
यह रूढ़ियों की दीवार के सामने सतर्क हो पहरा देता है,
अथवा एक प्राचीन अज्ञ-रात्रि के धूमिल परिवेश में
एक छोटे दालान के पत्थरों पर यह ऊंघता रहता है
और प्रत्येक अपरिचित ज्योति पर भूंकता और चिल्लाता है
जैसे एक शत्रु हो जो उसके घर को तोड़ने आया है,
अन्तरात्मा के इन्द्रिय-बाड़ सेघिरे घर का एक रखवाला कुत्ता है
जो दिव्य अदृश्य लोकों से आये घुसपैठियों का विरोधी है,
यह जीवन के टुकडों और भौतिक तत्त्व की हड्डियों पर पलता है,
अपनी बाह्य वस्तुओं की निश्चिति के पशु-गृह में रहता है।

And yet behind it stands a cosmic might:
A measured Greatness keeps its vaster plan,
A fathomless sameness rhythms the tread of life;
The stars’ changeless orbits furrow inert Space,
A million species follow one mute Law.

तथापि इसके पीछे एक ब्रह्माण्डीय शक्ति स्थित है
एक मर्यादित दिव्य महत्ता जो अपनी विशालतर योजना सम्भालती है,
एक अगाध सादृश्यता जो जीवन संचालन को लयबद्ध करती है;
तारों की अपरिवर्तनीय कक्षाएं स्थिर-व्योमाकाश में हल-रेखाएं खोद डालती हैं,
लक्ष-लक्ष जीवजातियां एक ही मूक दैवीविधान का अनुसरण करती हैं।

A huge inertness is the world’s defence,
Even in change is treasured changelessness;
Into inertia revolution sinks,
In a new dress the old resumes its role;
The Energy acts, the stable is its seal:
On Shiva’s breast is stayed the enormous dance.

इस जगत् की सुरक्षा एक विशाल निष्क्रियता में है,
यहां तक कि परिवर्तन में भी परिवर्तनहीनता संचित है;
तामसिक आलस्य में विद्रोह डूब मिट जाता है,
वही पुरातन एक नयी पोशाक पहन अपनी भूमिका पुनः निबाहता है;
दिव्य ऊर्जा सक्रिय है, किन्तु इस पर भी मुहर अचलता की हैः
परम शिव की छाती पर घोर नृत्य स्थिर मुद्रा में ठहर गया है।

A fiery spirit came, next of the three.

एक अग्निल मन-सत्ता, उन तीनों में दूसरे स्थान पर थी।

A hunchback rider of the red Wild-Ass,
A rash Intelligence leaped down lion-maned
From the great mystic Flame that rings the worlds
And with its dire edge eats at being’s heart.

यह लाल-जंगली-गर्दभासुर पर सवार एक कुबड़ी शक्ति थी,
यह एक दुःसाहसी प्रतिभा सिंह-समान केशधारिणी कूद धरा पर आयी थी
उस महान् गुह्य देवाग्नि से निकल जिसने त्रिलोकों को चहुं ओर से व्याप्त कर रखा है
और अपनी तीक्ष्ण धार से प्राणी के हृदय-कोर का भक्षण करती है।

Thence sprang the burning vision of Desire.

वहीं से ज्वलनशील आदि-कामना की दृष्टि उत्पन्न हुई थी।

A thousand shapes it wore, took numberless names:
A need of multitude and uncertainty
Pricks it for ever to pursue the One
On countless roads across the vasts of Time
Through circuits of unending difference.

एक सहस्र रूप धारण कर अगणित नामोंसे पुकारी जाती है:
बहु-प्राणियों की एक आवश्यकता और अस्थिरता बन गयी है
और इसे परमैकम् का पीछा करने हित सदैव कोंचती रहती है
इस काल की विस्तृत अनगिनत राहों पर
और अनन्त भिन्नता की परिधियों के मध्य इसे धकेलती है।

It burns all breasts with an ambiguous fire.

वह सकल वक्षस्थलों को एक सन्देहाग्नि से जलाती है।

A radiance gleaming on a murky stream,
It flamed towards heaven, then sank engulfed towards hell;
It climbed to drag down Truth into the mire
And used for muddy ends its brilliant Force,
A huge chameleon gold and blue and red
Turning to black and grey and lurid brown,
Hungry it stared from a mottled bough of life
To snap up insect joys, its favourite food,
The dingy sustenance of a sumptuous frame
Nursing the splendid passion of its hues.

एक मलिन तमस् धारा पर एक दीप्ति सम चमकती,
यह स्वर्ग की ओर ऊर्ध्व में चढ़ गयी, पर बाद में चहुं दिशि से घिरी नरक में गिर डूब गयी
यह परम सत्य को कीचड़ में घसीट लाने को ऊपर चढ़ी
और इसकी तेजस्वी दिव्य ऊर्जा को निज पंकिल उद्देश्यों हित प्रयोग करने लगी।
एक विशाल गिरगिट सम यह स्वर्ण और लाल और नीली
रंग बदल यह काली और भूरी और मटमैली हो जाती,
जीवन की एक चितकबरी डाल से भूखी यह घूरती
हर्ष के कीटों पर झपटती, जो इसका प्रिय भोजन है,
पर यह एक हृष्ट-पुष्ट आकार हित मलिन-दीन आहार है
जो इसके चमकते आवेश के भड़कीले रंगों का पोषण करता है।

A snake of flame with a dark cloud for tail,
Followed by a dream-brood of glittering thoughts,[247]
A lifted head with many-tinged flickering crests,
It licked at knowledge with a smoky tongue.

एक सर्प-ज्वाला है जिसकी पूंछ एक काले मेघ से रचित है,
जगमगाते विचारों का एक स्वप्न-बालसमूह इसके पीछे लगा रहता है,
एक गर्व से उठा शीश जिस पर विविधरंगी शिखाएं झिलमिलातीं,
यह एक धूम्र-सम जिह्वा से ज्ञान चाट जाती है।

A whirlpool sucking in an empty air,
It based on vacancy stupendous claims,
In Nothingness born to Nothingness returned,
Yet all the time unwittingly it drove
Towards the hidden Something that is All.

एक भंवर सम एक रिक्ताकाश से वायु चूस लेती,
शून्यता ही इसके घोर दावों का आधार थी,
क्योंकि परम शून्यता से जन्मी औ’ अनन्त शून्यता में ही लौट जाती,
फिर भी अनजाने यह सतत संचालित होती रहती है
इस गोपित परम सत् की ओर जो अखिल ब्रह्म है।

Ardent to find, incapable to retain,
A brilliant instability was its mark,
To err its inborn trend, its native cue.

खोजने को तत्पर, किन्तु सुरक्षित रखने में अक्षम,
एक प्रतिभाशाली अस्थिरता ही इसका लक्षण है,
भूल करना इसकी जन्मजात प्रवृत्ति, इसका स्वाभाविक चिह्न है।

At once to an unreflecting credence prone,
It thought all true that flattered its own hopes;
It cherished golden nothings born of wish,
It snatched at the unreal for provender.

एक चिन्तनहीन विश्वसनीयता के प्रति तुरन्त प्रवृत्त हो जाती,
जो सब इसकी अपनी आशाओं को सन्तुष्ट करता उसे हीसत्य मानती;
कामना से उत्पन्न शून्य सुनहरी धारणाओं से प्यार करती,
अयथार्थ को यह अपने पोषण हित छीन लेती।

In darkness it discovered luminous shapes;
Peering into a shadow-hung half-light
It saw hued images scrawled on Fancy’s cave;
Or it swept in circles through conjecture’s night
And caught in imagination’s camera
Bright scenes of promise held by transient flares,
Fixed in life’s air the feet of hurrying dreams,
Kept prints of passing Forms and hooded Powers
And flash-images of half-seen verities.

अन्धकार में यह दीप्तिमयी आकृतियों का संधान करती,
अर्धप्रकाश में एक लटकती छाया में झांककर
इसने रंगीन प्रतिबिम्बों को अलौकिक कल्पित कन्दरा पर घसीटा अंकित देखा;
या अनुमान की रात्रि के मध्य गोल गोल बहते हुए
इसने निज कल्पना के कैमरे में प्रतिश्रुति के चमकीले दृश्यों को
क्षणभंगुरी प्रकाश-कौंधनों के द्वारा पकड़ लिया,
जीवन के वातावरण में सपनों के दौड़ते चरणों को स्थिर कर लिया,
इसने गुजरते दैवी-आकारों और घूंघट में छिपे महाबलों की प्रतियों को
और अर्ध-गोचर यथार्थताओं की कौंधती छवियों को संभाल रख लिया।

An eager spring to seize and to possess
Unguided by reason or the seeing soul
Was its first natural motion and its last,
It squandered life’s force to achieve the impossible:
It scorned the straight road and ran on wandering curves
And left what it had won for untried things;
It saw unrealised aims as instant fate
And chose the precipice for its leap to heaven.

पकड़ने और अधिकृत कर रखने की एक उतावली छलांग थी
यह विवेक द्वारा या द्रष्टा अन्तरात्मा द्वारा निर्देशित नहीं थी
यही इसकी प्रथम और इसकी अन्तिम गति थी,
यह प्राण-ऊर्जा को असंभव की प्राप्ति हेतु व्यर्थ व्यय कर देती है;
यह सीधे मार्ग की अवज्ञा कर टेढ़े तिरछे मोड़ों पर भटकती
और जो कुछ विजित करती उन्हें अपरीक्षित वस्तुओं हित त्याग देती;
यह असिद्ध लक्ष्यों को क्षणकालिक भाग्य सम देखती
खड़ी-चट्टानरूपी बाधा को अपने स्वर्ग कीओर छलांग हित चुन लेती।

Adventure its system in the gamble of life,
It took fortuitous gains as safe results;
Error discouraged not its confident view
Ignorant of the deep law of being’s ways
And failure could not slow its fiery clutch;[248]
One chance made true warranted all the rest.

जीवन के जुए की बाजी में जोखिम लेना इसकी पद्धति थी,
यह संयोग से प्राप्त लाभोंको सुरक्षित फलों समान लेती;
इसके विश्वासपूर्ण दृष्टिकोण को भूल-भ्रान्ति निरुत्साहित नहीं कर पाती
सत्ता के गहन विधान के ढंगों से अनजान थी
और असफलता इसकी प्रचण्ड पकड़ को ढीली नहीं कर सकी थी;
यदि संयोगवश एक सत्य सिद्ध हो जाता तो शेष का औचित्य पक्का कर देता।

Attempt, not victory, was the charm of life.

विजय-श्री नहीं, केवल प्रयास ही इस जीवन का आकर्षण था।

An uncertain winner of uncertain stakes,
Instinct its dam and the life-mind its sire,
It ran its race and came in first or last.

अनिश्चित दावों की एक संदिग्ध विजेता,
प्रवृत्ति इसकी माता और प्राणिक मन इसका पिता,
यह अपनी दौड़ दौड़ती और या तो प्रथम या अन्तिम स्थान पर आती।

Yet were its works nor small and vain nor null;
It nursed a portion of infinity’s strength
And could create the high things its fancy willed;
Its passion caught what calm intelligence missed.

फिर भी इसके कर्म क्षुद्र और निरर्थक और नगण्य नहीं हैं;
इसमें शाश्वतता कीशक्ति का एक अंश पोषित रहता है-
अपनी कल्पना के संकल्प द्वारा श्रेष्ठ वस्तुओं की सृष्टि करती है;
जिसे शान्त-विवेक ग्रहण करने में चूक जाता उसे इसका मनोवेग धर लेता है।

Insight of impulse laid its leaping grasp
On heavens high Thought had hidden in dazzling mist,
Caught glimmers that revealed a lurking sun:
It probed the void and found a treasure there.

इसके अन्तर्वेग की अन्तर्दृष्टि ने अपनी छलांग लेती मुट्ठी में
स्वर्गों को पकड़ लिया, जिन्हें उच्च दिव्य भाव की चुंधियाती धुंध में छिपा लिया था,
उन जगमगाहटों को धर लिया जिसने एक गोपित सूर्य को प्रकटा दिया:
इसने असत् का परीक्षण किया और वहां एक निधि को खोज निकाला।

A half-intuition purpled in its sense;
It threw the lightning’s fork and hit the unseen.

एक अर्ध-अन्तर्बोध इसके इन्द्रियसंवेदन में मिश्रित था;
यह विद्युती यन्त्र फेंकती जो अगोचर पर जा लगता।

It saw in the dark and vaguely blinked in the light,
Ignorance was its field, the unknown its prize.

यह अन्धकार में देख पाती और प्रकाश में अनिश्चय से पलकें झपकाती,
अविद्या ही इसका कार्यक्षेत्र था, इसका पुरस्कार अज्ञात था।

Of all these Powers the greatest was the last.

इन तीनों शक्तियों में अन्तिम ही महानतम थी।

Arriving late from a far plane of thought
Into a packed irrational world of Chance
Where all was grossly felt and blindly done,
Yet the haphazard seemed the inevitable,
Came Reason, the squat godhead artisan,
To her narrow house upon a ridge in Time.

विचार के एक सुदूर स्तर से यह अति विलम्ब कर
हठात् असंगतियों से भरे एक दैवयोग के जगत् में पहुंच गयी थी
जहां पर सब स्थूलता द्वारा अनुभव किया जाता और अन्धता से सम्पादित होता,
फिर भी अव्यवस्थित पर अनिवार्य जैसा ही लगता था,
वहां पर गोलमटोल देवांश शिल्पी, तार्किक बुद्धि ने प्रवेश किया
अपने संकरे गृह में, जो युगकाल के एक शिखर पर स्थित है।

Adept of clear contrivance and design,
A pensive face and close and peering eyes,
She took her firm and irremovable seat,
The strongest, wisest of the troll-like Three.

यह स्पष्ट योजना और रूपरेखन में निपुण थी,
एक गम्भीर मुखमण्डल और पास-पास गहरी छेदती आंखें,
उसने अपना दृढ़ और अचल आसन ग्रहण किया,
उन त्रयी बौनी शक्तियों में यही सबसे चतुर और बलवान् है।

Armed with her lens and measuring-rod and probe,
She looked upon an object universe
And the multitudes that in it live and die
And the body of Space and the fleeing soul of Time,
And took the earth and stars into her hands
To try what she could make of these strange things.

यह अपने वीक्षण-शीशे और माप-दण्ड और परीक्षण-यन्त्र से सज्जित,
इसने विश्व का एक वस्तु समान निरीक्षण किया
और इसमें जीने और मरने वाले साधारण बहुसंख्यकों को
और व्योमाकाश की काया को और त्रिकाल की उड़ती आत्मा को देखा,
और इस पृथ्वी और तारों को निज हाथों में लेकर
इन विचित्र तत्त्व-पदार्थों से कुछ समझने का प्रयत्न किया।

In her strong purposeful laborious mind,
Inventing her scheme-lines of reality[249]
And the geometric curves of her time-plan,
She multiplied her slow half-cuts at Truth:
Impatient of enigma and the unknown,
Intolerant of the lawless and the unique,
Imposing reflection on the march of Force,
Imposing clarity on the unfathomable,
She strove to reduce to rules the mystic world.

अपने दृढ़, ध्येयी परिश्रमी मन में
उसने अपने यथार्थ की योजना-रेखाओं का
और अपनी कालगत परियोजना की ज्यामितिक वक्र रेखाओं का आविष्कार किया,
उसने पूर्ण-सत्य को अपनी अर्ध-कर्तनों में काट कई गुना बढ़ा दिया:
अज्ञात और रहस्य की पहेली के प्रति असहिष्णु,
अराजकता और अद्वितीय का वह सहन नहीं कर पाती
दिव्य शक्ति के प्रयाण पर उसने विचार विमर्श आरोपित कर,
अपरिमित अगाध पर स्पष्टता को थोप दिया,
उसने इस गुह्य संसार को नियमों में नियन्त्रित कर घटाने का प्रयास किया।

Nothing she knew but all things hoped to know.

उसे ज्ञान किसी वस्तु का नहीं था किन्तु सकल पदार्थों को जानने की आशा करती।

In dark inconscient realms once void of thought,
Missioned by a supreme Intelligence
To throw its ray upon the obscure Vast,
An imperfect light leading an erring mass
By the power of sense and the idea and word,
She ferrets out Nature’s process, substance, cause.

इन अन्धे अचित् क्षेत्रों में जहां कभी विचार का पूर्ण अभाव था,
एक परम दिव्य बुद्धि द्वारा प्रेषित
वह इस धूमिल अचित् विराट् पर निज प्रकाश-रश्मि का क्षेपण करती
यह एक अपूर्ण ज्योति थी जो एक भटकते भूल करते जन-समूह को
संवेदन और विचार और शब्दबोध की शक्ति द्वारा मार्ग दर्शाती,
तथा भौतिक-प्रकृति की प्रक्रिया, सार तत्त्व और कारण की खोज करती।

All life to harmonise by thought’s control
She with the huge imbroglio struggles still;
Ignorant of all but her own seeking mind
To save the world from Ignorance she came.

विचार संयम द्वारा सकल जीवन में सामञ्जस्य लाने के लिए
अभी तक इस घोर अस्तव्यस्तता के साथ वह संघर्षरत है;
अपने जिज्ञासु मन के अलावा वह शेष समस्त के प्रति अनजान
इस संसार को अविद्या से सुरक्षित रखने वह आयी थी।

A sovereign worker through the centuries,
Observing and re-moulding all that is,
Confident she took up her stupendous charge.

शताब्दियों से चली आ रही एक सर्वसत्ताधारी श्रमिक है,
सकल सृष्टि का प्रेक्षण करती और नव-निर्माण करती,
पूर्ण विश्वास के साथ वह अपना भीषण कार्य-भार सम्भालती है।

There the low bent and mighty figure sits
Bowed under the arc-lamps of her factory-home
Amid the clatter and ringing of her tools.

निज कारखाने रूपी घर में आर्क-लैम्पो तले झुकी
अपने औजारों की खड़खड़ाहट और टनटनाहट के मध्य
वहां दुहरी बनी मुद्रा में यह शक्तिशाली आकृति नीचे बैठी है।

A rigorous stare in her creative eyes
Coercing the plastic stuff of cosmic Mind,
She sets the hard inventions of her brain
In a pattern of eternal fixity:
Indifferent to the cosmic dumb demand,
Unconscious of too close realities,
Of the unspoken thought, the voiceless heart,
She leans to forge her credos and iron codes
And metal structures to imprison life
And mechanic models of all things that are.

उसके रचनात्मक नेत्रों में एक संयमी कठोर चितवन है
जो वैश्विक मनशक्ति के नमनीय द्रव्य पर दबाव डालती है,
वह अपने मस्तिष्क के कठोर आविष्कारों को ढालकर
अमर अचल दृढ़ता के एक नमूने में स्थापित कर देती है:
ब्रह्माण्डीय मौन दावे के प्रति उदासीन है,
परम अनुच्चारित विचार, निःशब्द हृदय के प्रति,
अति आन्तरिक सत्-यथार्थ के प्रति अचेत है,
वह अपने मतों और लौह नियमों को गढ़ने में
और जीवन को बन्दी बना रखने की लौह-काराओं में
सकल अभिव्यक्त पदार्थों की यान्त्रिक अनुकृतियां बनाने में व्यस्त है।

For the world seen she weaves a world conceived:
She spins in stiff but unsubstantial lines[250]
Her gossamer word-webs of abstract thought,
Her segment systems of the Infinite,
Her theodicies and cosmogonic charts
And myths by which she explains the inexplicable.

इस दृश्य जगत् के लिए वह एक धारणाओं का संसार बुनती है:
वह सख्त किन्तु निस्सार धागों को सतत कातती है
अमूर्तविचार के उसके ये महीन सूक्ष्म शब्द-जाल हैं,
उस अनन्तता की निजी खण्डित आंशिक पद्धतियां हैं,
उसके अपने दर्शनशास्त्र और वैश्विक सौर मानचित्र
और पौराणिक कथाएं हैं जिनके द्वारा वह अज्ञेय की व्याख्या करती है।

At will she spaces in thin air of mind
Like maps in the school-house of intellect hung,
Forcing wide Truth into a narrow scheme,
Her numberless warring strict philosophies;
Out of Nature’s body of phenomenon
She carves with Thought’s keen edge in rigid lines
Like rails for the World-Magician’s power to run,
Her sciences precise and absolute.

स्वेच्छा से उन्हें वह मनाकाश के सूक्ष्म वातावरण में
नक्शों समान बुद्धि की पाठशाला की दीवार पर टांग देती है,
विशाल परम-सत्य को एक संकुचित योजना में विवश कर,
अपने अनगिनत संघर्ष में लगे कठोर दर्शन-शास्त्रों में बांध देती है;
भौतिक-प्रकृति की बहिर्दृश्यों की काया को
वह मेधाशक्ति को अनम्य रेखाओं की तीक्ष्ण धारा से ऐसे काट डालती है
मानों जग-मायाविनी की ऊर्जा को दौड़ाने की रेलपटरियां खोद बनाती हो,
उसका विज्ञान यथातथ्य और परिपूर्ण है।

On the huge bare walls of human nescience
Written round Nature’s deep dumb hieroglyphs
She pens in clear demotic characters
The vast encyclopaedia of her thoughts;
An algebra of her mathematics’ signs,
Her numbers and unerring formulas
She builds to clinch her summary of things.

मानवीय निश्चेतना की विशाल कोरी दीवारों पर लिखी हुई
गुह्य प्रकृति की गहन मूक चित्रलिपियों को
वह स्पष्ट जन-साधारण के अक्षरों में लिख देती है
उसके विचारों का यही विस्तृत विश्व-कोश है;
अपने गणित-संकेतों के एक बीज ज्ञान को,
अपनी संख्याओं और त्रुटिहीन सूत्रों को
वह वस्तुओं का निजी सारांश निश्चित करने को रचती है।

On all sides runs as if in a cosmic mosque
Tracing the scriptural verses of her laws
The daedal of her patterned arabesques,
Art of her wisdom, artifice of her lore.

समस्त ब्रह्माण्ड पर एक मस्जिद समान निज विधान की
धार्मिक-आयतों की नक्काशी चारोंओर कर देती है
उसके चित्रित अरबी लिपि समान अक्षर कलात्मक हैं,
उसका प्रतिभाशाली कला कौशल, उसके शिल्प ज्ञान की निपुणता है।

This art, this artifice are her only stock.

यह कला, यह निपुण कौशल ही उसकी एकमात्र निधि है।

In her high works of pure intelligence,
In her withdrawal from the senses’ trap,
There comes no breaking of the walls of mind,
There leaps no rending flash of absolute power,
There dawns no light of heavenly certitude.

विशुद्ध प्रतिभा के अपने श्रेष्ठ कार्यों में
इन्द्रियों के पाश से बचने के इस उपक्रमण में,
मन की सीमाबाड़ोंको भंग करना आवश्यक नहीं होता है,
सर्वोच्च शक्ति की कोई विदीर्ण-कारिणी ज्वालावहां कूद नहीं आती,
अलौकिक निश्चित की कोई ज्योति वहां उदित नहीं होती।

A million faces wears her knowledge here
And every face is turbaned with a doubt.

यहां लक्ष-लक्ष भाल उसका ज्ञान धारण करते हैं
और प्रत्येक भाल पर एक शंका की पगड़ी बंधी है।

All now is questioned, all reduced to nought.

अब सकल पर सन्देह किया जाता, सबको शून्य में घटा दिया जाता है।

Once monumental in their massive craft
Her old great mythic writings disappear
And into their place start strict ephemeral signs;
This constant change spells progress to her eyes:[251]
Her thought is an endless march without a goal.

उसके महान् शिल्प जो कभी स्मारक सम महत्त्वपूर्ण थे
उसकी पुरातन महती पौराणिक रचनाएं लोप हो गयीं
और उनके स्थान पर अनम्य क्षणिक संकेत आरम्भ हो गये हैं,
यह अविरत परिवर्तन उसकी दृष्टि में उन्नति का सूचक है:
उसके विचार एक लक्ष्यहीन अनन्त प्रयाण हैं।

There is no summit on which she can stand
And see in a single glance the Infinite’s whole.

वहां पर एक भी शिखर नहीं है जहां वह स्थिर खड़ी हो जाये
और चिरन्तन की समग्रता को एक अकेली दृष्टि में भर देख ले।

An inconclusive play is Reason’s toil.

विवेक बुद्धि का श्रम एक अनिर्णायक लीला है।

Each strong idea can use her as its tool;
Accepting every brief she pleads her case.

प्रत्येक दृढ़-भाव उसे अपने यन्त्र सम उपयोग कर सकता है;
प्रत्येक संक्षिप्त विवरण को स्वीकार कर वह अपने मुकदमें की पैरवी करती है।

Open to every thought, she cannot know.

प्रत्येक विचार की ओर उद़्घाटित होने पर भी वह जान नहीं पाती है।

The eternal Advocate seated as judge
Armours in logic’s invulnerable mail
A thousand combatants for Truth’s veiled throne
And sets on a high horseback of argument
To tilt for ever with a wordy lance
In a mock tournament where none can win.

वह परम प्रभु वकीलबन न्यायाधीश सम आसन पर विराजमान है
जिसने तर्क के अभेद्य-कवच से सज्जित कर शत-शत योद्धाओं को
चरम-सत्य के आच्छन्न सिंहासन के प्रतिद्वन्द्वियों को
वाद-विवाद के एक ऊंचे अश्व पर बिठा मैदान में छोड़ दिया है
और वे एक शाब्दिक भाले से सतत आरोप करते
एक दिखावटी प्रतियोगिता में व्यस्त हैं, जहां कोई विजयी नहीं हो सकता है।

Assaying thought’s values with her rigid tests
Balanced she sits on wide and empty air,
Aloof and pure in her impartial poise.

मनशक्ति विचार के मूल्यों को अपने कठोर परीक्षण के द्वारा परखती है
एक विशाल रिक्त वायुमण्डल में सन्तुलित भाव से विराजती है,
अपनी निष्पक्ष मुद्रा में एकाकी और विशुद्ध स्थित है।

Absolute her judgments seem but none is sure;
Time cancels all her verdicts in appeal.

उसके निर्णय परिपूर्ण दिखते हैं किन्तु एक भी अचूक नहीं है;
त्रिकाल उसके सकल निर्णयों को अपील द्वारा रद्द कर देता है।

Although like sunbeams to our glow-worm mind
Her knowledge feigns to fall from a clear heaven,
Its rays are a lantern’s lustres in the Night;
She throws a glittering robe on Ignorance.

यद्यपि हमारे जुगनू-मन के लिए उसका ज्ञान सूर्य-किरणोंसमान है
वह अपने ज्ञान को एक ज्योतिर्मय स्वर्ग से अवतरण का बहाना करती है,
पर अचित् की घोर रजनी में इसकी किरणें एक दीपक की प्रकाश तरंगें हैं;
अविद्या को वह एक चमकीली पोशाक पहना देती है।

But now is lost her ancient sovereign claim
To rule mind’s high realm in her absolute right,
Bind thought with logic’s forged infallible chain
Or see truth nude in a bright abstract haze.

किन्तु अब उसका सनातन एकाधिपत्यता का वह दावा समाप्त हो गया है
जो मन के उन्नत राज्य पर उसके निरंकुश शासन के अधिकार का है,
विचार को तर्कज्ञान द्वारा गठित श्रृंखला से बांध देने का
या सत्य को एक चमकीली कल्पित धुंध में विशुद्ध नग्न रूप में देखने का था।

A master and slave of stark phenomenon,
She travels on the roads of erring sight
Or looks upon a set mechanical world
Constructed for her by her instruments.

इस हठीले कठोर दृश्य-प्रपंच की वह स्वामिनी और एक दासी है,
दोषपूर्ण दृश्य-पथों पर वह सतत यात्रा करती है
अथवा एक रूढ़िगत यान्त्रिक संसार पर निगाह रखती है
जिसे उसने स्वयं अपने यन्त्रों द्वारा अपने लिए निर्माण किया है।

A bullock yoked in the cart of proven fact,
She drags huge knowledge-bales through Matter’s dust
To reach utility’s immense bazaar.

प्रमाणित तथ्य की गाड़ी में जुती एक बैल है,
जो ज्ञान की भारी गठरियां अचित् जड़तत्त्व की धूलि के मध्य खींचती है
जिससे उन्हें खींच उपयोगिता की विशाल हाट में ले जाये।

Apprentice she has grown to her old drudge;
An aided sense is her seeking’s arbiter.

अपनी प्राचीन नीरस चाकरी से उन्नत हो वह शिक्षार्थी पद पा गयी है;
उसकी खोज का निर्णायक एक सहायक इन्द्रियबोध है।

This now she uses as the assayer’s stone.[252]

अब इसको वह कसौटी के पत्थर समान उपयोग में लाती है।

As if she knew not facts are husks of truth,
The husks she keeps, the kernel throws aside.

क्योंकि उसे ज्ञात न था कि संसारी तथ्य सब सत्य की भूसी हैं,
वह इस भूसी को सम्भाल रख लेती है, सारतत्त्व को एक ओर फेंक देती है।

An ancient wisdom fades into the past,
The ages’ faith becomes an idle tale,
God passes out of the awakened thought,
An old discarded dream needed no more:
Only she seeks mechanic nature’s keys.

एक प्राचीन सत्य-ज्ञान भी अतीत में पहुंच मन्द हो जाता है,
युगों का विश्वास भी एक निराधार कथा बन जाता है,
भूतकाल के जाग्रत् विचार से ईश बाहर निकल जाता है।
एक पुरातन परित्यक्त स्वप्न हो जिसकी अब और आवश्यकता नहीं रही:
अब वह यान्त्रिक स्वभाव की कुंजियां खोजा करती है।

Interpreting stone-laws inevitable
She digs into Matter’s hard concealing soil,
To unearth the processes of all things done.

पाषाणयुग विधानों की व्याख्या करना अनिवार्य मानकर
वह जड़तत्त्व की कठोर गोपित भूमि को खोदती है,
समस्त सम्पादित वस्तुओं की प्रक्रियाओं को खोजने में लगी है।

A loaded huge self-worked machine appears
To her eye’s eager and admiring stare,
An intricate and meaningless enginery
Of ordered fateful and unfailing chance:
Ingenious and meticulous and minute,
Its brute unconscious accurate device
Unrolls an unerring march, maps a sure road;
It plans without thinking, acts without a will,
A million purposes serves with purpose none
And builds a rational world without a mind.

एक भार से लदी विशाल स्व-चालित मशीन
उसके नेत्रों की उत्सुक और प्रशंसक दृष्टि के सामने प्रकट हो जाती है,
एक जटिल और अर्थहीन यान्त्रिक शिल्प कौशल
जो व्यवस्थित भाग्याधीन और सफल दैवयोग का हैः
विचक्षण और त्रुटिहीन और अति सूक्ष्म है,
यह असभ्य अचेतन है किन्तु इसकी यन्त्र-संरचना यथातथ्य है
एक अचूक प्रयाणपथ दर्शाता है, एक निश्चित पथ मापता है;
यह बिना विचार के योजना बनाता है, बिना किसी संकल्प के कार्य करता है,
बिना किसी उद्देश्य के लक्ष-लक्ष उद्देश्यों की पूर्ति करता है।
और बिना मन के एक विचारशील जग की रचना करता है।

It has no mover, no maker, no idea:
Its vast self-action toils without a cause;
A lifeless Energy irresistibly driven,
Death’s head on the body of Necessity,
Engenders life and fathers consciousness,
Then wonders why all was and whence it came.

इसका कोई प्रेरक, कोई स्रष्टा नहीं है इसमें भाव का अभाव है:
इसकी विस्तृत स्व-चालित गति अकारण श्रमरत है;
एक प्राणहीन दैवी-ऊर्जा जो संचालन हित विवश है;
घोर अनिवार्यता की देह पर मृत्यु का शीश है,
जीवन का प्रजनन करती जननी है और चेतना की जनक है,
तब फिर स्वयं चकित हो जाता है कि यह सब क्यों और कहां से आया है।

Our thoughts are parts of the immense machine,
Our ponderings but a freak of Matter’s law,
The mystic’s lore was a fancy or a blind;
Of soul or spirit we have now no need:
Matter is the admirable Reality,
The patent unescapable miracle,
The hard truth of things, simple, eternal, sole.

हमारे विचार सब इस विराट् मशीन के अंग हैं,
हमारे चिन्तन भी जड़तत्त्व के विधान की सनक हैं,
यह गुह्य ज्ञान भी एक कल्पना या एक अन्धता थी;
अब आत्मा या परमात्मा की हमें कोई आवश्यकता नहीं हैः
भौतिकता ही केवल प्रशंसा का पात्र सत्य यथार्थ है
इसे एकस्व प्राप्त है तथा यह अनिवार्य प्रत्यक्ष चमत्कार है
वस्तुओं का यही कठोर सत्य है, सरल, शाश्वत, अद्वितीय है।

A suicidal rash expenditure
Creating the world by a mystery of self-loss
Has poured its scattered works on empty space;[253]
Late shall the self-disintegrating Force
Contract the immense expansion it has made:
Then ends this mighty and unmeaning toil,
The Void is left bare, vacant as before.

एक आत्मघाती दुःसाहसी अंधाधुंध व्यय द्वारा और
इस जगत् की सृष्टि निज आत्म-हानि के एक रहस्य द्वारा
इसने रिक्ताकाश में अपनी बिखरी हुई कृतियां उंडेल दी हैं;
अन्त में कभी यह आत्म-विघटित परम ऊर्जा
इस विराट् स्वरचित विस्तार का समेट अपने में समाहित कर लेगी:
तब यह शक्तिशाली और अर्थहीन परिश्रम समाप्त हो जाता है,
यह महाशून्य पहले जैसा नग्न और रिक्त रह जाता है।

Thus vindicated, crowned, the grand new Thought
Explained the world and mastered all its laws,
Touched the dumb roots, woke veiled tremendous powers;
It bound to service the unconscious djinns
That sleep unused in Matter’s ignorant trance.

इस प्रकार यह महान् नवीन और दैवी-विचार न्यायसंगत और शिरोमणि बना
इस संसार की व्याख्या करता और इसके विधानों पर प्रभुत्व रखता,
इसने इसके मूढ़ आदिमूलों का स्पर्श कर, गोपित भीषण-शक्तियों को जगा दिया है;
जड़ता के अचेत जिन्नों को सेवा में बांध लिया है
जो जड़तत्त्व की अज्ञ समाधि में अनुपयोगी बने सोते थे।

All was precise, rigid, indubitable.
But when on Matter’s rock of ages based
A whole stood up firm and clear-cut and safe,
All staggered back into a sea of doubt;
This solid scheme melted in endless flux:
She had met the formless Power inventor of forms;
Suddenly she stumbled upon things unseen:
A lightning from the undiscovered Truth
Startled her eyes with its perplexing glare
And dug a gulf between the Real and Known
Till all her knowledge seemed an ignorance.

अब तक समस्त सुनिश्चित, दृढ़ और शंकारहित था
किन्तु जब जड़तत्त्व की युगों पुरानी चट्टान को आधार बना
एक नया जग सुदृढ़ और स्पष्ट आकार ले सुरक्षित खड़ा हो गया,
हठात् तभी यह सब लड़खड़ाकर शंका के सागर में जा गिरा,
यह ठोस योजना अन्तहीन बाढ़ में घुल गयीः
वह तर्कशक्ति भेंटी उस निराकारी महाशक्ति से जो आकारों की आविष्कर्त्री है;
हठात् यह अगोचर पदार्थों से जा टकरायी:
अशोधित परम सत्य से एक बिजली कौंध गयी
जिसकी जटिल चकाचौंध ने उसके नयनों को व्यथित कर डाला
और इसने उस परम सत् और बौद्धिक ज्ञान के मध्य एक खाड़ी खोद दी
यहां तक कि उसे सकल ज्ञान अब एक अज्ञान ही दिखने लगा।

Once more the world was made a wonder-web,
A magic’s process in a magical space,
An unintelligible miracle’s depths
Whose source is lost in the Ineffable.

एक बार पुनः यह संसार एक माया-जाल द्वारा रचित लगने लगा,
जैसे एक माया-आकाश में एक माया की प्रक्रिया चलती हो,
एक अबोधगम्य चमत्कार की गहनताएं हों
जिनका आदि स्रोत परम अनिर्वचनीय में लोप हो गया हो।

Once more we face the blank Unknowable.

एक बार फिर हमारे सन्मुख शून्य अज्ञेय विराट् उपस्थित था।

In a crash of values, in a huge doom-crack,
In the sputter and scatter of her breaking work
She lost her clear conserved constructed world.

मूल्यों के एक धमाके में, एक दानवी विनाशकारी विस्फोट ने,
टूटती सृष्टि की इस उखड़न और बिखरन में
उसने अपनी स्पष्ट, रूढ़िगत सुरक्षित संसार-रचना को खो दिया।

A quantum dance remained, a sprawl of chance
In Energy’s stupendous tripping whirl:
A ceaseless motion in the unbounded Void
Invented forms without a thought or aim:
Necessity and Cause were shapeless ghosts;
Matter was an incident in being’s flow,
Law but a clock-work habit of blind force.

महा-ऊर्जा के अति भीषण लड़खड़ाते अस्थिर गोल घूर्णन में
एक ऊर्जाणु-नृत्य मात्र शेष था, दैवयोग का एक प्रसार फैला हुआ था:
उस सीमाहीन घोर शून्य में एक अविराम गति स्पन्दन था
जो बिना किसी विचार या लक्ष्य के आकारों का आविष्कार करता:
भौतिक अनिवार्यता और लोक-कारणआकारहीन प्रेत थे;
सत् के प्रवाह में जड़तत्त्व मात्र एक घटना थी,
दैवी विधान सब अन्धी ऊर्जा के नियत-कार्य का मात्र एक स्वभाव था।

Ideals, ethics, systems had no base[254]
And soon collapsed or without sanction lived;
All grew a chaos, a heave and clash and strife.

आदर्शों, आचारों, रीतियों का कोई आकार नहीं था
और वे शीघ्र ढह गये या बिना अनुमोदन के जीवित रहे;
समस्त एक अव्यवस्था में पनप, एक उथल-पुथल, संघर्ष औ’ कलह में बदल गया।

Ideas warring and fierce leaped upon life;
A hard compression held down anarchy
And liberty was only a phantom’s name:
Creation and destruction waltzed inarmed
On the bosom of a torn and quaking earth;
All reeled into a world of Kali’s dance.

घोर भावनाएं टकरातीं और हिंसा से भर उछल जीवन पर आक्रमण करतीं
एक कठोर सम्पीड़न का दबाब अराजकता को दबाये रखता
और स्वाधीनता तो जैसे एक छाया का नाम था:
सृष्टि और विनाश दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे
एक जीर्ण-शीर्ण कम्पित धरा के वक्ष पर नाचते;
सब महाकाली के घोर नृत्य के एक जगत् में चक्कर खाते घूमते।

Thus tumbled, sinking, sprawling in the Void,
Clutching for props, a soil on which to stand,
She only saw a thin atomic Vast,
The rare-point sparse substratum Universe
On which floats a solid world’s phenomenal face.

इस प्रकार उसे रीते महाशून्य में ठोकर खाते, डूबते प्रसारण में
सहारों को खोजती, खड़े होने को एक धरती ढूंढ़ती,
उस मनःशक्ति ने केवल एक सूक्ष्म संकीर्ण आणविक विराट् देखा,
यह दुर्लभ सूक्ष्म बिन्दु का विकीर्ण आदि तरल तत्त्व का एक ब्रह्माण्ड था
जिस पर एक स्थूल जगत् का प्रतीयमान मुख तैर रहा था।

Alone a process of events was there
And Nature’s plastic and protean change
And, strong by death to slay or to create,
The riven invisible atom’s omnipotent force.

वहां घटनाओं की एक अकेली प्रक्रिया थी
और प्रकृति देवी का नमनीय और रूप बदलता परिवर्तन था
और, जो हनन और सर्जन हित मृत्यु द्वारा शक्ति प्राप्त करती
वह उस विघटित अदृश्य अणु कीशक्तिशाली ऊर्जा थी।

One chance remained that here might be a power
To liberate man from the old inadequate means
And leave him sovereign of the earthly scene.

अब केवल एक अवसर बाकी था कि यहां एक शक्ति ऐसी हो
जो मानव को उसके पुराने अपर्याप्त उपकरणों से मुक्ति दिला सके
और उसे पार्थिव दृश्य का सम्राट्बना दे।

For Reason then might grasp the original Force
To drive her car upon the roads of Time.

क्योंकि तब विवेक शक्ति आदि जड़-ऊर्जा पर अधिकार कर सके
और उससे अपनी गाड़ी महाकाल के पथों पर संचालित करवाये।

All then might serve the need of the thinking race,
An absolute State found order’s absolute,
To a standardised perfection cut all things,
In society build a just exact machine.

तब इस विचारशील मानवजाति की आवश्यकता पूर्ति सकल सृष्टि करती,
एक निर्बाध राष्ट्र शासन-व्यवस्था पूर्णता प्राप्त कर लेती,
सकल पदार्थों को एक मानवीकृत पूर्णता से काट देती।
समाज में एक सही न्यायपूर्ण यांत्रिकता का निर्माण कर लेती।

Then science and reason careless of the soul
Could iron out a tranquil uniform world,
Aeonic seekings glut with outward truths
And a single patterned thinking force on mind,
Inflicting Matter’s logic on Spirit’s dreams
A reasonable animal make of man
And a symmetrical fabric of his life.

तब विज्ञान और तर्क दोनों ही अन्तरात्मा की उपेक्षा कर
एक शान्त एकरस समानधर्मा जगत् द्वारा समाधान पा सकते,
युगों की जिज्ञासाओं को तब बहिर्सत्यों से ठूंस सन्तुष्ट कर देते
विचारशक्ति का एक अकेला प्रतिमान मन को स्वीकारने को विवश कर देते,
भौतिक तर्कवाद को आत्मा के सपनोंपर थोप दिया जाता
मानव को विवेकी पशु बना दिया जाता
और उसका जीवन-रूपी वस्त्र एक समान ताने-बाने से बुना होता।

This would be Nature’s peak on an obscure globe,
The grand result of the long ages’ toil,
Earth’s evolution crowned, her mission done.[255]

एक धूमिल गोलक पर यह अपरा प्रकृति का शिखर होता,
दीर्घ युगों के परिश्रम का यही भव्य परिणाम होता,
धरा का विकासक्रम चिर शिखर पर होता, उसका लक्ष्य पूर्ण हो जाता।

So might it be if the spirit fell asleep;
Man then might rest content and live in peace,
Master of Nature who wants her bondslave worked,
The world’s disorder hardening into Law,—
If Life’s dire heart arose not in revolt,
If God within could find no greater plan.

तब ऐसा ही होता यदि मानव की अन्तरात्मा सो गयी होती;
और मानव सन्तुष्ट हो आराम से शान्त जीवन जीता,
वह सकल प्रकृति का स्वामी कभी उसका बंधक-दास बना कार्यरत था,
मनशक्ति इस जगत् की व्यवस्था को कठोर विधान में जकड़ सख्त कर देती,
यदि मानव जीवन का दारुण हृदय विद्रोह में न उठ खड़ा होता,
यदि अन्तर्वासी प्रभु की और कोई महत्तर योजना न होती।

But many-visaged is the cosmic Soul;
A touch can alter the fixed front of Fate.

किन्तु विश्वात्मा के अनेक रूप बहु-मुद्राएं हैं;
मानव-भाग्य के दृढ़ निश्चित रुख को एक स्पर्श बदल सकता है।

A sudden turn can come, a road appear,
A greater Mind may see a greater Truth,
Or we may find when all the rest has failed
Hid in ourselves the key of perfect change.

हठात् एक मोड़ आ सकता है, एक मार्ग प्रकट हो जाता है,
एक महत्तर सत्यमन एक पूर्ण सत्य देख पाता है,
या जब बाकी सब असफल हो जाता है तब हम अपने अन्तर में
पूर्ण रूपान्तर की एक गोपित कुंजी पा सकते हैं।

Ascending from the soil where creep our days,
Earth’s consciousness may marry with the Sun,
Our mortal life ride on the spirit’s wing,
Our finite thoughts commune with the Infinite.

इस माटी से जहां हमारे दिवस घसीटते व्यतीत होते हैं,
पार्थिव-चेतना आरोहण कर सूर्यदेव से विवाह कर सकती है।
हमारी नश्वर प्राणशक्ति आत्म-चेतना के पंखों पर सवार उड़ सकती है,
हमारी मर्त्य विचारधारा नित्य-प्रभु से संलाप कर सकती है।

In the bright kingdoms of the rising Sun
All is a birth into a power of light:
All here deformed guards there its happy shape,
Here all is mixed and marred, there pure and whole;
Yet each is a passing step, a moment’s phase.

उदित होते सूर्यदेव के प्रकाशमय प्रदेशों में
ज्योति की एक शक्ति में सम्पूर्ण सृष्टि एक जन्म है:
यहां जो सब विकारमय है वहां अपने सुमंगली सुखी रूप में सुरक्षित है,
यहां पर सब मिश्रित और कलुषित हैं, वहां प्रत्येक विशुद्ध और पूर्ण है;
तथापि प्रत्येक अतीत में डूबा एक पग है, एक क्षणिक स्थिति है।

Awake to a greater Truth beyond her acts,
The mediatrix sat and saw her works
And felt the marvel in them and the force
But knew the power behind the face of Time:
She did the task, obeyed the knowledge given,
Her deep heart yearned towards great ideal things
And from the light looked out to wider light:
A brilliant hedge drawn round her narrowed her power;
Faithful to her limited sphere she toiled, but knew
Its highest, widest seeing was a half-search,
Its mightiest acts a passage or a stage.

अपने कर्मोंसे परे एक महत्तर परा-सत्य की ओर जागृत हो,
इस मध्यस्था साक्षी दृष्टि ने बैठ निज कार्यों का अवलोकन किया
और उनमें आदृभुत्य को और शक्ति को अनुभव किया
किन्तु त्रिकाल के मुख के पीछे छिपी महाशक्ति का भी ज्ञान पाया;
उसने प्राप्त ज्ञान का अनुसरण कर, निज नियत कार्य सम्पादित किया,
पर उसके हृदय की गहनताएं सतत महान् आदर्श वस्तुओं के प्रति लालायित थीं
और उसने निज प्रकाश के बाहर उस बृहत्तर ज्योति कीओर देखा:
पर उसके चहुं ओर रेखांकित एक दीप्तिमयी सीमा ने उसके बल को सीमित कर दिया;
अपने सीमित कार्य-क्षेत्र के प्रति निष्ठा से पूर्ण यह श्रमरत थी,
किन्तु इसे ज्ञात था कि इसकी उच्चतम, विस्तृततम दृष्टि भी एक अधूरी खोज थी
इसके अति सामर्थ्यपूर्ण कर्म भी एक मार्ग या एक पड़ाव मात्र थे।

For not by Reason was creation made
And not by Reason can the Truth be seen
Which through the veils of thought, the screens of sense
Hardly the spirit’s vision can descry[256]
Dimmed by the imperfection of its means:
The little Mind is tied to little things:
Its sense is but the spirit’s outward touch
Half-waked in a world of dark Inconscience;
It feels out for its beings and its forms
Like one left fumbling in the ignorant Night.

क्योंकि मानसिक विज्ञता द्वारा सृष्टि की रचना नहीं हुई थी
और विवेकी शक्ति द्वारा परम-सत्य का दर्शन नहीं हो सकता है
क्योंकि विचार के पटों से ढकी, इन्द्रियों के पर्दे के पीछे छिपी
आत्मा का दर्शन करना इसके लिए अति कठिन है
और इसके उपकरणों की अपूर्णता के कारण धूमिल और अस्पष्ट है:
यह संकीर्ण मन छोटी-छोटी वस्तुओं से बंधा है:
इसका बोध केवल अन्तरात्मा के बहिर्स्पर्श तक सीमित है,
अन्धकारपूर्ण अचित् संसार में यह अर्ध-चेतन है;
यह अपने प्राणियों और इसके आकारों की अनुभूति ऐसे पाता है
जैसे कोई अज्ञान की घोर रात्रि में टटोल खोजता है।

In this small mould of infant mind and sense
Desire is a child-heart’s cry crying for bliss,
Our reason only a toys’ artificer,
A rule-maker in a strange stumbling game.

इस शिशु-मन और बोध के लघु ढांचे में
कामना तो शिशु हृदय का रोदन है आनन्द हित चीत्कार है,
हमारा विवेक तो केवल एक खिलौनों का कारीगर है
एक विचित्र लड़खड़ाते खेल में एक नियम का सर्जनहार है।

But she her dwarf aids knew whose confident sight
A bounded prospect took for the far goal.

किन्तु यह अपने अविकसित सहायकों को जानती है जिनकी अतिविश्वासी दृष्टि ने
इस एक सीमित परिप्रेक्ष्य को सुदूर का भावी लक्ष्य सम जाना है।

The world she has made is an interim report
Of a traveller towards the half-found truth in things
Moving twixt nescience and nescience.

उसके द्वारा यह रचित संसार एक माध्यमिक विवरण है
उस यात्री का जो निश्चेतना से अति चेतना के मध्य गुजरता हुआ
वस्तुओं में छिपे सत्य को आधा ही प्राप्त कर सका है।

For nothing is known while aught remains concealed;
The Truth is known only when all is seen.

क्योंकि जब तक सत्य का अंशमात्र भी आवृत है तब तक सब अज्ञात है।
जब अखिल का दर्शन हो जाता है तभी पूर्ण सत्य का ज्ञान होता है।

Attracted by the All that is the One,
She yearns towards a higher light than hers;
Hid by her cults and creeds she has glimpsed God’s face:
She knows she has but found a form, a robe,
But ever she hopes to see him in her heart
And feel the body of his reality.

सर्वभूतात्मा से आकर्षित वह परमैकम् ही है
जो अपने से उच्चतर प्रकाश की ओर लालायित है;
अपने मतों और पन्थों में छिपी उसने प्रभु की छवि देख ली है:
वह जानती है कि उसने मात्र एक आकार, एक वस्त्र ही पाया है,
किन्तु उसके प्राण में एक अविरत आशा जाग्रत् है प्रभु दर्शन की
और वह उसके सदाकार की अनुभूति पाती है।

As yet a mask is there and not a brow,
Although sometimes two hidden eyes appear:
Reason cannot tear off that glimmering mask,
Her efforts only make it glimmer more;
In packets she ties up the Indivisible;
Finding her hands too small to hold vast Truth
She breaks up knowledge into alien parts
Or peers through cloud-rack for a vanished sun:
She sees, not understanding what she has seen,
Through the locked visages of finite things
The myriad aspects of infinity.

तथापि अभी भी एक आवरण है और मस्तक दिखता नहीं है,
यद्यपि कभी-कभी दो छिपे नयन प्रकट हो जाते हैं:
ज्ञान-विवेक उस झिलमिलाते मुखौटे को चीर नहीं सकता,
उसके प्रयासों से यह और आभासित हो जाता है;
अत: उस अखण्डपूर्ण ब्रह्म को वह छोटे-छोटे पुलिंदों में बांध देती है;
उस विराट् परम सत्य को ग्रहण करने को वह निज करों को अति नन्हा पाती है
अतः वह ज्ञान को असम्बद्ध भिन्न अंशों में पृथक् कर विभाजित कर देती है
या घने मेघपट के मध्य से वह एक अदृश्य सूर्य को खोजती रहती है:
कुछ देखती है, पर क्या देखा यह समझ नहीं पाती है,
अनित्य पदार्थों के विविध रूपों में कैद जीवात्मा में
वह नित्यता के अनगिनत छिपे पक्षों को अवलोकती है।

One day the Face must burn out through the mask.

एक दिन उस मुखौटे के मध्य वह परम दर्शन प्रज्वलित हो प्रकटेगा।

Our ignorance is Wisdom’s chrysalis,[257]
Our error weds new knowledge on its way,
Its darkness is a blackened knot of light;
Thought dances hand in hand with Nescience
On the grey road that winds towards the Sun.

यह हमारा अज्ञान परम प्रज्ञा की कोषावस्था ही तो है,
हमारी त्रुटियां जीवन मार्ग पर बढ़ते हुए नव ज्ञान का वरण करती हैं,
इसका अन्धकार भी प्रकाश की ही एक कलुषित ग्रन्थि है;
यहां विचार भी निश्चेतना के हाथ में हाथ डाले नृत्य करता
अपने धूमिल पथ पर चलता हुआ सत्य के सूर्य की ओर घूमता बढ़ता है।

Even while her fingers fumble at the knots
Which bind them to their strange companionship,
Into the moments of their married strife
Sometimes break flashes of the enlightening Fire.

तथापि जब कि उसकी अंगुलियां उन ग्रन्थियों से जूझती रहती हैं
जो उन्हें इस आपसी विचित्र सहचारिता में बांधती हैं,
उनके दाम्पत्य टकराव के क्षणों में
कभी-कभी प्रबोधदायी आत्माग्नि की ज्वालाएं प्रज्वलित हो उठती हैं।

Even now great thoughts are here that walk alone:
Armed they have come with the infallible word
In an investiture of intuitive light
That is a sanction from the eyes of God;
Announcers of a distant Truth they flame
Arriving from the rim of eternity.

यहां अभी भी महान्विचार हैं जो एकाकी विचरण करते हैं:
वे अमोघ शब्द से सुसज्जित हो यहां आये हैं
अन्तर्बोध प्रकाश के एक अधिष्ठापन में
एक स्वीकृति प्रभु के नेत्रों से यहां धरा पर ले आयेः
एक सुदूर के अनादि सत्य के वे उद़्घोषक:
शाश्वतता के तट से मशाल बन आ पहुंचे हैं।

A fire shall come out of the infinitudes,
A greater Gnosis shall regard the world
Crossing out of some far omniscience
On lustrous seas from the still rapt Alone
To illumine the deep heart of self and things.

उन अनन्तताओं की एक अग्नि निकल यहां उतरेगी,
एक महत्तर प्रज्ञा-ज्योति इस जगत् को सम्मानित करेगी
किसी दूरस्थ परात्पर सर्वज्ञ को पार करती
निश्चल आत्म समाहित एकेश्वर से निकले दीप्तिमान सागरों पर बहती
यहां गहन गुह्य हृदय में स्थित चैत्य और पदार्थों को प्रकाशमय करने आयेगी।

A timeless knowledge it shall bring to Mind,
Its aim to life, to Ignorance its close.

मानस सत्ता हित यह एक कालातीत विद्या ले आयेगी,
जीवन को उसका लक्ष्य देगी, अविद्या का अन्त कर देगी।

 

Above in a high breathless stratosphere,
Overshadowing the dwarfish trinity,
Lived, aspirants to a limitless Beyond,
Captives of Space, walled by the limiting heavens,
In the unceasing circuit of the hours
Yearning for the straight paths of eternity,
And from their high station looked down on this world
Two sun-gaze Daemons witnessing all that is.

एक उच्च प्राणवायुहीन समताप मण्डल के उन्नत क्षेत्र में,
इस बौनी त्रयी के ऊपर छायी हुई इसे प्रभावहीन बनाती,
असीम परात्परता की अभीप्साएंवहां रहतीं,
अन्तर महाकाश में बन्दी, सीमित स्वर्गों से चहुं ओर से घिरी,
इन घण्टों के अविरल कालचक्र में बन्द थीं,
चिरन्तनता के सीधे सहज मार्गों को पाने की लालसा से भरी,
और अपनी उच्च स्थितियों से इस धरती की ओर तुच्छ दृष्टि डालतीं
दो सूर्य-नेत्री दिव्यताएं साक्षी भाव से इस सकल संरचना को देख रही थीं।

A power to uplift the laggard world,
Imperious rode a huge high-winged Life-Thought
Unwont to tread the firm unchanging soil:
Accustomed to a blue infinity,
It planed in sunlit sky and starlit air;
It saw afar the unreached Immortal’s home[258]
And heard afar the voices of the gods.

उनमें से इस पिछड़े जगत् के उत्थान हेतु एक शक्ति उतरी,
यह एक विशाल उच्च पंखों के निरंकुश प्राण-महाभाव पर सवार थी
इस दृढ़ कठोर अपरिवर्तनशील भूमि पर चलने की यह अनभ्यस्त थी:
यह एक नील अनन्तता की अभ्यस्त थी,
यह सूर्य-ज्योतित अम्बर और तारों भरे वातावरण में से उड़ती आयी;
इसने सुदूर में अगम्य अविनाशी ब्रह्म का वैकुण्ठ धाम देखा
और दूर से आती देवताओं की वाचाओं को सुना।

Iconoclast and shatterer of Time’s forts,
Overleaping limit and exceeding norm,
It lit the thoughts that glow through the centuries
And moved to acts of superhuman force.

रूढ़ियों और महाकाल के दुर्गों की विरोधिनी और ध्वसंक
यह सीमाओं को कूद उलांघ जाती और प्रतिमान से आगे निकल जाती है,
इसने उन विचारों को जोशताब्दियों के मध्य उज्ज्वल रहे प्रज्वलित कर दिया
और परामानवीय बल के कार्यों का संचालन किया।

As far as its self-winged airplanes could fly,
Visiting the future in great brilliant raids
It reconnoitred vistas of dream-fate.

जहां तक इसके स्वभाव के आत्मपंखी विमान उड़ सकते
महान् दीप्तिपूर्ण आक्रमणों द्वारा यह भविष्य कोभेंटती
एवं स्वप्न रचित नियति की प्रत्याशाओं को खोजती।

Apt to conceive, unable to attain,
It drew its concept-maps and vision-plans
Too large for the architecture of mortal Space.

यह धारणा में पटु थी, किन्तु कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकी,
यह अपनी कल्पना के मानचित्रों और दृश्य योजनाओं को आंकती
जो इस मर्त्य दिक्काल में संरचना हेतु अति विशाल थीं।

Beyond in wideness where no footing is,
An imagist of bodiless Ideas,
Impassive to the cry of life and sense,
A pure Thought-Mind surveyed the cosmic act.

परात्पर के विस्तारों में जहां एक भी स्थूल आधार नहीं है,
विदेही दिव्य-भावनाओं की यह एक मूर्तिकार है,
जीवन की पुकार और इन्द्रियों के कोलाहल के प्रति उदासीन है,
यह एक विशुद्ध उच्चमन है जिसने इस ब्रह्माण्डीय क्रिया का सर्वेक्षण किया।

Archangel of a white transcending realm,
It saw the world from solitary heights
Luminous in a remote and empty air.[259]

एक शुभ्र धवल परात्पर धाम का यह एक देव-दूत है
इसने अपनी एकाकी ऊर्ध्व उच्चताओं से
सुदूर और शून्य वातावरण की प्रदीप्ति में इस जगत् को देखा।

END OF CANTO TEN