BOOK SEVEN. THE BOOK OF YOGA
Canto Four. The Triple Soul-Forces
Here from a low and prone and listless ground
The passion of the first ascent began;
A moon-bright face in a sombre cloud of hair,
A Woman sat in a pale lustrous robe.
अब एक नीचे की ओर अवनत और शिथिल क्षेत्र से
प्रथम आरोहण का उत्साहपूर्ण आरम्भ हुआ;
काले मेघ सम केशों से घिरा एक शशि सम उज्ज्वल मुख चमका,
एक देवी नारी रूपा पीत द्युतिमान वस्त्रों में सजी वहां आसीन थी।
A rugged and ragged soil was her bare seat,
Beneath her feet a sharp and wounding stone.
एक खुरदुरी विषम भूमि ही उसकी सज्जाहीन आसन थी,
उसके चरणों तले एक नुकीली तीक्ष्णता से आहत करती शिला थी।
A divine pity on the peaks of the world,
A spirit touched by the grief of all that lives,
She looked out far and saw from inner mind
This questionable world of outward things,
Of false appearances and plausible shapes,
This dubious cosmos stretched in the ignorant Void,
The pangs of earth, the toil and speed of the stars
And the difficult birth and dolorous end of life.
इस संसार के शिखरों पर स्थित यह एक करुणामयी देवी,
समस्त प्राणियों के दुःख से द्रवित एक आत्मा थी,
यह निज दूरदृष्टि से और अन्तरमन में सब देख लेती
इस समस्यापूर्ण संसार की बहिर्वस्तुओं को,
इनके मिथ्यारुपों को और सत्याभासी आकृतियों को,
इस अज्ञ असत् शून्य में प्रसारित इस सारहीन ब्रह्माण्ड को,
पृथ्वी की कसक को, तारों के श्रम और गतियों को
और जीवन के कठिन जन्म और उसके विषादपूर्ण अन्त को।
Accepting the universe as her body of woe,
The Mother of the seven sorrows bore
The seven stabs that pierced her bleeding heart:
The beauty of sadness lingered on her face,
Her eyes were dim with the ancient stain of tears.
इस विश्व को उसने विषादरुपी निज देह सम स्वीकारा है,
सात सन्ताप-दुःखों की इस दिव्य माता ने
संसार के सप्त आघातों को सहा है जिसने उसके रक्त सने हृदय को कोंच डाला हैः
दुःख का उदास सौन्दर्य उसके मुखमण्डल पर सतत झलकता,
आंसुओं के सनातन चिह्नों के साथ उसकी दृष्टि धूमिल हो गयी।
Her heart was riven with the world’s agony
And burdened with the sorrow and struggle in Time,
An anguished music trailed in her rapt voice.
जगत् की वेदना से उसका हृदय छलनी हो गया था
और युगों के शोक और संघर्ष से बोझिल था,
उसकी भावविभोर वाणी में एक दर्द-भरे संगीत का पुट था।
Absorbed in a deep compassion’s ecstasy,
Lifting the mild ray of her patient gaze,
In soft sweet training words slowly she spoke:
“O Savitri, I am thy secret soul.
एक गम्भीर करुणा की भावविह्वलता में तल्लीन वह,
अपनी सहिष्णु दृष्टि को कोमल किरण सम उठाती,
मृदुल मधुर सधे सधाये शब्दों में वह धीरे से बोलीः
‘‘हे सावित्री, मैं ही तेरी अन्तरात्मा हूं।
To share the suffering of the world I came,
I draw my children’s pangs into my breast.
इस संसार की यातना में हिस्सा बंटाने आयी हूं,
अपने बच्चों के कष्टों को मैं निज अन्तर पर खींच धर लेती हूं।
I am the nurse of the dolour beneath the stars;
I am the soul of all who wailing writhe
Under the ruthless harrow of the Gods.[503]
इस गगनमण्डल तले मैं पीड़ा को पोसती धाय मां हूं;
देवों की नृशंस कटार की धारतले तड़पते रोते
सकल जीवों की आत्मा मैं हूं।
I am woman, nurse and slave and beaten beast;
I tend the hands that gave me cruel blows;
The hearts that spurned my love and zeal I serve;
I am the courted queen, the pampered doll,
I am the giver of the bowl of rice,
I am the worshipped Angel of the House.
मैं नारी, धात्री और दासी हूं और पिटती पशु भी हूं;
मैं उन करों को जो मुझ पर आघात करते हैं सहलाती हूं।
जो मेरे प्रेम को ठुकराते हैं उन हृदयों की सेवा करती हूं;
मैं राजमहिषी हूं, लाड़ प्यार की गुड़िया हूं,
पात्र को अन्न से भर देने वाली अन्नपूर्णा हूं,
विश्व के आत्म-भुवन में पूजित देवी मैं हूं।
I am in all that suffers and that cries.
सब के अन्तर में जो रोती और यातना सहती है वह मैं हूं।
Mine is the prayer that climbs in vain from earth,
I am traversed by my creatures’ agonies,
I am the spirit in a world of pain.
मेरी ही प्रार्थना है जो निष्फलता से इस धरा से ऊपर उठती है,
अपने जीवों की यन्त्रणा से मेरा अन्तर छलनी है,
इस पीड़ा-वेदना के संसार की मैं आत्मा हूं।
The scream of tortured flesh and tortured hearts
Fallen back on heart and flesh unheard by Heaven
Has rent with helpless grief and wrath my soul.
पीड़ित शरीरों और यातना पाते उरों का जो चीत्कार
देवताओं द्वारा अनसुना हो पुनः हृदय और देह पर आ गिरता है
वह अपने असहाय दुःख और क्रोध से मेरी आत्मा को चीर डालता है।
I have seen the peasant burning in his hut,
I have seen the slashed corpse of the slaughtered child,
Heard woman’s cry ravished and stripped and haled
Amid the bayings of the hell-hound mob,
I have looked on, I had no power to save.
मैंने किसानों को अपने झोंपड़ों में जलते देखा है,
कत्ल किये बालक के शव को काट डालते हुए देखा है,
मैंने नारकीय कुत्तों की भौंकती, गुर्राती भीड़ के मध्य
नग्न, अपहृत, बलात्कार पीड़ित, विदग्ध अबला की चीखें सुनी हैं,
मैं असहाय बनी देखती रही, किन्तु सुरक्षा देने की शक्ति मुझमें नहीं थी।
I have brought no arm of strength to aid or slay;
God gave me love, he gave me not his force.
मैं शक्ति का कोई शस्त्र सहायता हेतु या वध करने को नहीं लायी थीः
ईश्वर ने मुझे प्रेम तो दिया था अपना बल मुझे प्रदान नहीं किया।
I have shared the toil of the yoked animal drudge
Pushed by the goad, encouraged by the whip;
I have shared the fear-filled life of bird and beast,
Its long hunt for the day’s precarious food,
Its covert slink and crouch and hungry prowl,
Its pain and terror seized by beak and claw.
नीरस भार ढोते जुते पशु-श्रम में मेरी साझेदारी है
जो अंकुश से धकेला जाता है, चाबुक से प्रेरित होता है;
पशु औ’ पक्षी के भयभीत जीवन में भी साथ निभाया है,
अपने भोजन हित उनकी अनिश्चित लम्बी खोज में उनके साथ दौड़ी हूं
इसके लिए झाड़-झंखाड़ में छिपी, भूखी भटकी और घात में दुबकी हूं,
चोंच या पंजों द्वारा जकड़े जाने पर इसकी पीड़ा या भय जानती हूं।
I have shared the daily life of common men,
Its petty pleasures and its petty cares,
Its press of troubles and haggard horde of ills
Earth’s trail of sorrow hopeless of relief,
The unwanted tedious labour without joy,
And the burden of misery and the strokes of fate.
सामान्य मानव की दैनिक दिनचर्या में मेरी साझेदारी है,
इसके तुच्छ सुखों की और छोटी चिन्ताओं की भागीदार हूं,
इसकी समस्याओं के दबाव की ओर बीमारियों के अशुभ समूह की,
विश्रान्ति की जहां आशा नहीं ऐसे भौतिक कष्टपूर्ण मार्ग की
निरानन्दी असह्य अप्रिय घोर परिश्रम की
और उसके दुर्दशा के बोझ की और दुर्भाग्यपूर्ण आघात की मैं भागीदार हूं।
I have been pity, leaning over pain
And the tender smile that heals the wounded heart
And sympathy making life less hard to bear.
पीड़ा में ममत्व से उस पर झुकी मैं करुणा हूं
आहत हृदय को स्वस्थ बनाती मैं मधुर मुस्कान हूं
और जीवन के बोझ को हलका बनाती सहानुभूति हूं।
Man has felt near my unseen face and hands;[504]
I have become the sufferer and his moan,
I have lain down with the mangled and the slain,
I have lived with the prisoner in his dungeon cell,
Heavy on my shoulders weighs the yoke of Time:
Nothing refusing of creation’s load,
I have borne all and know I still must bear:
Perhaps when the world sinks into a last sleep,
I too may sleep in dumb eternal peace.
मनुष्य मेरे अदृश्य मुख और करों की समीपता अनुभव करता है;
मैं ही दुःख भोगती हूं और उसकी कराह बन निकलती हूं,
मैं विकलांग और वधित के साथ भूमि पर लोटपोट होती हूं,
मैं बन्दी के साथ उसकी काल-कोठरी में रही हूं।
काल-जुए के भार ने मेरे कन्धों को झुका दिया हैः
मैंने कभी भी पृथ्वी का बोझ उठाना नहीं अस्वीकारा है,
समस्त भार उठाया है और जानती हूं कि आगे भी उठाना हैः
कदाचित्, यह संसार अन्तिम निद्रा में जब डूब जायेगा,
तब मुझे भी मूक शाश्वत शान्ति में सोने को मिल जायेगा।
I have borne the calm indifference of Heaven,
Watched Nature’s cruelty to suffering things
While God passed silent by nor turned to help.
मैंने देवताओं की शान्त उदासीनता को सहा है,
दुःख-भोगते पदार्थों के प्रति वैश्विक प्रकृति की हृदयहीनता को
और प्रभु को नीरव शान्ति को बिना सहायता दिये मुड़कर जाते देखा है।
Yet have I cried not out against his will,
Yet have I not accused his cosmic Law.
मैंने फिर भी उसकी इच्छा के विरोध में प्रतिवाद नहीं किया,
कभी भी उसके विश्व-विधान को बुरा-भला नहीं कहा।
Only to change this great hard world of pain
A patient prayer has risen from my breast;
A pallid resignation lights my brow,
Within me a blind faith and mercy dwell;
I carry the fire that never can be quenched
And the compassion that supports the suns.
केवल इस महान् कठोर पीड़ा के संसार-परिवर्तन के लिए
एक सतत शान्त प्रार्थना मेरे अन्तर से उठती है;
मेरे भाल पर एक क्षीण त्याग की ज्योति चमकती है,
मेरे अन्तर में एक अन्धविश्वास और दया भाव बसता है;
जो कभी बुझ नहीं सकती मैं उस ज्वाला को वहन करती हूं
वह अनुकम्पा हूं जो सूर्यों को अवलम्बन देती है।
I am the hope that looks towards my God,
My God who never came to me till now;
His voice I hear that ever says `I come’:
I know that one day he shall come at last.”
वह आशा हूं जो अभी तक मेरे पास नहीं आया है;
पर उसकी वाचा ‘‘मैं आता हूं’’ सतत सुनती हूं:
अन्त में एक दिन वह अवश्य आयेगा यह मैं जानती हूं।’’
She ceased, and like an echo from below
Answering her pathos of divine complaint
A voice of wrath took up the dire refrain,
A growl of thunder or roar of angry beast,
The beast that crouching growls within man’s depths,—
Voice of a tortured Titan once a God.
अब वह रुक गयी, और एक अनुनाद सम अवतल से एक गिरा गूंजी
जो उसकी करुणा भरी दिव्य शिकायत के प्रत्युत्तर में थी
क्रोध की एक ध्वनि ने उस दारुण गीत की टेक उठा ली,
मेघों का एक गर्जन या क्रोधित पशु की एक दहाड़-सी
मानव के अन्धे गर्तों में छिपी पशुता की गुर्राहट थी,
कभी जो देवता था ऐसे एक यातना से पीड़ित शैतान की वाचा थी।
“I am the Man of Sorrows, I am he
Who is nailed on the wide cross of the universe;
To enjoy my agony God built the earth,
My passion he has made his drama’s theme.
‘‘घोर दुःख-सन्तापों का महामानव हूं, वह नर मैं हूं
जिसे इस विश्व के विशाल क्रूस पर कीलों से जड़ दिया गया है;
मेरी यन्त्रणा का सुख भोगने को भगवान् ने इस पृथ्वी का सर्जन किया है,
मेरे दुःखावेश को उसने अपने नाटक का विषय चुन लिया है।
He has sent me naked into his bitter world
And beaten me with his rods of grief and pain
That I might cry and grovel at his feet[505]
And offer him worship with my blood and tears.
अपने इस कटु संसार में उसने मुझे नंगा भेजा
और दुःख और पीड़ा के अपने दंडों से पीटा
जिससे उसके चरणों से लिपटा रुदन करूं
और अपने रक्त और आंसुओं द्वारा उसको पूजा समर्पित करूं।
I am, Prometheus under the vulture’s beak,
Man, the discoverer of the undying Fire,
In the flame he kindled burning like a moth;
I am the seeker who can never find,
I am the fighter who can never win,
I am the runner who never touched his goal;
Hell tortures me with the edges of my thought,
Heaven tortures me with the splendour of my dreams.
भीषण गिद्ध की चोंच से लटकता मैं प्रोमेथियस हूं,
अमर अग्नि का संधानकर्ता मानव हूं,
जिस ज्वाला को उसने जलाया है उसमें एक पतंगे समान जलता हूं;
मैं वह अन्वेषक हूं जिसे कभी सिद्धि नहीं मिल पायी है,
वह योद्धा हूं जो कभी विजय नहीं पा सका है,
वह धावक हूं जो कभी अपने लक्ष्य को स्पर्श नहीं कर पाया है:
मैं अपनी विचारधाराओं से नरक सम यातना पाता हूं,
स्वर्ग मुझे अपने ही सपनों की चकाचौंध से पीड़ित करता है।
What profit have I of my human soul?
मुझे अपनी मानवीय चैत्य सत्ता से क्या लाभ मिला है?
I toil like the animal, like the animal die.
मुझे अपने इस पशु-जन्म सेक्या लाभ प्राप्त हुआ है;
मैं पशु समान कठोर श्रम करता हूं, पशु समान मर जाता हूं।
I am man the rebel, man the helpless serf;
Fate and my fellows cheat me of my wage.
मैं मनुष्य हूं विद्रोही मानव, मानव जो असहाय दास है;
भाग्यविधाता और मेरे साथियों ने मुझसे मेरी कमाई ठग ली है।
I loosen with my blood my servitude’s seal
And shake from my aching neck the oppressor’s knees
Only to seat new tyrants on my back:
My teachers lesson me in slavery,
I am shown God’s stamp and my own true signature
Upon the sorry contract of my fate.
अपना रक्त देकर मैं अपने दासत्व की मुहर ढीली कर पाता हूं
और अपनी दुखती-रग से आततायी की पकड़ हिला पाता हूं
किन्तु तब नये आततायी मेरी पीठ पर चढ़ आते हैं:
मेरे शिक्षक मुझे दासता का पाठ पढ़ाते हैं,
मेरी नियति के दयनीय अनुबन्धपत्र पर वे
मुझे प्रभु की मुहर और मेरे अपने हस्ताक्षर दिखाते हैं।
I have loved, but none has loved me since my birth;
My fruit of works is given to other hands:
All that is left me is my evil thoughts,
My sordid quarrel against God and man,
Envy of the riches that I cannot share,
Hate of a happiness that is not mine.
मैं प्रेम करता हूं, किन्तु जन्म से किसी ने मुझे प्यार नहीं दिया है;
मेरे कर्मों का फल भी अन्यों को दे दिया जाता है।
अब मेरे पास अपने कुटिल विचारों को छोड़ कुछ भी शेष नहीं है,
भगवान् और मानव दोनों के विरुद्ध यह एक स्वार्थ का युद्ध है,
जिस वैभव में मेरा भाग नहीं है उससे मुझे ईर्ष्या होती है,
जो प्रसन्न सुख मेरा नहीं है उससे मुझे घृणा होती है।
I know my fate will ever be the same,
It is my Nature’s work that cannot change:
I have loved for mine, not for the beloved’s sake,
I have lived for myself and not for others’ lives.
मुझे ज्ञात है कि मेरा भाग्य सदैव ऐसा ही रहेगा,
यह तो मेरी स्वाभाविक वृत्ति है जिसे बदला नहीं जा सकताः
मैं अपनत्व के लिए प्रेम करता हूं, अन्य किसी प्रियतम के लिए नहीं करता,
मैं अपने लिए जीता हूं और किसी अन्य के लिए जीवन नहीं धारता।
Each in himself is sole by Nature’s law,
So God has made his harsh and dreadful world,
So has he built the petty heart of man;
Only by force and ruse can man survive:
For pity is a weakness in his breast,
His goodness is a laxity in the nerves,
His kindness an investment for return,[506]
His altruism is ego’s other face:
He serves the world that him the world may serve.
भागवत प्रकृति के विधानानुसार प्रत्येक स्वयं में अकेला है।
परमात्मा ने अपने कटु कठोर और भीषण संसार को ऐसे ही रचा है,
इसीलिए उसने मानव के हृदय को इतना क्षुद्र बनाया है।
केवल छल और बल से यहां मानव सुरक्षित रह सकता है:
क्योंकि उसके हृदय में दया केवल एक दुर्बलता है,
उसमें उदारता उसकी नाड़ियों की शिथिलता है,
उसकीकृपा भी एक पूंजी है जिसे वह लाभ हित लगाता है,
उसका परोपकार उसके अहम् का दूसरा रूप है:
वह संसार की सेवा करता है जिससे संसार सेसेवा ले सके।
If once the Titan’s strength could wake in me,
If Enceladus from Etna could arise,
I then would reign the master of the world
And like a god enjoy man’s bliss and pain.
यदि एक बार भी मुझमें आसुरी शक्ति जाग जाये,
यदि ज्वालामुखी एटना से विद्रोही योद्धा एनस्लेडस उठ आये,
तब मैं इस जगत् का स्वामी बन राज्य करूंगा
और एक देवता सम मानव के सुख और पीड़ा का भोग करूंगा।
But God has taken from me the ancient Force.
किन्तु भगवान् ने मुझसे मेरी आदि ऊर्जा छीन ली।
There is a dull consent in my sluggish heart,
A fierce satisfaction with my special pangs
As if they made me taller than my kind;
Only by suffering can I excel.
अब तो मेरे निस्तेज हृदय में एक मन्द स्वीकृति बस गयी है,
अपनी विशिष्ट व्यथाओं के साथ एक भीषण सन्तोष, घर कर गया
मानों उन्होंने मुझे अपने वर्ग में उच्चतर बना दिया:
केवल दुःख भोगकर जैसे मैं महत्तर बन सका हूं।
I am the victim of titanic ills,
I am the doer of demoniac deeds;
I was made for evil, evil is my lot;
Evil I must be and by evil live;
Nought other can I do but be myself;
What Nature made me, that I must remain.
मैं आसुरी दोषों का शिकार हूं;
मैं शैतानी दुष्कर्मों का कर्ता हूं;
मैं पाप के लिए रचा गया था, दुष्कर्म में लगे रहना मेरी नियति है;
मैं पाप से जीवित हूं और पाप मेरा ही रूप है;
मैं कुछ और नहीं कर सकता केवल अपना अहम् बन रहता हूं;
विश्व-प्रकृति ने जिस स्वभाव में बनाया, मुझें उसी में तो रहना होगा।
I suffer and toil and weep; I moan and hate.”
मैं भोग भोगता, श्रम करता और रोता हूं, कराहता और घृणा करता हूं।’’
And Savitri heard the Voice, the echo heard
And turning to her being of pity spoke:
“Madonna of suffering, Mother of grief divine,
Thou art a portion of my soul put forth
To bear the unbearable sorrow of the world.
और सावित्री ने उस वाणी को सुना, उसका अनुनाद भी सुना
और अपनी सत्ता के करुण-रूप कीओर मुड़कर बोली:
‘‘ओ दुःखों कोभोगती देवी! दिव्य वेदना की मां भगवती,
तू मेरी अपनी आत्मा का एकांश हो,
इस जगत् के असहनीय कष्टोंको भोगने तुम सामने आ जाती हो।
Because thou art, men yield not to their doom,
But ask for happiness and strive with fate;
Because thou art, the wretched still can hope.
क्योंकि तू है, मानव अपने सर्वनाश के आगे नहीं झुकता है,
बल्कि सुख की मांग करता, और भाग्य से लड़ता है;
अब क्योंकि तूहै, अभागा अभी भी आशा रख सकता है।
But thine is the power to solace, not to save.
किन्तु तेरीशक्ति शान्ति देती है सुरक्षा नहीं दे पाती।
One day I will return, a bringer of strength,
And make thee drink from the Eternal’s cup;
His streams of force shall triumph in thy limbs
And Wisdom’s calm control thy passionate heart.
एक दिन, मैं पुनःशक्ति भरा पात्र ले लौटूंगी,
और तुझे उस चिरन्तन के पात्र से पान कराऊंगी;
उसके शोर्य बल की धाराएं तेरे अंगों में विजयश्री ले आयेंगी
और प्रज्ञा देवी की शान्ति तेरे आवेशी हृदय पर नियन्त्रण कर लेंगी।
Thy love shall be the bond of human kind,
Compassion the bright king of Nature’s acts:
Misery shall pass abolished from the earth;
The world shall be freed from the anger of the Beast,
From the cruelty of the Titan and his pain.[507]
तेरा प्रेम तब मानव जाति को बांधता प्रेम-सूत्र बन जायेगा,
भौतिक प्रकृति के लिए अनुकम्पा ही उज्ज्वल कुंजी है:
जिससे इस पृथ्वी से यातना-दुःख का पलायन हो पायेगा;
पाशविक क्रोध से तब यह संसार मुक्त हो जायेगा,
आसुरी निर्दयता और उसकी पीड़ासे छूट जायेगा।
There shall be peace and joy for ever more.”
तब यहां आनन्द और शान्ति का साम्राज्य और विशाल हो जायेगा।’’
On passed she in her spirit’s upward route.
यह कह वह अपने आत्म-संधान के उन्नत मार्ग पर बढ़ गयी।
An ardent grandeur climbed mid ferns and rocks,
A quiet wind flattered the heart to warmth,
A finer perfume breathed from slender trees.
शिलाओं और हरियाली के मध्य एक गम्भीर शोभा पर आरोहण कर गयी,
एक शान्त समीर ने हृदय का दुलार कर प्रेम-भाव से भर दिया,
तन्वी लताओं से एक भीनी कोमल सुगन्ध ने श्वास को पूर दिया।
All beautiful grew, subtle and high and strange.
सब मनोहर रूप धर, सूक्ष्म, उन्नत और अद्भुत हो गया।
Here on a boulder carved like a huge throne
A Woman sat in gold and purple sheen,
Armed with the trident and the thunderbolt,
Her feet upon a couchant lion’s back.
यहीं सिंहासन सम गठित एक शिला पर बैठी थी
एक दिव्य नारी स्वर्ण और जामुनी रेशमी परिधान में सजी,
वह निज कर में वज्र और त्रिशूल धारण किये,
अपने चरणों को एक सिंह की पीठ पर धरे थी।
A formidable smile curved round her lips,
Heaven-fire laughed in the corners of her eyes;
Her body a mass of courage and heavenly strength,
She menaced the triumph of the nether gods.
एक वक्र दुर्जेय स्मित से उसके अधर मुड़े थे,
उसके नेत्रों के कोरों में दिव्य ज्वाला हंसती;
उसकी देह साहस और स्वर्गिक बल का शक्तिपुंज-सी,
अधर-लोक देवों की विजय को वह चुनौती देती शक्तिरूपा थी।
A halo of lightnings flamed around her head
And sovereignty a great cestus, zoned her robe
And majesty and victory sat with her
Guarding in the wide cosmic battle-field
Against the flat equality of Death
And the all-levelling insurgent Night
The hierarchy of the ordered Powers,
The high changeless values, the peaked eminences,
The privileged aristocracy of Truth,
And in the governing Ideal’s sun
The triumvirate of wisdom, love and bliss
And the sole autocracy of the absolute Light.
उसके शीश के चहुं ओर विद्युतीय आभामण्डल प्रज्वलित था
और एकाधिपत्य एक महान् कटिबन्ध सम उसके वस्त्र को घेरे था
राज्यसत्ता और विजय उसके साथ आसीन थे,
जो इस विराट् ब्रह्माण्डीय युद्ध-क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करते थे
यमराज की नीरस समानता के विरुद्ध
और सबको समतल बनाती घोर कालरात्रि के विरुद्ध
इन व्यवस्थित शक्तियों की परम्परा के विरुद्ध वे सुरक्षा देते,
वहां उन्नत अविकारी मान्यताएं, उत्कृष्ट श्रेष्ठताएं हैं
परम सत्य का विशेषाधिकारों का अभिजात वर्ग है
और परम-आदर्श के सूर्य शासनतन्त्र हैं,
त्रिमूर्ति प्रज्ञा, प्रेम और आनन्द आसीन हैं
और परिपूर्ण परम-ज्योति की अकेली एकाधिपत्यता है।
August on her seat in the inner world of Mind,
The Mother of Might looked down on passing things,
Listened to the advancing tread of Time,
Saw the irresistible wheeling of the suns
And heard the thunder of the march of God.
मनःशक्ति के अन्तर जगत् के अपने आसन पर शोभायमान,
दिव्य बल की भगवती माता अनित्य वस्तुओं को अवहेलना से देखती,
भावी युग के बढ़ते चरणों की ध्वनि सुन रही थी,
आदित्यों के अदमित चक्रों का घूमना अवलोकती
और प्रभु के आगमन की वज्रध्वनि सुनती।
Amid the swaying forces in their strife
Sovereign was her word of luminous command,
Her speech like a war-cry rang or a pilgrim chant.
अपने टकराव में डोलती बिखरती ऊर्जाओं के मध्य
ज्योतिर्मय आदेश उसके वचन राजादेश सम प्रभुता लिये होते,
उसकी वाणी एक युद्ध टंकार सम या तीर्थयात्री के कीर्तन सम गुंजित होती।
A charm restoring hope in failing hearts,[508]
Aspired the harmony of her puissant voice:
“O Savitri, I am thy secret soul.
एक मन्त्र सम असफल निराश हृदयों में आशा जगाती
उसकी समर्थ शक्तिशाली वाणी की सुसंगति ने अभीप्सा भर दी:
‘‘हे सावित्री, मैं तेरी गुह्यात्मा हूं।
I have come down into the human world
And the movement watched by an unsleeping Eye
And the dark contrariety of earth’s fate
And the battle of the bright and sombre Powers.
मैं इस मानव संसार में उतरकर नीचे आयी हूं
और इसकी गतिविधि को एक अनिद्रित दिव्य नेत्र द्वारा अवलोकती हूं
और पृथ्वी की काली विषमताओं पर दृष्टि रखती हूं
और उज्ज्वल एवं कलुषित महाशक्तियों के संघर्ष को देखती हूं।
I stand upon earth’s paths of danger and grief
And help the unfortunate and save the doomed.
मैं धरती के संकट और सन्ताप के मार्गों पर खड़ी
भाग्यहीन की सहायता और अभिशप्त की रक्षा करती हूं।
To the strong I bring the guerdon of their strength,
To the weak I bring the armour of my force;
To men who long I carry their coveted joy:
I am fortune justifying the great and wise
By the sanction of the plaudits of the crowd,
Then trampling them with the armed heel of Fate.
वीर के लिए उनके बल का उपहार ले आयी हूं,
दुर्बल को अपनी शक्ति का कवच प्रदान करती हूं;
लालायित मनुष्यों के लिए उनके आकांक्षित सुख का वहन करती हूं:
मैं भाग्यश्री हूं जिसके द्वारा महान्और ज्ञानीजन को
सभा की सहमति और स्वीकृति द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है,
फिर उन्हें दुर्भाग्य की लौह एड़ी के नीचे पददलित कर देती हूं।
My ear is leaned to the cry of the oppressed,
I topple down the thrones of tyrant kings:
A cry comes from proscribed and hunted lives
Appealing to me against a pitiless world,
A voice of the forsaken and desolate
And the lone prisoner in his dungeon cell.
मेरे कान दलित प्राणी की चीत्कार कीओर लगे रहते हैं,
अत्याचारी नरेशों के सिंहासनों को उलट देती हूं:
जब दण्डित और आखेटित जीवनों से एक पुकार उठती है
जो एक निर्दयी संसार के विरुद्ध मुझसे याचना करती है,
एकाकी और परित्यक्त मानव की एक वाणी है
और उस एकाकी बन्दी की है जो अपनी काल कोठरी से पुकारती है।
Men hail in my coming the Almighty’s force
Or praise with thankful tears his saviour Grace.
मानव मेरे आगमन हित प्रभु को सर्वशक्तिशाली शक्ति का अभिनन्दन करता है
या कृतज्ञता के आंसुओं से संरक्षिका कृपा देवी की स्तुति गाता है।
I smite the Titan who bestrides the world
And slay the ogre in his blood-stained den.
मैं इस जगत् पर चढ़ आये महिषासुर का मर्दन करती हूं
और नरपिशाच का उसी की रक्तरंजित कन्दरा में वध कर देती हूं।
I am Durga, goddess of the proud and strong,
And Laksmi, queen of the fair and fortunate;
I wear the face of Kali when I kill,
I trample the corpses of the demon hordes.
गर्वीले और वीर बली की देवी, मैं दुर्गा हूं,
और सजीले और सौभाग्यशालियों की महारानी, लक्ष्मी हूं;
जब मारती हूं तो काली का रूप धर लेती हूं
असुर दलों के शवों को मैं रौंदती हूं।
I am charged by God to do his mighty work,
Uncaring I serve his will who sent me forth,
Reckless of peril and earthly consequence.
ईश्वर ने मुझे अपने शक्तिशाली कार्य का भार सौंपा है
निश्चिन्त उसी का संकल्प पूरा करती हूं जिसने मुझे यहां भेजा है,
विपत्ति और पार्थिव परिणाम की मैं परवाह नहीं करती।
I reason not of virtue and of sin
But do the deed he has put into my heart.
पाप और पुण्य का विवेक नहीं करती
केवल जो कार्यभार मेरे उर में रख दिया है उसे पूरा करती हूं।
I fear not for the angry frown of Heaven,
I flinch not from the red assault of Hell;
I crush the opposition of the gods,[509]
Tread down a million goblin obstacles.
देवताओं का रौद्र रूप मुझे भयभीत नहीं कर सकता,
नारकीय यातनाओं के प्रहार से मैं नहीं घबराती;
देवों के विरोधी को मैं कुचल डालती हूं,
लाखों पैशाचिक बाधाओं कोपद-तले रौंद डालती हूं।
I guide man to the path of the Divine
And guard him from the red Wolf and the Snake.
मैं मानव को भागवत पथ पर हाथ थाम ले जाती हूं
और खूनी लोलुप भेड़िये और विषैले नाग से उसकी रक्षा करती हूं।
I set in his mortal hand my heavenly sword
And put on him the breastplate of the gods.
उसके नश्वर हाथ में दिव्य खड्ग थमा देती हूं
और देवताओं का रक्षा-कवच उसे पहना देती हूं।
I break the ignorant pride of human mind
And lead the thought to the wideness of the Truth;
I rend man’s narrow and successful life
And force his sorrowful eyes to gaze at the sun
That he may die to earth and live in his soul.
मैं मानव-मन का अज्ञ गर्व तोड़ डालती हूं
और विचार को ऋत की विशालता कीओर ले जाती हूं;
मानव के संकुचित एवंसफल जीवन को विदीर्ण कर देती हूं
और उसके शोक में डूबे नेत्रों को प्रकाश कीओर ताकने को बाध्य कर देती हूं
जिससे वह भौतिकता के प्रति मरकर निजात्मा में जीवित रहे।
I know the goal, I know the secret route:
I have studied the map of the invisible worlds;
I am the battle’s head, the journey’s star.
मुझे लक्ष्य ज्ञात है, उसकी ओर पहुंचने का गुप्त मार्ग भी ज्ञात है;
अदृश्य लोकों के मानचित्र का मैंने अध्ययन किया है;
इस युद्ध की मैं सेनापति हूं, इस यात्रा के ऊर्ध्व में चमकता तारा हूं।
But the great obstinate world resists my word,
And the crookedness and evil in man’s heart
Is stronger than Reason, profounder than the Pit,
And the malignancy of hostile Powers
Puts craftily back the clock of destiny
And mightier seems than the eternal Will.
किन्तु यह विशाल महान् हठी जगत् मेरे दैवी वचन का प्रतिरोध करता है,
और मानव के उर में छिपी कुटिलता और पाप उसके अन्तर विवेक से
अधिक बलवान् हैं, नारकीय गर्त की अपेक्षा अधिक गहन हैं
और विद्वेषी महाशक्तियों की यह घातकता
छल की चतुराई से भाग्य की घड़ी को पीछे धकेल देती है
और तब यह शाश्वत दिव्य संकल्प से अधिक शक्तिशाली दीखती है।
The cosmic evil is too deep to unroot:
The cosmic suffering is too vast to heal.
इस विश्व अशुभ-तत्त्व की अतिगहन जड़ों को उखाड़ना सम्भव नहीं है,
इस वैश्विक सन्ताप की पीड़ा इतनी विस्तृत है कि उससे मुक्ति सम्भव नहीं है।
A few I guide who pass me towards the Light;
A few I save, the mass falls back unsaved;
A few I help, the many strive and fail:
But my heart I have hardened and I do my work:
Slowly the Light grows greater in the East,
Slowly the world progresses on God’s road.
पराप्रकाश कीओर जाते यात्री जो मेरे निकट से निकलते हैं उनका मार्गदर्शन करती हूं;
अल्पजन को ही सुरक्षा दे पाती हूं, जनसमूह असुरक्षित पीछे धकेल दिये जाते हैं,
कुछ की सहायता कर देती हूं, अधिकतर संघर्ष कर असफल रहते हैं।
किन्तु अपने हृदय को कठोर बना निज कार्य में व्यस्त रहती हूं:
शनै: शनै: पूर्वाकाश में दिव्य-प्रकाश महत्तर हो उदित होने लगा है,
धीरे-धीरे यह संसार भी प्रभु के मार्ग पर प्रगति करता जाता है।
His seal is on my task, it cannot fail;
I shall hear the silver swing of heaven’s gates
When God comes out to meet the soul of the world.”
मेरे कार्य पर प्रभु की मुहर लगी है, यह असफल नहीं होगा;
जब प्रभु इस संसार की आत्मा को भेंटने बाहर आयेगा
तब स्वर्ग-द्वारों के खुलने का चांदी सम उज्ज्वल नाद मुझे सुनायी देगा।’’
She spoke and from the lower human world
An answer, a warped echo met her speech;
The voice came through the spaces of the mind
Of the dwarf-Titan, the deformed chained god
Who strives to master his nature’s rebel stuff
And make the universe his instrument.[510]
उसकीवाचा के प्रत्युत्तर में निम्नतर मानवीय लोक से
एक विकृत प्रतिध्वनित होते उत्तर की गूंज सुनायी दी;
यह वाणी मन की दिशाओं के मध्य ध्वनित हुई,
यह एक वामन आसुरी बल की, जंजीरों से जकड़े विकृत देव की थी,
जो निज स्वभाव के विद्रोही तत्त्व पर प्रभुत्व पाने हित प्रयासरत रहता है
और इस विश्व को अपना यन्त्र बना लेने के प्रयास में लगा है।
The Ego of this great world of desire
Claimed earth and the wide heavens for the use
Of man, head of the life it shapes on earth,
Its representative and conscious soul,
And symbol of evolving light and force
And vessel of the godhead that must be.
कमना-भरे इस महान् संसार के विशाल अहम् भाव ने
अधिकार जताया इस धरा पर और इन विस्तृत सुरलोकों पर
मानव के उपयोग हित, पृथ्वी पर रचित प्राणजीवन के इस शिरोमणि हित,
जो इसका प्रतिनिधि है और सचेत जीव सत्ता है,
और इसके विकासशील प्रकाश और शक्ति का प्रतीक है
और जो अभिव्यक्त होगा उस देवत्व का पात्र है।
A thinking animal, Nature’s struggling lord
Has made of her his nurse and tool and slave
And pays to her as wage and emolument
Inescapably by a deep law in things
His heart’s grief and his body’s death and pain;
His pains are her means to grow, to see and feel;
His death assists her immortality.
एक विचारशील पशु है, अपरा प्रकृति का संघर्षरत स्वामी है,
जिसने उसे अपनी धाय और साधन और दासी बना लिया है
और उसे वेतन और भत्ते के रूप में भुगतान देता है
अपने हृदय के दुःख और अपनी काया की मृत्यु और पीड़ा से,
यह वस्तुओं में अन्तर्गोपित एक गुह्य विधान है जिससे बचा नहीं जा सकता है:
मानव की वेदना प्रकृति के विकसित होने, अनुभव करने और देखने का साधन है
अपनी देह की मृत्यु द्वारा वह प्रकृति की अमरता में सहायक होता है।
A tool and slave of his own slave and tool,
He praises his free will and his master mind
And is pushed by her upon her chosen paths;
Possessor he is possessed and, ruler, ruled,
Her conscious automaton, her desire’s dupe.
वह अपनी सेविका और साधन का स्वयं एक सेवक और यन्त्र है,
वह अपने स्वतन्त्र संकल्प और अपने स्वामी मानस का गुण गाता है
और फिर उसी प्रकृति के द्वारा उसी के चुने हुए मार्गों पर धकेला जाता है;
अधिकारी होकर भी अधिकृत है और, शासक है, पर शासित है,
उसका सचेत स्वचालित खिलौना है, उसकी इच्छा का दास है।
His soul is her guest, a sovereign mute, inert,
His body her robot, his life her way to live,
His conscious mind her strong revolted serf.
उसका जीव प्रकृति का अतिथि है, एक मूक, जड़भरत, राजा है,
उसका शरीर उसके यन्त्र का पुतला है, उसका जीवन वह अपने ढंग से चलाती है,
उसका सचेत मन भी उसी का बलवान्, विद्रोही दास बन रहता है।
The voice rose up and smote some inner sun:
“I am the heir of the forces of the earth,
Slowly I make good my right to my estate;
A growing godhead in her divinised mud,
I climb, a claimant to the throne of heaven.
सावित्री के किसी अन्तर-प्रकाश पर आघात करती वह वाणी गूंज उठी।
‘‘इस पृथ्वी की ऊर्जाओं का मैं ही उत्तराधिकारी हूं,
धीरे-धीरे मैं अपनी जागीर को अपने अधिकार मेले रहा हूं;
पृथ्वी की दिव्य-माटी में विकसित होता एक दिव्यांश हूं,
स्वर्ग के सिंहासन का एक दावेदार बना, मैं चढ़ता जाता हूं।
The last born of the earth I stand the first;
Her slow millenniums waited for my birth.
इस धरती की अन्तिम सन्तान होकर भी सबसे आगे खड़ा हूं;
उसके मन्द युगों को मेरे जन्म की ही प्रतीक्षा थी।
Although I live in Time besieged by Death,
Precarious owner of my body and soul
Housed on a little speck amid the stars,
For me and my use the universe was made.
यद्यपि दिक्काल की सीमाओं में मृत्युदेव से घिरा मैं रहता हूं,
अपनी काया और आत्मा का अनिश्चित स्वामी हूं
इस नभमण्डल के मध्य एक आणविक बिन्दु पर बसता हूं,
किन्तु मेरे लिए और मेरे उपयोग हित यह विश्व रचा गया है।
Immortal spirit in the perishing clay,
I am God still unevolved in human form;
Even if he is not, he becomes in me.
मैं इस नश्वर माटी की काया में अमर चैत्य सत्ता हूं;
मानवाकार में जो अभी तक अभिव्यक्त नहीं हुआ है वह प्रभु मैं हूं;
यद्यपि उसका अस्तित्व नहीं है, वह मुझमें अव्यक्त सम्भूति है।
The sun and moon are lights upon my path;[511]
Air was invented for my lungs to breathe,
Conditioned as a wide and wall-less space
For my winged chariot’s wheels to cleave a road,
The sea was made for me to swim and sail
And bear my golden commerce on its back:
It laughs cloven by my pleasure’s gliding keel,
I laugh at its black stare of fate and death.
सूर्य और चन्द्रमा मेरे मार्ग को प्रकाशित करते दीपक हैं;
मेरे फेफड़े श्वासित करने वायु का आविष्कार हुआ,
मेरे पक्षधर यान के चक्रों द्वारा एक मार्ग काट बनाने को
एक विस्तृत और अनन्ताकाश जैसे अनुबन्धित किया गया था,
यह सागर मेरे तैरने और नौका विहार हित निर्मित हुआ
मेरे स्वर्णिम-व्यापार के यातायात को अपनी पीठ पर वहन करने सृष्ट हुआ था:
मेरे नौका के नुकीले अग्रभाग से चीरा जाकर यह हंसता है,
मैं इसकी मृत्यु और भाग्य की काली दृष्टि पर हंसता हूं।
The earth is my floor, the sky my living’s roof.
यह पृथ्वी मेरा आंगन है,आकाश मेरे आवास की छत है।
All was prepared through many a silent age.
God made experiments with animal shapes,
Then only when all was ready I was born.
अनेक मूक युगान्तरों में यह सब निर्मित हुआ है,
पहले प्रभु ने पशु-आकारों पर अनेक परीक्षण किये,
तब जब तैयारी हो गयी मेरा जन्म हुआ।
I was born weak and small and ignorant,
A helpless creature in a difficult world,
Travelling through my brief years with death at my side:
I have grown greater than Nature, wiser than God.
जन्म के समय मैं दुर्बल, नन्हा असहाय अज्ञानी था,
एक कठिन कठोर संसार में एक असहाय प्राणी था
अपनी अल्पायु के मध्य मृत्यु को साथ ले यात्रा करता था।
अब तो मैं विश्व-प्रकृति की अपेक्षा महत्तरहूं, ईश्वर से बढ़कर ज्ञानी हूं।
I have made real what she never dreamed,
I have seized her powers and harnessed for my work,
I have shaped her metals and new metals made;
I will make glass and raiment out of milk,
Make iron velvet, water unbreakable stone,
Like God in his astuce of artist skill,
Mould from one primal plasm protean forms,
In single Nature multitudinous lives,
All that imagination can conceive
In mind intangible, remould anew
In Matter’s plastic solid and concrete;
No magic can surpass my magic’s skill.
जिसका उसने सपना तक नहीं देखा था उसे मैंने यथार्थ कर दिखाया है,
प्रकृति की ऊर्जाओं पर अधिकार कर मैंने निज कार्य में जोत लिया है,
उसकी धातुओं को रूप दिया है और नयी धातुओं का निर्माण किया है,
दूध से शीशे और परिधानों को बनाऊंगा,
लौह से मखमल, जल से अटूट पाषाण बनाऊंगा,
ईश्वर के समान अपनी कला-कौशल-विदग्धता द्वारा,
एक आदि द्रव्य जीव से बहुरूपों, आकारों को गढ़ दूंगा,
एक एकाकी प्रकृति तत्त्व में असंख्य रूपों का वास है,
उस समस्त को जो मन से परे होकर भी कल्पना द्वारा
सोचा जा सकता है, पुनः नवीन रूप में बनाया जा सकता है
जड़तत्त्व को नमनीय स्थूलता में ठोस रूप से गढ़ा जा सकता है।
कोई जादू मेरी मायावी दक्षता से बृहत्तर नहीं हो सकता।
There is no miracle I shall not achieve.
ऐसा कोई चमत्कार नहीं है जिसे मैं सिद्ध नहीं कर पाऊंगा।
What God imperfect left, I will complete,
Out of a tangled mind and half-made soul
His sin and error I will eliminate;
What he invented not, I shall invent:
He was the first creator, I am the last.
परमेश्वर ने जिसे अधूरा छोड़ा है, मैं उसे पूरा कर दिखाऊंगा,
एक जटिल उलझे मन और इस अर्ध-निर्मित जीव से
मैं उसके पाप और दोष को बाहर निकाल हटा दूंगा;
जिसका उसने आविष्कार नहीं किया है, मैं उसका आविष्कार करूंगा:
वह प्रथम स्रष्टा था मैं अन्तिम होऊंगा।
I have found the atoms from which he built the worlds:
The first tremendous cosmic energy
Missioned shall leap to slay my enemy kin,[512]
Expunge a nation or abolish a race,
Death’s silence leave where there was laughter and joy.
उसने जिस द्रव्य से इन लोकों को रचा है उन परमाणुओं को मैंने खोज लिया है:
यह ब्रह्माण्डीय घोर प्रथम ऊर्जा है
जो लक्ष्य पर पठायी जाकर मेरे वैरी भाई का उछल वध कर देगी,
एक राष्ट्र या एक सम्पूर्ण जाति का विनाश कर देगी,
जहां हर्ष और हंसी का क्षेत्र था वहां मृत्यु का सन्नाटा फैला देगी।
Or the fissured invisible shall spend God’s force
To extend my comforts and expand my wealth,
To speed my car which now the lightnings drive
And turn the engines of my miracles.
या यह विदारित अगोचर परमाणु तत्त्व प्रभु की ऊर्जा को
मेरी सम्पत्ति और सुख सुविधा कीवृद्धि के लिए व्यय करेगा,
अब तक विद्युतीय गति से चलते मेरे यान की गति और बढ़ा देगा
और मेरे चमत्कारी यन्त्रों को नयी दिशा कीओर मोड़ देगा।
I will take his means of sorcery from his hands
And do with them greater wonders than his best.
मैं ईश्वर के हाथों से उसके मायावी साधनों को ले लूंगा
और फिर उसकी सर्वोत्तम कृतियों से महत्तर चमत्कारों को कर दिखलाऊंगा।
Yet through it all I have kept my balanced thought;
I have studied my being, I have examined the world,
I have grown a master of the arts of life.
यद्यपि इस सबके मध्य मैंने अपने विचारों का सन्तुलन बनाये रखा है;
मैंने अपनी अन्तर सत्ता का अध्ययन किया है, इस संसार की परीक्षा भी की है,
जीवन की कलाओं में मैने पूर्ण प्रभुता प्राप्त कर ली है।
I have tamed the wild beast trained to be my friend;
He guards my house, looks up waiting my will.
जंगली वन्य पशु को पालतू बना, प्रशिक्षण दे अपना मित्र बना लिया है;
अब वह मेरे घर की सुरक्षा करता है, मेरी इच्छा की प्रतीक्षा में मुंह ताकता है।
I have taught my kind to serve and to obey.
अपनी जाति के लोगों को मैंने सेवा करना और आज्ञा पालन सिखाया है।
I have used the mystery of the cosmic waves
To see far distance and to hear far words:
I have conquered Space and knitted close all earth:
Soon I shall know the secrets of the Mind:
I play with knowledge and with ignorance
And sin and virtue my inventions are,
I can transcend or sovereignly use.
मैंने ब्रह्माण्डीय तरंगों के रहस्य का उपयोग किया है
अति सुदूर में देखने और अति दूरभाष सुनने को;
सकल दिशाओं पर विजय पा, पृथ्वी की दूरियों को समीप ला दिया है।
अब शीघ्र ही मैं मानव मन के रहस्यों को जान जाऊंगा;
मैं विद्या और अविद्या दोनों के साथ खेलता हूं
और पाप एवं पुण्य मेरे ही आविष्कार हैं,
जिनके परे मैं जा सकता हूं या प्रभुता से उनका उपयोग कर सकता हूं।
I shall know mystic truths, seize occult powers.
मैं गुह्य सत्यों का ज्ञान प्राप्त कर, गुह्यशक्तियों पर अधिकार कर लूंगा।
I shall slay my enemies with a look or thought,
I shall sense the unspoken feelings of all hearts
And see and hear the hidden thoughts of men.
एक कुदृष्टि या विचार द्वारा अपने शत्रुओं को मार गिराऊंगा,
सकल हृदयों की अनकही भावनाओं का बोध पा जाऊंगा
और मानव के गुप्त विचारों को देख और सुन सकूंगा।
When earth is mastered, I shall conquer heaven;
The gods shall be my aids or menial folk,
No wish I harbour unfulfilled shall die:
Omnipotence and omniscience shall be mine.”
जब यह पृथ्वी विजित कर ली जायेगी तब स्वर्ग पर विजय पाऊंगा;
ये देवता मेरे सहायक होंगे या साधारण चाकर सम होंगे,
मेरी कोई भी अन्तर कामना अब अधूरी दम नहीं तोड़ेगी:
सर्वशक्तिमत्ता और सर्वज्ञता अब मेरी बनकर रहेंगी।’’
And Savitri heard the voice, the warped echo heard
And turning to her being of power she spoke:
“Madonna of might, Mother of works and force,
Thou art a portion of my soul put forth
To help mankind and help the travail of Time.
और सावित्री ने उस वाचाको सुना, एवं उस विकारपूर्ण अहम्कीगूंज को सुना
और अपनी आत्मसत्ता की शक्ति की ओर घूमकर वह बोली:
‘‘हेशक्ति की देवी, कर्मों और शौर्य की आदि जननी,
तू ममात्मा की ही एकांश यहां आविर्भूत हुई है
मानवजाति को सहायता हेतु और इस कठिन काल में सहायक होने आयी है।
Because thou art in him, man hopes and dares;
Because thou art, men’s souls can climb the heavens[513]
And walk like Gods in the presence of the Supreme.
क्योंकि तू उसमें अन्तर्वासिनी है, मानव आशा करता, साहसी बनता है;
क्योंकि तू अभिव्यक्त है, मानव की आत्माएं स्वर्ग की ओर चढ़ सकती हैं
और पुरुषोत्तम के सान्निध्य में देवताओं सम विचरण कर सकती हैं।
But without wisdom power is like a wind,
It can breathe upon the heights and kiss the sky,
It cannot build the extreme eternal things.
किन्तु प्रज्ञा-विहीन बल एक वायु के झोंके समान है,
यह शिखरों पर श्वास ले सकता है और नभ को चूम सकता है,
यह चरम शाश्वत पदार्थों की सृष्टि नहीं कर सकता।
Thou hast given men strength, wisdom thou couldst not give.
तूने मनुष्यों को बल तो दिया किन्तु उनको सत्यज्ञान न दे सकी।
One day I will return, a bringer of light,
Then I will give to thee the mirror of God;
Thou shalt see self and world as by him they are seen
Reflected in the bright pool of thy soul.
एक दिन में ज्ञान का प्रकाश लेकर अवश्य लौटूंगी;
तब मैं तुझे प्रभु का आत्म-दर्पण भेंट दूंगी;
और तू अपनी आत्मा के उज्ज्वल कुण्ड में आभासित देखेगी
स्वयं का आत्मरूप और इस संसार का सत्यदर्शन जैसे प्रभु इन्हें देखता है।
Thy wisdom shall be vast as vast thy power.
तब तेरी प्रज्ञा भी तेरी शक्ति समान विशाल हो जायेगी।
Then hate shall dwell no more in human hearts,
And fear and weakness shall desert men’s lives,
The cry of the ego shall be hushed within,
Its lion roar that claims the world as food,
All shall be might and bliss and happy force.”
मानव के अन्तरों में घृणा और अधिक बस नहीं पायेगी,
और भय और दुर्बलता मानवों के जीवनों से पलायन कर जायेगी,
अन्तर में अहम्की पुकार मूक हो जायेगी,
इस संसार को भोज्य सम दावा करती इसकी सिंह-गर्जना शान्त हो जायेगी,
समस्त पराक्रम और आनन्द औ’ प्रसन्न ऊर्जा का संगम हो जायेगा।’’
Ascending still her spirit’s upward route
She came into a high and happy space,
A wide tower of vision whence all could be seen
And all was centred in a single view
As when by distance separate scenes grow one
And a harmony is made of hues at war.
अपनी आत्मा के संधानकर्ता उन्नत पथ पर चढ़ती
सावित्री एक उच्च और प्रशान्त सुखद क्षेत्र में आ पहुंची,
परिदर्शन की एक विशाल बुर्जी से चहुं ओर दिखायी देता
और एक विहंगम दृष्टि के एकाकी दृश्य में सब केन्द्रित था
मानों सकल सुदूर दृश्यों के अलगाव को दूरी ने मिला एक कर दिया
और संघर्ष में जुटी विविधताओं में एक समन्वय ला दिया।
The wind was still and fragrance packed the air.
हवा वहां शान्त थी और वातावरण सुगन्धि-पूरित था।
There was a carol of birds and murmur of bees,
And all that is common and natural and sweet,
Yet intimately divine to heart and soul.
विहंगों का समवेत एक गान था और भ्रमरों का गुंजार था,
और यह सब साधारण और सहज और मधुर है,
फिर भी आत्मा और प्राण के लिए अति घनिष्ठ और दिव्य है।
A nearness thrilled of the spirit to its source
And deepest things seemed obvious, close and true.
अपने उद़्गम के एक सान्निध्य से उसकी सत्ता पुलकित हो उठी
और गहनतम वस्तुएं स्पष्ट, समीप अन्तरंग और सत्य लगने लगीं।
Here, living centre of that vision of peace,
A Woman sat in clear and crystal light:
Heaven had unveiled its lustre in her eyes,
Her feet were moonbeams, her face was a bright sun,
Her smile could persuade a dead lacerated heart
To live again and feel the hands of calm.
यहां पर, शान्ति के उस दर्शन के जीवन्त केन्द्र में,
एक दिव्या नारी बैठी थी उस निर्मल स्फटिक प्रकाश में:
स्वर्ग ने अपनी दीप्ति उसके नेत्रों में अनावृत कर दी थी,
उसके चरण चन्द्र-किरण थे, उसका मुख एक उज्ज्वल सूर्य था,
उसकी स्मित एक निर्जीव विदीर्ण अन्तर को प्रेरित कर सकती थी
पुनः जीवन धारण करने को और शान्ति के करों का अनुभव पाने को।
A low music heard became her floating voice:
“O Savitri, I am thy secret soul.[514]
एक संगीत की मद्धिम लय तैरती-सी उसकी वाणी सुनायी दी:
‘‘हे सावित्री, मैं तेरी गुह्यात्मा हूं।
I have come down to the wounded desolate earth
To heal her pangs and lull her heart to rest
And lay her head upon the Mother’s lap
That she may dream of God and know his peace
And draw the harmony of higher spheres
Into the rhythm of earth’s rude troubled days.
मैं इस आहत एकाकी धरती पर नीचे आयी हूं
उसकी पीड़ा हरने औ’ हृदय को नीरव विश्रान्ति देने
और उसके क्लान्त शीश को भगवती मांकी गोद में लिटाने
जिससे वह प्रभु का सपना देखे और उसकी शान्ति को जान ले
और महत्तर स्तरों की समस्वरता को नीचे खींच ले
और इस पृथ्वी के कटु व्यथित दिवसों को सुसंगीतमय कर दे।
I show to her the figures of bright Gods
And bring strength and solace to her struggling life;
High things that now are only words and forms
I reveal to her in the body of their power.
मैं उसे तेजस्वी देवताओं के आकारों का दर्शन कराती हूं
और उसके संघर्षपूर्ण जीवन में शौर्य औ’ शान्ति लाती हूं;
उन उच्च पदार्थों को जो अभी केवल शब्द और आकृतियां हैं
मैं उनकी शक्तिरूपी देह को पृथ्वी के सामने प्रकटाती हूं।
I am peace that steals into man’s war-worn breast,
Amid the reign of Hell his acts create
A hostel where Heaven’s messengers can lodge;
I am charity with the kindly hands that bless;
I am silence mid the noisy tramp of life;
I am Knowledge poring on her cosmic map.
मैं वह शान्ति हूं जो मानव के युद्ध-जर्जरित वक्ष में चुपके से प्रवेश कर जाती है,
इस नारकीय यातना में जो उसने कर्मों द्वारा रची है,
एक विश्रामगृह हूं जहां पर उच्च स्वर्ग के दूत आकर वास करते हैं;
मैं दया की भावना हूं जो कृपालु करों से आशीष देती हूं;
जीवन की दौड़-धूप के कोलाहल में शान्ति हूं;
धरती के ब्रह्माण्डीय मानचित्र पर दृष्टि लगाये मैं प्रज्ञादेवी हूं।
In the anomalies of the human heart
Where Good and Evil are close bed-fellows
And Light is by Darkness dogged at every step,
Where his largest knowledge is an ignorance,
I am the Power that labours towards the best
And works for God and looks up towards the heights.
इस मानवीय हृदय की विषम असंगतियों में
जहां पर शुभ और अशुभ संग-संग वास करते हैं
और पराज्योति के प्रत्येक चरण का घोर अन्धकार पीछा करता है,
जहां पर मानव का महाज्ञान भी एक अज्ञान है,
मैं ही वह महाशक्ति हूं जो सतत सर्वश्रेष्ठता हित श्रमरत रहती है
और परमेश्वर हित कार्य करती है और उच्चताओं की ओर देखती है।
I make even sin and error stepping stones
And all experience a long march towards Light.
मैं पाप और भूल-भ्रान्ति को भी पथ पर बढ़ने का साधन बना लेती हूं
और समस्त अनुभवों को पराप्रकाश की ओर जाता एक दीर्घप्रयाण बना देती हूं।
Out of the Inconscient I build consciousness
And lead through death to reach immortal life.
जड़-अचित् से मैं चेतना की रचना करती हूं
और मृत्यु के माध्यम से उसे अमर दिव्य जीवन तक पहुंचा देती हूं।
Many are God’s forms by which he grows in man;
They stamp his thoughts and deeds with divinity,
Uplift the stature of the human clay
Or slowly transmute it into heaven’s gold.
प्रभु के अनेक रूप हैं जिनके द्वारा वह मानव में विकसित होता है;
वे उसके विचारों और कर्मों पर दिव्यता की छाप लगा देते हैं
मानवीय माटी की देह के महत्त्व को उच्च बना देते हैं
या धीरे-धीरे इसे स्वर्ग के स्वर्ण में रूपान्तरित कर देते हैं।
He is the Good for which men fight and die,
He is the War of Right with Titan Wrong;
He is Freedom rising deathless from her pyre,
He is Valour guarding still the desperate pass
Or lone and erect on the shattered barricade
Or a sentinel in the dangerous echoing Night.[515]
वह सदाशिव है जिसके लिए मानव लड़ते और मरते हैं,
वहीसत्य धर्म का युद्ध है जोभीषण अधर्म से होता है,
वह परम मुक्ति है जो अपनी चिता से अमरत्व प्राप्त कर उठ आती है;
वह दिव्य शौर्य है जो अभी तक नैराश्य के दर्रे में प्रहरी बन खड़ा है
या अकेला और तना हुआ उस जर्जर मोर्चे पर तैनात है
या कालरात्रि के खतरनाक गूंजते अंधेरे में एक सिपाही है।
He is the crown of the martyr burned in flame
And the glad resignation of the saint
And courage indifferent to the wounds of Time
And the hero’s might wrestling with death and Fate.
अग्नि ज्वाला में जलते क्रान्तिकारी का यह शीर्ष मुकुट है
और सन्त पुरुष का प्रसन्नता से किया गया त्याग है,
युगकाल द्वारा लगाये गये घावों की ओर उदासीन शौर्य है,
और मृत्यु एवं भाग्य से संघर्ष में जुटे महाबली की सामर्थ्य है।
He is Wisdom incarnate on a glorious throne
And the calm autocracy of the sage’s rule.
एक भव्य सिंहासन पर आसीन वह सरस्वती का अवतार है
और सत्य-साधु के शासन का शान्त एकछत्र राज्य है।
He is the high and solitary Thought
Aloof above the ignorant multitude:
He is the prophet’s voice, the sight of the seer.
वह महत् और एकाकी सत्य संकल्प है
वह इस अज्ञ जन-समूह के ऊर्ध्व में अकेला निस्संग है:
वह पैगम्बर की सत्य वाचा है, अन्तद्रष्टा का दर्शन है।
He is Beauty, nectar of the passionate soul,
He is the Truth by which the spirit lives.
वह दिव्य श्री-सौन्दर्य है, भावभीनी अन्तरात्मा का अमृतसार है,
वह ऋत है जिसके द्वारा इस आत्मा का अस्तित्व है।
He is the riches of the spiritual Vast
Poured out in healing streams on indigent Life;
He is Eternity lured from hour to hour,
He is Infinity in a little space:
He is Immortality in the arms of Death.
आत्मिक अनन्त विस्तार की वह श्री-समृद्धि है
जो इस अभावग्रस्त जड़-जीवन पर वरदायिनी धाराओं में बरसती है;
घड़ी प्रति घड़ी आकर्षित कर लुभाती वह शाश्वतता है,
एक लघु आकाश में समायी वह नित्यता है:
मृत्यु देवता की बांहों में जकड़ी अमरता है।
These powers I am and at my call they come.
ये सब शक्तियां मैं हूं और मेरे आवाहन पर वे आती हैं।
Thus slowly I lift man’s soul nearer the Light.
इस प्रकार धीरे-धीरे मैं मानव की चैत्य सत्ता को परा ज्योति कीओर उठाती हूं।
But human mind clings to its ignorance,
And to its littleness the human heart,
And to its right to grief the earthly life.
किन्तु मानव मन तो अपनी अज्ञता से चिपका रहता है
और मानव हृदय अपनी क्षुद्रता से बंधा है
और यह संसारी जीवन दुःख के निजाधिकार में खोया है।
Only when Eternity takes Time by the hand,
Only when infinity weds the finite’s thought,
Can man be free from himself and live with God.
केवल जब चिरन्तन आकर दिक्काल में हाथ थाम लेता है,
केवल जब नित्य आकर अनित्य विचार से जुड़ जाता है,
केवल तभी मानव स्वयं से मुक्त हो प्रभु के साथ बस जाता है।
I bring meanwhile the gods upon the earth;
I bring back hope to the despairing heart;
I give peace to the humble and the great
And shed my grace on the foolish and the wise.
तब तक मैं भी देवताओं को धरा पर लाती रहती हूं,
इन निराश अन्तरों में आशा की जोत जलाती रहती हूं,
मैं दीन और श्रीसम्पन्न दोनों को शान्ति प्रदान करती हूं
और अपनी कृपा मूर्ख और ज्ञानी दोनों पर बरसाती हूं।
I shall save earth, if earth consents to be saved.
मैं इस पृथ्वी को अवश्य सुरक्षा दूंगी, यदि इसे सुरक्षित रहना स्वीकार हो।
Then Love shall at last unwounded tread earth’s soil;
Man’s mind shall admit the sovereignty of Truth
And body bear the immense descent of God.”
तभी दिव्य प्रेम अक्षत रूप में धरती की माटी पर विचरण करेगा;
मानव-मन अमर सत्य के आधिपत्य को स्वीकारेगा
और शरीर प्रभु के विशाल अवतरण का भार सह पायेगा।’’
She spoke and from the ignorant nether plane
A cry, a warped echo naked and shuddering came.
उस महती वाचा की समाप्ति पर अज्ञ निम्न स्तर से
एक चीत्कार, एक विकृत, नग्न कम्पित प्रतिध्वनि का स्वर गूंजा।
A voice of the sense-shackled human mind
Carried its proud complaint of Godlike power[516]
Hedged by the limits of a mortal’s thoughts,
Bound in the chains of earthly ignorance.
यह इन्द्रिय में जकड़े मानव-मन की एक वाणी थी
जो निज दर्पमयी शिकायत देवोपम शक्ति को लेकर आयी थी
यह मानवीय विचारों की सीमा में चहुं ओर से बंधी थी,
पार्थिव अज्ञान की श्रृंखलाओं सेजकड़ी थी।
Imprisoned in his body and his brain
The mortal cannot see God’s mighty whole
Or share in his vast and deep identity
Who stands unguessed within our ignorant hearts
And knows all things because he is one with all.
अपने मस्तिष्क और अपनी देह में कैद यह बन्दी
नश्वर मानव प्रभु को सम्पूर्ण सामर्थ्य को नहीं देख सकता,
या उसकी विशाल और गहन तदात्मता में भाग नहीं ले सकता
वह सत् जो हमारे अज्ञ अन्तरों में कल्पना से परे प्रतिष्ठित है
और सकल पदार्थों से एकात्म वह सर्वज्ञानी है।
Man only sees the cosmic surfaces.
परन्तु यह मानव तो इस विश्व के ऊपरी धरातलों को देखता है।
Then wondering what may lie hid from the sense
A little way he delves to depths below:
But soon he stops, he cannot reach life’s core
Or commune with the throbbing heart of things.
तब आश्चर्य से भरा यह जानने को कि उसकी दृष्टि से परे क्या छिपा है
चकित हो वह अन्तर-गहराई में तनिक दूर नीचे खोजता है:
किन्तु शीघ्र ही रुक जाता है, वह प्राण के मर्मस्थल तक नहीं पहुंच पाता।
या पदार्थों के धड़कते हृदय से सम्पर्क नहीं कर पाता।
He sees the naked body of the Truth
Though often baffled by her endless garbs,
But cannot look upon her soul within.
वह शाश्वत सत्य का अनावृत शरीर देख पाता है
यद्यपि उसके अनन्त रूपों द्वारा छलावे में आ जाता है,
किन्तु अन्तरवासी सत्य-आत्मा का वह दर्शन नहीं कर पाता।
Then, furious for a knowledge absolute,
He tears all details out and stabs and digs:
Only the shape’s contents he holds for use;
The spirit escapes or dies beneath his knife.
तब, एक परिपूर्ण समष्टिज्ञान हित क्रोध से भरा,
वह समस्त विवरणों को निकाल फाड़ देता है और आघात करता औ’ छेदता है:
केवल उस काया के बहिर्तत्त्वों को अपने उपयोग हित संभाल रख लेता है;
तब आत्मा उसकी छुरी के नीचे से बच निकलती है या दम तोड़ देती है।
He sees as a blank stretch, a giant waste
The crowding riches of infinity.
वह जग को एक रीता विस्तार सम देखता है,
अनन्तता की प्रचुर समृद्धियों से पूरित पूर्णताएं उसे विशाल बंजर जैसी लगती हैं।
The finite he has made his central field,
Its plan dissects, masters its processes,
That which moves all is hidden from his gaze,
His poring eyes miss the unseen behind.
अब वह अनित्य नश्वर को अपना केन्द्रित कार्यक्षेत्र बना लेता है,
इसकी योजना का विश्लेषण कर, इसकी प्रक्रियाओं पर प्रभुत्व पा लेता है,
पर इस सबका संचालक प्रभु उसकी दृष्टि से छिपा रहता है,
उसकी निरीक्षिका दृष्टि पीछे छिपे अगोचर को नहीं देख पाती।
He has the blind man’s subtle unerring touch
Or the slow traveller’s sight of distant scenes;
The soul’s revealing contacts are not his.
उसके पास अन्धे मनुष्य का सूक्ष्म अमोघ स्पर्श है
या मन्थरगति यात्री की सुदूर-दृश्यों की कल्पना-दृष्टि है;
पर आत्मा को प्रकटाते सम्पर्क उसके पास नहीं हैं।
Yet is he visited by intuitive light
And inspiration comes from the Unknown;
But only reason and sense he feels as sure,
They only are his trusted witnesses.
फिर भी अन्तर की आत्म-ज्योति उसके पास आती है
और परम अज्ञेय से अन्तर-प्रेरणा भी आती है;
किन्तु केवल बौद्धिक तर्क और इन्द्रियबोध से ही वह निश्चित अनुभव पाता है,
वे ही उसके विश्वसनीय साक्षी द्रष्टा हैं।
Thus is he baulked, his splendid effort vain;
His knowledge scans bright pebbles on the shore
Of the huge ocean of his ignorance.
इस तरह वह भटक जाता है, उसका शानदार प्रयास व्यर्थ हो जाता है;
उसका ज्ञान अपने विशाल अज्ञान सागर के तट पर
चमकीले पत्थरों की छानबीन करते बीत जाता है।
Yet grandiose were the accents of that cry,[517]
A cosmic pathos trembled in its tone.
तथापि उस पुकार के आरोहण के स्वर भव्य थे,
एक वैश्व करुणा उसकी लय में कांप रही थी।
“I am the mind of God’s great ignorant world
Ascending to knowledge by the steps he made;
I am the all-discovering Thought of man.
मैं परमात्मा के महान् अज्ञ संसार का मन हूं
उसके द्वारा निर्मित सीढ़ियों से ज्ञान कीओर चढ़ रहा हूं;
मैं मानव का सतत खोज में लगा दृढ़ सनातन संकल्प हूं।
I am a god fettered by Matter and sense,
An animal prisoned in a fence of thorns,
A beast of labour asking for his food,
A smith tied to his anvil and his forge.
जड़तत्त्व और इन्द्रिय-अनुभूतिसे बंधा एक देवत्व हूं,
कंटीली एक बाड़ में कैद एक पशु हूं।
श्रम के जुए में जुता एक भूखा जानवर हूं,
अपनी भट्टी और संदान से बंधा एक लुहार हूं।
Yet have I loosened the cord, enlarged my room.
फिर भी अपने बंधन की डोरी को ढीला कर, मैंने अपना कक्ष फैला लिया है।
I have mapped the heavens and analysed the stars,
Described the orbits through the grooves of Space,
Measured the miles that separate the suns,
Computed their longevity in Time.
मैंने स्वर्गों को मापा है और तारों का विश्लेषण कर लिया है,
नभमण्डल की नलिकाओं के बीच से जाती ग्रहकक्षाओं का वर्णन किया है,
सूर्यों को पृथक् करती दूरियां मीलों में माप ली हैं
युगान्तरों में उनकी आयु की दीर्घता की गणना कर ली है।
I have delved into earth’s bowels and torn out
The riches guarded by her dull brown soil.
भू-उदर को मैंने अन्दर तक खोद कर
उसकी समृद्ध धूमिल माटी में से सुरक्षित सम्पदाओं को निकाल लिया है।
I have classed the changes of her stony crust
And of her biography discovered the dates,
Rescued the pages of all Nature’s plan.
उसके ऊपरी पाषाणी भू-पटल पर होते परिवर्तनों का वर्गीकरण किया है
और उसके जीवनकाल की तिथियों का निश्चय कर लिया है,
समस्त भौतिक प्रकृति की योजना के पृष्ठों को खोज निकाल लाया हूं।
The tree of evolution I have sketched,
Each branch and twig and leaf in its own place,
In the embryo tracked the history of forms,
And the genealogy framed of all that lives.
सकल प्राकृतिक क्रम-विकास का वृक्ष अंकित कर डाला है,
प्रत्येक शाखा और टहनी एवं पत्ती को यथास्थान रख दिया है,
भ्रूणावस्था में आकारों का सम्पूर्ण इतिहास खोज लिया है,
और समस्त जीवनों की वंशावली तैयार कर मढ़ दी है।
I have detected plasm and cell and gene,
The protozoa traced, man’s ancestors,
The humble originals from whom he rose;
I know how he was born and how he dies;
Only what end he serves I know not yet,
Or if there is aim at all or any end
Or push of rich creative purposeful joy
In the wide works of the terrestrial power.
मैंने जीवद्रव्य, कोषाणु और जीन को खोज निकाला है
मानव के आदि-जीवी पूर्वजों का पता लगा लिया है,
ये ही दीन आदि-जीव हैं जिनसे वह उत्पन्न हुआ है;
मुझे ज्ञात है कैसे वह जन्मा और कैसे वह मरता है:
पर किस उद्देश्य की वह पूर्ति करता है यह अभी तक नहीं जान पाया हूं।
या सत्य में यहां कोई लक्ष्य है या कोई अन्तिम पड़ाव है
या इस पार्थिव ऊर्जा के इस विस्तृत कार्यक्षेत्र में
किसी समृद्ध रचनात्मक उद्देश्यपूर्ण आनन्द की कोई प्रेरणा है।
I have caught her intricate processes, none is left:
Her huge machinery is in my hands;
I have seized the cosmic energies for my use.
मैंने उसकी जटिल कार्यप्रणालियों को धर लिया है, कुछ भी नहीं छूटाः
उसकी विराट्यान्त्रिकता को मैंने अपने हाथों में सम्भाल लिया;
ब्रह्माण्डीय ऊर्जाओं को अपने उपयोग के लिए अधिकृत कर लिया है।
I have pored on her infinitesimal elements
And her invisible atoms have unmasked:
All Matter is a book I have perused;[518]
Only some pages now are left to read.
उसके अति सूक्ष्म मूलतत्त्वों कीखोज-बीन की है
और उसके अदृश्य अणुओं पर पड़ा पर्दा हटा दिया है:
यह समस्त जड़तत्त्व एक पुस्तक है जिसका मैंने पूर्णतः अध्ययन किया है;
अब केवल कुछ ही पृष्ठबाकी हैं पढ़ने को।
I have seen the ways of life, the paths of mind;
I have studied the methods of the ant and ape
And the behaviour learnt of man and worm.
जीवन की पद्धतियों को देखा-समझा, मन की गतियों को जाना;
चींटी और वानर के ढंगों का अध्ययन किया
और मानव एवं कीट के व्यवहार का ज्ञान पाया है।
If God is at work his secrets I have found.
यदि भगवान् यहां कार्यरत हैं तो उनके रहस्यों को खोज लिया है।
But still the Cause of things is left in doubt,
Their truth flees from pursuit into a void;
When all has been explained nothing is known.
तथापि वस्तुओं का भागवत कारण अभी भी शंका में डूबा है,
उनका सत्य लक्ष्य से दूर एक शून्य में उड़ जाता है;
जब सब स्पष्ट ज्ञात हो जाता है यथार्थ में कुछ भी समझ नहीं आता।
What chose the process, whence the Power sprung
I know not and perhaps shall never know.
किसने इस प्रक्रिया को चुना, कहां से इस महाशक्ति का उदय हुआ
यह मुझे ज्ञात नहीं और सम्भव है कभी जान नहीं पाऊंगा।
A mystery is this mighty Nature’s birth;
A mystery is the elusive stream of mind,
A mystery the protean freak of life.
इस सामर्थ्यशालिनी भौतिक प्रकृति का जन्म एक रहस्य है;
मन की यह मायाविनी चंचल प्रवृत्ति भी और
जीवन की यह सतत बदलती सनक एक रहस्य है।
What I have learnt, Chance leaps to contradict;
What I have built is seized and torn by Fate.
जो ज्ञान पाता हूं, हठात् दैवयोग झपट उसका खण्डन कर देता है;
जो निर्मित करता हूं उसे दुर्भाग्य तोड़कर छिन्न-भिन्न कर डालता है।
I can foresee the acts of Matter’s force,
But not the march of the destiny of man:
He is driven upon paths he did not choose,
He falls trampled underneath the rolling wheels.
जड़तत्त्व की ऊर्जा के कार्यों का मैं पूर्वावलोकन कर सकता हूं,
किन्तु मानव नियति के बढ़ते चरण नहीं देख पाता:
जिन मार्गों का चुनाव उसने नहीं किया उस पर उसे चलाया जाता है,
घूमते चक्रों के नीचे गिरकर वह कुचल दिया जाता है।
My great philosophies are a reasoned guess;
The mystic heavens that claim the human soul
Are a charlatanism of the imagining brain:
All is a speculation or a dream:
In the end the world itself becomes a doubt:
The infinitesimal’s jest mocks mass and shape,
A laugh peals from the infinite’s finite mask.
मेरे महान् दर्शन-शास्त्र मात्र एक तार्किक अनुमान हैं;
ये गुह्य देवलोक जो मानव की आत्मा पर अधिकार जताते हैं
यह सब मानव के कल्पनाशील मस्तिष्क का मायाजाल है:
सब एक अनुमान या एक सपना है।
अन्त में यह संसार स्वयं एक शंका बन रह जाता है:
अति सूक्ष्माणु इस स्थूल और आकार का मुंह चिढ़ाता हो जैसे,
नित्य के इस नश्वर मुखौटे के पीछे एक हास्य फूटता हो जैसे।
Perhaps the world is an error of our sight,
A trick repeated in each flash of sense,
An unreal mind hallucinates the soul
With a stress-vision of false reality,
Or a dance of Maya veils the Void unborn.
सम्भवत: यह संसार ही हमारी दृष्टि का एक मायाजाल है,
एक छलना है जिसे संवेदन की प्रत्येक झलक में दोहराया जाता है,
एक अयथार्थ मन इस जीव को भरमाता रहता है
मिथ्यारूपी वास्तविकता के परिदर्शन से,
या मायादेवी का नृत्य है जो अजात शून्य पर पर्दा डाल देता है।
Even if a greater consciousness I could reach.
What profit is it then for Thought to win
A Real which is for ever ineffable
Or hunt to its lair the bodiless Self or make
The Unknowable the target of the soul? [519]
तथापि यदि मैं एक महत्तर चेतना तक पहुंच सकता,
तो इस मन-संकल्प की विजय से मैं क्या लाभ प्राप्त करता?
एक परम सत् को जो सतत अनिर्वचनीय है
या निराकारी परमात्मा का उसके गेह तक पीछा करता
या परम अज्ञेय को अपनी आत्मा का लक्ष्य बना क्या पाता?
Nay, let me work within my mortal bounds,
Not live beyond life nor think beyond the mind;
Our smallness saves us from the Infinite.
नहीं, मुझे छोड़ दो, अपनी नश्वर सीमाओं में कार्य करने दो,
मुझे जीवन से परे नहीं जीना इस मन से परे विचार नहीं करना;
हमारी लघुता ही हमें अनन्तता से सुरक्षित रखती है।
In a frozen grandeur lone and desolate
Call me not to die the great eternal Death,
Left naked of my own humanity
In the chill vast of the spirit’s boundlessness.
एक जमी हुई ठण्डी भावशून्य भव्यता में निर्जन और एकाकी
मुझे इस महान् शाश्वत मृत्यु में मरने को, नहीं पुकारो,
अपनी निजी मानवता से हीन हो
इस परमात्मा के असीम विस्तार को उदासीन विशालता में न बुलाओ।
Each creature by its nature’s limits lives,
And how can one evade his native fate?
प्रत्येक प्राणी अपने स्वभाव की सीमाओं में जीता है,
और तब कैसे कोई अपनी स्वाभाविक नियति से बच सकता है?
Human I am, human let me remain
Till in the Inconscient I fall dumb and sleep.
मैं मानव हूं, मुझे मानव ही रहने दो
जब तक इस जड़-अचित् में मूक हो निद्रा में सो नहीं जाता।
A high insanity, a chimera is this,
To think that God lives hidden in the clay
And that eternal Truth can dwell in Time,
And call to her to save our self and world.
अति उन्नत ढंग का उन्माद, एक कपोल कल्पना मात्र है यह सोचना,
कि परमात्मा इस माटी के पुतले में छिपा रहता है
और कि चिरन्तन सत्य यहां दिक्काल में बस सकता है,
और उसे अपनी सत्ता और इस संसार की रक्षा हित मनुष्य द्वारा टेरना।
How can man grow immortal and divine
Transmuting the very stuff of which he is made?
मानव कैसे विकसित हो अमर और दिव्य बन सकता है
इस तत्त्व का रूपान्तरण जिससे वह निर्मित है कैसे कर सकता है?
This wizard Gods may dream, not thinking men.”
यह स्वप्न केवल मायावी देवता देख सकते हैं, चिन्तनशील मानव नहीं।’’
And Savitri heard the voice, the warped answer heard
And turning to her being of light she spoke:
“Madonna of light, Mother of joy and peace,
Thou art a portion of my self put forth
To raise the spirit to its forgotten heights
And wake the soul by touches of the heavens.
सावित्री ने वह आत्मवाणी सुनी, उस व्यंगात्मक उत्तर को भी सुना
और प्रकाश की अपनी आत्मसत्ता की ओर मुड़कर उसने कहा:
‘‘हे प्रकाश की देवी, शान्ति और हर्ष की जननी-माता,
तू तो मां मेरी अपनी आत्मा का अंश प्रकाशमान प्रकटी है,
जीव को अपनी विस्मृत उच्चताओं तक उन्नत करने आयी है
और चैत्यात्मा को सुरलोकों का स्पर्श दे जाग्रत् करने आयी है।
Because thou art, the soul draws near to God;
Because thou art, love grows in spite of hate
And knowledge walks unslain in the pit of Night.
क्योंकि तू उपस्थित है, यह अन्तरात्मा प्रभु कीओर खिंचती है;
क्योंकि तेरा अस्तित्व है, घृणा के विद्यमान होने पर भी प्रेम विकसित होता है
और इस अन्धी रात्रि के गर्त में अमर ज्ञान विचरण करता है।
But not by showering heaven’s golden rain
Upon the intellect’s hard and rocky soil
Can the tree of Paradise flower on earthly ground
And the Bird of Paradise sit upon life’s boughs
And the winds of Paradise visit mortal air.
किन्तु इस बुद्धि की कठिन पथरीली भूमि पर
केवल स्वर्ग की स्वर्ण वर्षा करके
सुरलोक के नन्दन-वन के वृक्ष का दिव्य पुष्प पृथ्वी पर नहीं फूटेगा,
जीवन की शाखाओं पर स्वर्ग का दिव्यपक्षी नहीं बैठेगा
और स्वर्ग का पवन इस मर्त्य वायुमण्डल में नहीं बहेगा।
Even if thou rain down intuition’s rays,
The mind of man will think it earth’s own gleam,
His spirit by spiritual ego sink,
Or his soul dream shut in sainthood’s brilliant cell[520]
Where only a bright shadow of God can come:
His hunger for the eternal thou must nurse
And fill his yearning heart with heaven’s fire
And bring God down into his body and life.
चाहे तू यहां पर अन्तर्बोध की किरणों की वर्षा क्यों न कर दे,
मानव का मन इसे धरती की अपनी ही चमक समझेगा,
और उसकी आत्मा आध्यात्मिक अहंकार में डूब जायेगी,
या उसकी आत्मा अपनी साधुता के चमकीले कक्ष में कैद सपना देखेगी
जहां पर केवल परमात्मा की एक दीप्तिमयी छाया प्रवेश पायेगी।
मां, तुझे मनुज में चिरन्तन की भूख को पोषित करना है
और उसके लालायित हृदय में दिव्यता की अग्नि को प्रज्वलित करना है
और उसकी देह और जीवन में प्रभु को उतार लाना है।
One day I shall return, His hands in mine,
And thou shalt see the face of the Absolute.
एक दिन मैं प्रभु का हाथ थाम लौटकर आऊंगी,
और तू उस परमेश्वर का दर्शन अवश्य पायेगी।
Then shall the holy marriage be achieved,
Then shall the divine family be born.
तभी यह पुनीत विवाह-बन्धन सिद्ध होगा,
तभी यहां दिव्य परिवार जन्म लेगा।
There shall be light and peace in all the worlds.”[521]
फिर सकल लोकों में ज्योति और शान्ति का साम्राज्य होगा।’’
END OF CANTO FOUR