JNANA 2: "Inspiration is a slender river of brightness leaping from a vast and eternal knowledge; it exceeds reason more perfectly than reason exceeds the knowledge of the senses."
इस हिंदी वार्ता में हम जानते हैं की सत्य निष्ठा कितनी आवश्यक हे। बाहरी रूप में हमे कितना ही कुछ मिला हो परंतु यदि हम सत्य निष्ठ नहीं हैं तो परमात्मा द्वारा दिए गए सुंदर से सुंदर उपहार का भी लाभ नहीं ले सकते।