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At the Feet of The Mother

SAVITRI Book Two. Canto Eleven (Eng-Hindi)

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BOOK TWO. THE BOOK OF THE TRAVELLER OF THE WORLDS

Canto Eleven. The Kingdoms and Godheads of the Greater Mind

 

There ceased the limits of the labouring Power.

अब वहां पर श्रमरत अपराशक्ति की सीमाएं मिट गयी थीं।

But being and creation cease not there.

किन्तु सत्ता और सृष्टि अभी भी अस्तित्व में थीं।

For Thought transcends the circles of mortal mind,
It is greater than its earthly instrument:
The godhead crammed into mind’s narrow space
Escapes on every side into some vast
That is a passage to infinity.

क्योंकि उच्च-संकल्प मर्त्य मन की परिधि का अतिक्रम कर जाता है,
यह अपने पार्थिव यन्त्र की अपेक्षा महत्तर है:
मन के संकुचित आकाश में इस देवांश को ठूंस भर दिया गया है
पर यह चहुं ओर से किसी विशालता में
शाश्वतता की ओर जाते एक मार्ग में बच निकलता है।

It moves eternal in the spirit’s field,
A runner towards the far spiritual light,
A child and servant of the spirit’s force.

यह आत्म-क्षेत्र की शाश्वतता में गतिमान है,
सुदूर के आध्यात्मिक प्रकाश कीओर दौड़ता एक धावक है,
जीवात्मा कीशक्ति का एक बालक और सेवक है।

But mind too falls back from a nameless peak.

किन्तु यह मन भी एक अनामी शिखर से वापिस लौट आता है।

His being stretched beyond the sight of Thought.

योगी कीसत्ता का आत्म-विस्तार विचारशक्ति की दृष्टि-सीमा से परे फैल गया था।

For the spirit is eternal and unmade
And not by thinking was its greatness born,
And not by thinking can its knowledge come.

क्योंकि आत्मा शाश्वत और स्वयंभू है
और मनन चिन्तन से इसकी महत्ता नहीं जन्मी है,
और विचार द्वारा आत्म-ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है।

It knows itself and in itself it lives,
It moves where no thought is nor any form.

यह स्वयं प्रज्ञा है और आत्मरूप में स्थित है,
जहां पर विचार और आकार का अभाव है वहां यह विहार करती है।

Its feet are steadied upon finite things,
Its wings can dare to cross the Infinite.

इसके चरण अनित्य पदार्थों पर दृढ़ता से टिके हैं,
इसकी उड़ान नित्य को पार कर जाने का साहस रखती है।

Arriving into his ken a wonder space
Of great and marvellous meetings called his steps,
Where Thought leaned on a Vision beyond thought
And shaped a world from the Unthinkable.

योगी जब इसके ज्ञान-परिधि के एक अद्भुत आत्माकाश में पहुंचा
तब महान् और चमत्कारी संगमों ने उसके कदमोंको पुकारा,
यहां पर आत्म-संकल्प एक विचारातीत आत्मदर्शन पर निर्भर था
और अचिन्त्य से इसने एक संसार रूपायित कर डाला था।

On peaks imagination cannot tread,
In the horizons of a tireless sight,
Under a blue veil of eternity
The splendours of ideal Mind were seen
Outstretched across the boundaries of things known.

उन शिखरों पर कल्पना भी पहुंच नहीं पाती है,
एक अक्लांत दृश्य के उन क्षितिजों में,
शाश्वतता के एक नीले पट के तले
आदर्श उच्च-मन की भव्यशोभा-झांकियां दिखायी देती थीं
ये ज्ञात पदार्थों की सीमाओं के पार अन्य लोक तक फैली हुई थीं।

Origin of the little that we are,
Instinct with the endless more that we must be,
A prop of all that human strength enacts,[260]
Creator of hopes by earth unrealised,
It spreads beyond the expanding universe;
It wings beyond the boundaries of Dream,
It overtops the ceiling of life’s soar.

हमारे अस्तित्व की लघुता का यह मूल उद़्गम है,
उस अनन्त विपुलता का सहज बोध लिये है जो हमें होना है,
हमारे मानवीय कार्यों की सम्पूर्ण शक्ति-सामर्थ्य का यह एक अवलम्बन है,
यह उन आशाओं का सर्जनहार है जो धरती के लिए असिद्ध हैं,
इस विस्तृत विश्व के परे भी इसका विस्तार है;
स्वप्न-साम्राज्य की सीमाओं के परे भी यह उड़ान भरता है,
जीवन-उड़ान की उच्चतम परिधि के ऊपर यह छाया है।

Awake in a luminous sphere unbound by Thought,
Exposed to omniscient immensities,
It casts on our world its great crowned influences,
Its speed that outstrips the ambling of the hours,
Its force that strides invincibly through Time,
Its mights that bridge the gulf twixt man and God,
Its lights that combat Ignorance and Death.

विचार-शक्ति की सीमा से सीमित नहीं है यह एक दीप्तिक्षेत्र में जाग्रत् है,
सर्वज्ञ विशालताओं के प्रति उद़्घाटित है,
यह हमारे संसार पर अपने महान् सर्वोच्च प्रभावों को डालता है,
इसकी गति हमारे घण्टों की मन्थर-चाल का अतिक्रमण कर जाती है,
इसकी शक्ति काल के मध्य अपराजित कदमों से बढ़ती है,
इसके सामर्थ्य नर और नारायण के मध्य की खाड़ी को पाट देते हैं,
इसके प्रकाश घोर-अज्ञान और मृत्यु से जूझते हैं।

In its vast ambit of ideal Space
Where beauty and mightiness walk hand in hand,
The Spirit’s truths take form as living Gods
And each can build a world in its own right.

इसके विशाल आदर्श आत्माकाश परिवेश में
सौन्दर्य और सामर्थ्य हाथ में हाथ डाले विचरण करते हैं,
आत्मा के सत्य सब जीवन्त देवताओं सम रूप धर लेते हैं
और प्रत्येक अपने स्वाधिकार में एक जगत् की सृष्टि कर सकता है।

In an air which doubt and error cannot mark
With the stigmata of their deformity,
In communion with the musing privacy
Of a truth that sees in an unerring light
Where the sight falters not nor wanders thought,
Exempt from our world’s exorbitant tax of tears,
Dreaming its luminous creations gaze
On the Ideas that people eternity.

एक ऐसे वातावरण में जिसे शंका और त्रुटि
अपने विकृति के कलंक से दाग नहीं लगा सकती,
यह अपनी ध्यानमग्न ऐकान्तिकता के साथ संलाप में व्यस्त है
यह एकान्त एक ऐसे सत्य का है जो निर्दोष प्रकाश में सब देख सकता है
वहां दृष्टि भटकती नहीं है औ’ विचार चलायमान नहीं होता है,
यह हमारे जगत् के अश्रुओं के बोझिल कर-भार से मुक्त है,
इसकी तेजस्वी रचनाओं कीसपनाती चितवन स्थिर है
उन विभावों में शाश्वतता बसती है।

In a sun-blaze of joy and absolute power
Above the Masters of the Ideal throne
In sessions of secure felicity,
In regions of illumined certitude.

आनन्द के एक सूर्य की और परिपूर्ण अधिकार की एक ज्वलन्त प्रखरता में
उस आदर्श सिंहासन के दिव्य-प्रभुओं के ऊर्ध्व में
सुरक्षित आनन्दातिरेक के सत्रों में,
ज्योतिर्मयी श्रद्धा के क्षेत्रों में वे रहते हैं।

Far are those realms from our labour and yearning and call,
Perfection’s reign and hallowed sanctuary
Closed to the uncertain thoughts of human mind,
Remote from the turbid tread of mortal life.

ये राज्य हमारे श्रम और लालसा और पुकार से अति दूर हैं,
परिपूर्णता के क्षेत्र हैं और पावन पुण्य-भूमि है
जो मानव मन के अनिश्चित विचारों के लिए अगम्य है,
नश्वर जीवन की कलुषित दुरूह चाल से परे है।

But since our secret selves are next of kin,
A breath of unattained divinity
Visits the imperfect earth on which we toil;
Across a gleaming ether’s golden laugh
A light falls on our vexed unsatisfied lives,[261]
A thought comes down from the ideal worlds
And moves us to new-model even here
Some image of their greatness and appeal
And wonder beyond the ken of mortal hope.

किन्तु क्योंकि हमारी गुह्यसत्ताएं इसकी निकट सम्बन्धी हैं,
हम तक इस अलभ्य दिव्यता की प्राणवायु आ पहुंचती है
इस अपूर्ण धरा पर जहां हम कठोर श्रम में लगे हैं;
एक आभासित विद्युती-व्योम के स्वर्ण-हास्य के उस पार से
हमारे उत्पीड़ित असन्तुष्ट जीवनों पर एक ज्योति आ गिरती है,
उन आदर्श लोकों से एक संकल्प अवतरित होता है
और यह हमें यहां भी नव-प्रतिमान की ओर प्रेरित करता है
जो उनकी महानता और आकर्षण की कुछ छवि लिये हैं
मर्त्य-आशा की पहुंच से परे का यह चमत्कार है।

Amid the heavy sameness of the days
And contradicted by the human law,
A faith in things that are not and must be
Lives comrade of this world’s delight and pain,
The child of the secret soul’s forbidden desire
Born of its amour with eternity.

दिवसों की बोझिल नीरसता के मध्य
और मानवीय विधान द्वारा खण्डित होकर भी,
इसकी वस्तुओं में एक श्रद्धा है जो यहां व्यक्त नहीं है पर होनी चाहिये
जो इस संसार के आनन्द और वेदना दोनों में सहयोगी है,
गुह्य अन्तरात्मा की निषेधित स्वेच्छा की यही शिशु-श्रद्वा है
जो चिरन्तनता से उसके प्रणय सम्बन्ध के फलस्वरूप यहां जन्मी है।

Our spirits break free from their environment;
The future brings its face of miracle near,
Its godhead looks at us with present eyes;
Acts deemed impossible grow natural;
We feel the hero’s immortality,
The courage and the strength death cannot touch
Awake in limbs that are mortal, hearts that fail;
We move by the rapid impulse of a will
That scorns the tardy trudge of mortal Time.

हमारी जीवात्माएं अपने परिवेश से मुक्त हो स्वतन्त्र हो जाती हैं;
हमारी भावी अपना चमत्कारी मुख और समीप ले आती है,
इसका सत्पुरुष अपने वर्तमान के नेत्रों से हमें निहारता है;
अभी तक असंभव लगते कार्य सब स्वाभाविक बन जाते हैं;
हम एक धीर नायक के अमरत्व की अनुभूति पाते हैं;
तब साहस और ओज इन नश्वर अंगों में,
और असफल हृदयों में जाग जाता है, जिसे मृत्यु स्पर्श नहीं कर सकती है;
हम एक संकल्प की द्रुत प्रेरणा द्वारा संचालित होते हैं
जो नश्वर काल की मन्थर घिसटन की अवज्ञा करती है।

These promptings come not from an alien sphere:
Ourselves are citizens of that mother State,
Adventurers, we have colonised Matter’s night.

ये अनुबोधन किसी एक अपरिचित गोलार्ध से नहीं उतरे हैं:
हम स्वयं उसी मातृ परम-धाम के नागरिक हैं,
वीर साहसी बन, हम इस जड़-तत्त्व की निशा में उपनिवेश बना बस गये हैं।

But now our rights are barred, our passports void;
We live self-exiled from our heavenlier home.

किन्तु अब हमने निज अधिकारों को खो दिया है, हमारे पार-पत्र अमान्य हैं;
हम अपने मातृ-धाम से निष्कासित यहां बसते हैं।

An errant ray from the immortal Mind
Accepted the earth’s blindness and became
Our human thought, servant of Ignorance.

उस अमर उच्च मन से निकली एक भटकती किरण ने
इस पृथ्वी की अन्धता को स्वीकार लिया है और इसने हमारे
मानवीय विचार का रूप धरकर, अविद्या के दासत्व को अपना लिया है।

An exile, labourer on this unsure globe
Captured and driven in Life’s nescient grasp,
Hampered by obscure cell and treacherous nerve,
It dreams of happier states and nobler powers,
The natural privilege of unfallen gods
Recalling still its old lost sovereignty.

इस अस्थिर भूगोलक पर एक निष्कासित श्रमिक सम बन्दिनी बनी
यह जीवन की निश्चेतना में जकड़ी संचालित होती है,
धूमिल कोषाणु और अविश्वसनीय स्नायु द्वारा अवरोधित बनी,
यह सुखतर अवस्थाओं और उदात्ततर बलों के स्वप्न देखती है,
अपतित देवों के नैसर्गिक सौभाग्य की
अभी भी अपनी पुरानी खोयी प्रभुता को बार बार याद करती है।

Amidst earth’s mist and fog and mud and stone
It still remembers its exalted sphere
And the high city of its splendid birth.[262]

धरती की धूमिलता और कुहासे और कीचड़ तथापत्थरों के मध्य
यह अपने उदात्त स्तर को अभी तक भूली नहीं है
और इसे अपने शानदार जन्म की महान् नगरी की स्मृति अभी भी है।

A memory steals from a lost heaven of Truth,
A wide release comes near, a Glory calls,
A might looks out, an estranged felicity.

ऋत के लुप्त स्वर्गों से एक स्मृति चुपके से प्रवेश करती है,
एक विशाल मुक्ति समीप खिंच आती है, एक दिव्य महिमा पुकारती है,
एक अपरिचित परमानन्द की शक्ति झांक बाहर देखती है।

n glamorous passages of half-veiled light
Wandering, a brilliant shadow of itself,
This quick uncertain leader of blind gods,
This tender of small lamps, this minister serf
Hired by a mind and body for earth-use
Forgets its work mid crude realities;
It recovers its renounced imperial right,
It wears once more its purple robe of thought
And knows itself the Ideal’s seer and king,
Communicant and prophet of the Unborn,
Heir to delight and immortality.

आधी-छिपी ज्योति के भव्य मनमोहक पथों में
भटकती, विचरती यह अपनी ही संज्ञा की एक प्रतिभाशाली छाया है,
अन्धे देवताओं की यह तेज अस्थिर चंचल नेत्री है,
लघु दीपों की परिचारिका है, इस सहायिका अनुचरी को
एक मन और देह ने पार्थिव उपयोग के लिए किराये पर ले लिया है
और यह कठोर असभ्य वास्तविकताओं के मध्य अपना सत्य कर्म भूल गयी है;
अब एक बार पुनः यह अपना परित्यक्त राज्याधिकार पा जाती है,
फिर से अपने विचार का जामुनी-रंगी बाना धारण कर लेती है
और अपनी सत्ता को देवादर्श की द्रष्टा और राजा सम समझती है,
अजन्मा प्रभु की सन्देश-वाहिका और देवदूती हो जैसे
स्वयं को अमरत्व और आनन्द की उत्तराधिकारिणी मानती है।

All things are real that here are only dreams,
In our unknown depths sleeps their reserve of truth,
On our unreached heights they reign and come to us
In thought and muse trailing their robes of light.

यहां जो सब स्वप्नमात्र हैंवहां वे सब पदार्थ यथार्थ हैं,
हमारी अज्ञात गहनताओं में उनका संचित सत्य सोता है,
हमारी अगम्य उच्चताओं पर वे शासन करती हैं और विचारों में
और समाधि में अपने प्रकाश के चोगों को घसीटती हम तक आ जाती हैं।

But our dwarf will and cold pragmatic sense
Admit not the celestial visitants:
Awaiting us on the Ideal’s peaks
Or guarded in our secret self unseen
Yet flashed sometimes across the awakened soul,
Hide from our lives their greatness, beauty, power.

किन्तु हमारा बौना संकल्प और भावशून्य व्यवहारी बोध
इन स्वर्ग के अतिथियों को प्रवेश नहीं करने देता है:
सत्य विज्ञान के शिखरों पर ये हमारी प्रतीक्षा करते हैं
या हमारी गुह्य अन्तरात्मा में अदृश्य सुरक्षित सोते हैं
तथापि कभी-कभी जाग्रत् चेतना के ऊपर विद्युत सम कौंध जाते हैं,
हमारे जीवनों से ये अपनी महत्ता, शोभा, शक्ति छिपा रखते हैं।

Our present feels sometimes their regal touch,
Our future strives towards their luminous thrones:
Out of spiritual secrecy they gaze,
Immortal footfalls in mind’s corridors sound:
Our souls can climb into the shining planes,
The breadths from which they came can be our home.

हमारा वर्तमान कभी-कभी उनके शाही स्पर्श की अनुभूति पा जाता है,
हमारा भविष्य उनके दीप्तिमान सिंहासनों की ओर बढ़ने का प्रयास करता है:
हमारी आत्मिक गुह्यता के बाहर वे दृष्टि गड़ाये हैं,
हमारे चित्त के गलियारों में अमर देवों की पगध्वनि सुनायी देती है:
हमारी चैत्य सत्ताएं उन उज्ज्वल स्तरों तक आरोहण कर सकती हैं,
वे परिवेश जहां से वे आये थे हमारा धाम बन सकते हैं।

His privilege regained of shadowless sight
The Thinker entered the immortals’ air
And drank again his pure and mighty source.

एक बार फिर से योगी ने अपनी अमल-दृष्टि का विशेषाधिकार पा लिया
वह मनीषी ऋषि उस अमरों के परिवेश में प्रवेश कर गया
और उसने पुनः अपने विशुद्ध और सामर्थ्यशाली स्रोत से पान किया।

Immutable in rhythmic calm and joy
He saw, sovereignly free in limitless light,
The unfallen planes, the thought-created worlds[263]
Where Knowledge is the leader of the act
And Matter is of thinking substance made,
Feeling, a heaven-bird poised on dreaming wings,
Answers Truth’s call as to a parent’s voice,
Form luminous leaps from the all-shaping beam
And Will is a conscious chariot of the Gods,
And Life, a splendour-stream of musing Force,
Carries the voices of the mystic Suns.
A happiness it brings of whispered truth;
There runs in its flow honeying the bosom of Space
A laughter from the immortal heart of Bliss,
And the unfathomed Joy of timelessness,
The sound of Wisdom’s murmur in the Unknown
And the breath of an unseen Infinity.

उस सुसंगत शान्ति और आनन्द में अविकारी भाव में स्थित योगी ने,
अनन्त प्रकाश की पूर्ण प्रभुता में विमुक्त हो, अवलोका;
उन अपतित स्तरों को, विचार द्वारा रचित लोकों को
जहां पर आत्म-ज्ञान ही प्रत्येक कर्म का नेता है
और जहां जड़तत्त्व का निर्माण चिन्तन-द्रव्य द्वारा हुआ है,
भावना, वहां एक अलौकिक विहग है जो सपनाते पंखों पर झूल रहा है,
वह ऋत की पुकार पर एक जननी की वाणी सम चहक रहा है,
उस सकल रुपायम पुंज से द्युति-किरणें स्फुटित होती हैं
और आत्म-संकल्प परम देवों का एक सचेत रथ है,
और विश्व-प्राण ध्यानमग्न दिव्यशक्ति कीवैभवशालिनी एक धारा,
जो गुह्य परात्पर के सूर्यों की वाचाएं वहन कर आती है,
सत्य की फुसफुसाती ध्वनि में यह एक प्रसाद वहन कर लाती है;
विश्वाकाश के वक्षस्थल को मधुमय बनाती इसकी धारा में
परमानन्द के अमर हृदय से एक हास्य फूट बहता है,
और कालातीत के अगाध परमोल्लास का रस बहता,
परम अज्ञेय में स्थित प्रज्ञा की मरमरी ध्वनि का नाद
और एक अगोचर नित्यता का श्वास प्रवाहित है।

In gleaming clarities of amethyst air
The chainless and omnipotent Spirit of Mind
Brooded on the blue lotus of the Idea.

नील-गुलाबी समीर की उज्ज्वल स्पष्टता में
मनोमय-पुरुष वहां विमुक्ति और सर्वशक्तिमत्ता में
परम-विभाव के नील-कमल पर ध्यानमग्न था।

A gold supernal sun of timeless Truth
Poured down the mystery of the eternal Ray
Through a silence quivering with the word of Light
On an endless ocean of discovery.

अकाल ऋत का एक स्वर्णिम आत्म-सूर्य
उस चिरन्तन दिव्य रश्मि के रहस्य को नीचे उंडेल रहा था
एक नीरव शान्ति के द्वारा जो परा-ज्योति के शब्द से स्पन्दित थी,
असीम अनुसन्धान के एक अनन्त सागर पर ढाल रहा था।

Far-off he saw the joining hemispheres.

सुदूर में योगी ने युक्त होते अर्ध-गोलार्धों को देखा।

On meditation’s mounting edge of trance
Great stairs of thought climbed up to unborn heights
Where Time’s last ridges touch eternity’s skies
And Nature speaks to the spirit’s absolute.

समाधि के तट से वह ध्यान के आरोहण में
विचार के महान् सोपानों पर अजात उच्चताओं की ओर चढ़ गया
जहां त्रिकाल की अन्तिम श्रेणियां चिरन्तन के आकाशों को छूतीं
और परा-प्रकृति अन्तरात्मा की चरमताओं से संलाप करती।

 

A triple realm of ordered thought came first,
A small beginning of immense ascent:
Above were bright ethereal skies of mind,
A packed and endless soar as if sky pressed sky
Buttressed against the Void on bastioned light;
The highest strove to neighbour eternity,
The largest widened into the infinite.

व्यवस्थित विचार का एक त्रिस्तरीय क्षेत्र सर्वप्रथम आया,
असीम-आरोहण का यह एक लघु आरम्भ था:
ऊर्ध्व में मानस के चमकते सूक्ष्म नभ-मण्डल थे,
एक संवेष्टित और अनन्त उड़ान थी जैसे आकाश पर आकाश दबाकर भर दिये हों
और प्रकाश के दुर्ग पर वे महाशून्य के विरोध में एक जुट हो खड़े हों;
सर्वोच्च मनाकाश तो शाश्वतता के समीप पहुंचने को प्रयासरत था,
महानतम विस्तृत हो नित्यता में पसर गया था।

But though immortal, mighty and divine,
The first realms were close and kin to human mind;[264]
Their deities shape our greater thinking’s roads,
A fragment of their puissance can be ours:
These breadths were not too broad for our souls to range,
These heights were not too high for human hope.

किन्तु यद्यपि ये अमर, शक्तिशाली और दिव्य थे,
पर इनके प्रथम आरम्भिक स्तर मानव मन के समीप और सम्बन्धी थे;
उनके देवता हमारी महत्तर विचारधाराओं को रूपायित करते है,
उनकी देव-शक्ति का मात्र एकांश हमारा हो सकता हैः
ये विस्तार इतने विस्तृत नहीं थे कि हमारी जीवात्मा इन तक पहुंच न पाये,
ये उच्चताएं इतनी ऊंची नहीं थीं कि मानवीय आशा चढ़ न पाये।

A triple flight led to this triple world.

इस त्रिलोक तक एक त्रिस्तरीय उड़ान जाती है।

Although abrupt for common strengths to tread,
Its upward slope looks down on our earth-poise:
On a slant not too precipitously steep
One could turn back travelling deep descending lines
To commune with the mortal’s universe.

यद्यपि साधारण मानसिक-बलों के लिए यह दुरारोह है,
पर इसकी ऊपरी चढ़ाई की ढलान हमारे भौतिक सन्तुलन की ओर नीचे अभिमुख है:
एक ढलान जो अत्यधिक प्रपाती और सीधी खड़ी न हो तो
ऊर्ध्वगामी पथिक पीछे लौटकर नीचे उतरती रेखाओं पर यात्रा कर
इस नश्वर मर्त्य-लोक से संलाप कर सकता है।

The mighty wardens of the ascending stair
Who intercede with the all-creating Word,
There waited for the pilgrim heaven-bound soul;
Holding the thousand keys of the Beyond
They proffered their knowledge to the climbing mind
And filled the life with Thought’s immensities.

आरोहण करती श्रेणियों के सामर्थ्यशाली बली संरक्षक
सकल सृष्टि के रचनाकार शब्द-ब्रह्म के मध्यस्थ हैं,
वहां पर स्वर्ग कीओर जाती उस तीर्थयात्री जीवात्मा की प्रतीक्षा में खड़े थे;
परात्परता की सहस्त्रों कुंजियां हाथ में लिये
उन्होंने अपना ज्ञान उस आरोही मन को सादर भेंट दिया
और महाप्राणको सत्य-विचार की विशालताओं से भर दिया।

The prophet hierophants of the occult Law,
The flame-bright hierarchs of the divine Truth,
Interpreters between man’s mind and God’s,
They bring the immortal fire to mortal men.

गुह्य दिव्य-विधान के वे द्रष्टा भाष्यकार हैं
दिव्य परम सत्य के अग्नि सम तेजस्वी याजक ऋषि हैं,
मानव मन और प्रभु के मध्य के दुभाषिया हैं,
वे अमर देवाग्नि को मर्त्य मानव हित लेकर आते हैं।

Iridescent, bodying the invisible,
The guardians of the Eternal’s bright degrees
Fronted the sun in radiant phalanxes.

बहुवर्णी छटाओं से दीप्तिमान, अगोचर को धारण करते हैं,
चिरन्तन प्रभु की तेजोमय मात्राओं के संरक्षक
वे कान्तिपूर्णसमूहों में उस आदित्य के सामने खड़े थे।

Afar they seemed a symbol imagery,
Illumined originals of the shadowy script
In which our sight transcribes the ideal Ray,
Or icons figuring a mystic Truth,
But, nearer, Gods and living Presences.

सुदूर से वे कल्पित एक प्रतीक जैसे दिखते,
जो मूल प्रतियों की छाया सम लिखावट को ज्योतित करते हैं
जिसके द्वारा हमारी दृष्टि उस विज्ञानमयी आदर्श किरण का प्रतिलेखन करती है,
या एक रहस्यपूर्ण गुह्य परम सत्य आंकते चित्रों सम,
किन्तु समीप आने पर, वे देवता और जीवन्त सान्निध्य थे।

A march of friezes marked the lowest steps;
Fantastically ornate and richly small,
They had room for the whole meaning of a world,
Symbols minute of its perfection’s joy,
Strange beasts that were Nature’s forces made alive
And, wakened to the wonder of his role,
Man grown an image undefaced of God
And objects the fine coin of Beauty’s reign;[265]
But wide the terrains were those levels serve.

निम्नतम सीढ़ियों की चित्र-वल्लरी पर एक अभियान अंकित था;
विलक्षणता से अलंकृत और वैभवता से अति सूक्ष्म और समृद्ध,
इनमें एक जगत् के सम्पूर्ण अर्थ को स्थान प्राप्त था
इसके परिपूर्ण स्वर्गिक-आनन्द के ये आणविक प्रतीक थे,
विचित्र पशु चित्रित थे जिनमें जड़-प्रकृति कीशक्तियां जीवित हो उठी थीं
और, मानव अपनी भूमिका के प्रति आश्चर्य से भरा वहां सचेत
प्रभु की एक अविकृत छवि में उन्नत था
और वस्तुएं उस दिव्य सौन्दर्य राज्य के उत्तम सिक्के समान थीं;
किन्तु वे क्षेत्र अति विस्तृत थे जिनकी आवश्यकताओं की पूर्ति ये स्तर करते।

In front of the ascending epiphany
World-Time’s enjoyers, favourites of World-Bliss,
The Masters of things actual, lords of the hours,
Playmates of youthful Nature and child God,
Creators of Matter by hid stress of Mind
Whose subtle thoughts support unconscious Life
And guide the fantasy of brute events,
Stood there, a race of young keen-visioned Gods,
King-children born on Wisdom’s early plane,
Taught in her school world-making’s mystic play.

उस आरोहण करते दिव्य-प्रकाश के सन्मुख देवगण खडे़ थे,
वे हमारे पार्थिव काल के भोक्ता, ज़गदानन्द के प्रियपात्र
यथार्थ सत्-पदार्थों के स्वामी, हमारे काल के घण्टों के प्रभु हैं,
बाल-ईश और तरुणाई से प्रस्फुटित विश्व-प्रकृति के खेल-सखा हैं,
मन शक्ति पर गुह्य दबाव डाल जड़तत्त्व की सृष्टि करते
और जिसके सूक्ष्म संकल्प ने संज्ञाहीन प्राणजीवन को थाम रखा है
और पशु जीवन की घटनाओं की मनमौजी तरंगों का पथ-दर्शन करते हैं,
तरुण तीक्ष्ण दृष्टि के देवताओं का वर्ग वहां खड़ा था,
भव्य राजकुंवर थे जो आदि प्रज्ञा के आरम्भिक स्तर में जन्मे थे,
इसी प्रज्ञाशाला में उन्हें जग-निर्माण की गुह्य लीला का प्रशिक्षण मिला।

Arch-masons of the eternal Thaumaturge,
Moulders and measurers of fragmented space,
They have made their plan of the concealed and known
A dwelling-house for the invisible King.

उस शाश्वत चमत्कारी अद़्भुतेश्वर के प्रधान शिल्पी,
वे विभाजित आकाश को रूपायित करते और मापते,
उन्होंने ही इस अव्यक्त और व्यक्त को मिला योजना बनायीं
उस अदृश्य परमेश हित एक निवास-स्थान बनाने की।

Obeying the Eternal’s deep command
They have built in the material front of things
This wide world-kindergarten of young souls
Where the infant spirit learns through mind and sense
To read the letters of the cosmic script
And study the body of the cosmic self
And search for the secret meaning of the whole.

चिरन्तन प्रभु के अन्तरस्थ आदेश का आज्ञापालन कर
उन्होंने द्रव्यों के इस पार्थिव मुखौटे के अन्तर में रच डाला
बाल-आत्माओं के प्रशिक्षण हित एक विस्तृत जग-शिशु-विहार को
जहां पर शिशु चैत्य सत्ताएं मन और इन्द्रिय संवेदन द्वारा
विश्व-लिपि की वर्ण-माला को पढ़ना सीखतीं
और विश्वात्मा के आकार का अध्ययन करतीं
और इस समष्टि के गुह्य अर्थ को खोजती हैं।

To all that Spirit conceives they give a mould;
Persuading Nature into visible moods
They lend a finite shape to infinite things.

और वे उस समस्त को जिसे यह जीवात्मा ग्रहण कर एक सांचे में ढाल देती है;
अपरा प्रकृति को मनोभाव में दृश्य बनाने को प्रेरित करती
वे अनित्य पदार्थों को एक नश्वर काया उधार देती हैं।

Each power that leaps from the Unmanifest
Leaving the largeness of the Eternal’s peace
They seized and held by their precisian eye
And made a figurante in the cosmic dance:
Its free caprice they bound by rhythmic laws
And compelled to accept its posture and its line
In the wizardry of an ordered universe.

प्रत्येक शक्ति जो निराकारी ब्रह्म से निकल यहां कूद आती है
परम चिरन्तन की शान्ति और विशालता त्याग आती है
उसे वे अपनी यथातथ्य एकनिष्ठ दृष्टि से धर पकड़ लेतीं
और उसे ब्रह्माण्डीय नृत्य में एक मूक नर्तकी बना लेती है:
इसकी मुक्त चंचलता को वे लयात्मक नियमों द्वारा बांध देती हैं
और एक व्यवस्थित विश्व के इस माया के खेल में
उसे नियमों कीमुद्रा और सीमा में बंधने को बाध्य कर देतीं।

The All-containing was contained in form,
Oneness was carved into units measurable,
The limitless built into a cosmic sum:
Unending Space was beaten into a curve,[266]
Indivisible Time into small minutes cut,
The infinitesimal massed to keep secure
The mystery of the Formless cast into form.

ऐसे ही सकल सृष्टि के आधार प्रभु आकार में आ समा गये,
परमैकम् को माप योग्य इकाइयों में ढाल,
अनन्त असीम को एक वैश्विक योगफल बना दिया:
अमेय अनन्त महाकाश को ठोक-पीट एक मोड़ दे दिया,
अविभाजनीय महाकाल को छोटे-छोटे पलों में काट,
अति सूक्ष्म अल्पाणुओं को एकत्रित कर घनीभूत बना दिया
निराकारी ब्रह्म को आकार में ढालने के रहस्य को सुरक्षित रखने को।

Invincibly their craft devised for use
The magic of sequent number and sign’s spell,
Design’s miraculous potency was caught
Laden with beauty and significance
And by the determining mandate of their gaze
Figure and quality equating joined
In an inextricable identity.

अपने कला-कौशल को अजेय-रूप से व्यवहार करने को
उन्होंने क्रमागत संख्या और संकेतों की मोहिनी को रच डाला,
सौन्दर्य और सार्थक विशेषता से पूर्ण
योजना रूपांकन की चमत्कारी सामर्थ्य को धर लिया गया
और अपनी दृष्टि के दृढ़ सुनिश्चित आदेश द्वारा
आकृति और गुण एक समान भाव में जोड़ दिये गये
एक जटिल अभिन्न ग्रंथि में बांध दिये गये।

On each event they stamped its curves of law
And its trust and charge of burdened circumstance;
A free and divine incident no more
At each moment willed, or adventure of the soul,
A line foreseen of an immutable plan,
It lengthened a fate-bound mysterious chain,
One step more in Necessity’s long march.

प्रत्येक घटना पर उन्होंने अपने विधान की वक्रताओं को छाप दिया
और बोझिल परिस्थिति को उत्तरदायित्व का भार सौंप दिया;
अब यह एक मुक्त और दिव्य घटना नहीं रही
प्रत्येक क्षण संकल्प से पूर्ण, या जीव की साहसी यात्रा नहीं रही
एक अपरिवर्तनीय योजना की पूर्वनिर्दिष्ट एक रेखा बन गयी,
जिसने भाग्य द्वारा बंधी रहस्यमयी श्रृंखला को और दीर्घ बना दिया,
घोर भौतिक आवश्यकता की लम्बी यात्रा में एक चरण और जोड़ दिया।

A term was set for every eager Power
Restraining its will to monopolise the world,
A groove of bronze prescribed for force and act
And shown to each moment its appointed place
Forewilled inalterably in the spiral
Huge Time-loop fugitive from eternity.

प्रत्येक देवीशक्ति हित एक मर्यादा निश्चित कर दी गयी
जिसने इस जगत् को निज एकाधिकार में लेने के संकल्प पर प्रतिबन्ध लगा दिया,
ऊर्जा और कर्म के लिए कांसे की एक मर्यादा-लीक को निर्धारित कर दिया
और समय के प्रत्येक क्षण को उसका निश्चित स्थान दिखाया
जो शाश्वततासे छूट बच निकले विशाल काल-फंद की
सर्पिल उतार-चढ़ाव की गति में अटल रूप से पूर्वनिश्चितथा।

Inevitable their thoughts like links of Fate
Imposed on the leap and lightning race of mind
And on the frail fortuitous flux of life
And on the liberty of atomic things
Immutable cause and adamant consequence.

उनके संकल्प भाग्यविधाता की कड़ियों समान निर्धारित अनिवार्य थे।
जिसने मानस की उछल-कूद और विद्युती दौड़ पर
और प्राण प्रवाह की दुर्बल आकस्मिक धारा पर
और आणविक पदार्थों की स्वतन्त्रता पर
परिवर्तनीय कारण और अटल परिणाम आरोपित कर दिया।

Idea gave up the plastic infinity
To which it was born and now traced out instead
Small separate steps of chain-work in a plot:
Immortal once, now tied to birth and end,
Torn from its immediacy of errorless sight,
Knowledge was rebuilt from cells of inference
Into a fixed body flasque and perishable;
Thus bound it grew, but could not last and broke[267]
And to a new thinking’s body left its place.

महाभाव ने नमनीय नित्यता को त्याग दिया
जिससे यह जन्मा था और अब उसके स्थान पर मात्र खोज पाता
एक कथानक की श्रृंखला में घटना के पृथक् लघु चरणों को:
जो कभी अमर था, आज वह जन्म और अन्त से बंध गया,
अपनी निर्दोष दृष्टि की प्रत्यक्ष तात्कालिकतासे कट गया,
अनुमान की कोशिकाओं से ज्ञान पुनः रचा गया
और इसे एक लघु अटल और नश्वर काया में ढाला गया;
इस तरह यह बन्दी हो वर्धित होने लगा, किन्तु टिक न सका और टूट गया
और एक नव विचारधारा के लिए अपना स्थान त्याग गया।

A cage for the Infinite’s great-eyed seraphim Thoughts
Was closed with a criss-cross of world-laws for bars
And hedged into a curt horizon’s arc
The irised vision of the Ineffable.

चिरन्तन के विशालनेत्री अलौकिक दिव्य सत्य विचारों को एक पिंजरे में
बन्द कर दिया, पार्थिव लोक-विधानों की आड़ी खड़ी शलाकाओं में,
और उस अनिर्वचनीय की सतरंगी दृष्टि को घेर दिया
एक संक्षिप्त क्षितिज के अर्ध-वृत चाप की सीमित बाड़ से।

A timeless Spirit was made the slave of the hours;
The Unbound was cast into a prison of birth
To make a world that Mind could grasp and rule.

एक अकाल चैत्य सत्ता काल घड़ियों की दासी बन गयी;
वह मुक्तात्मा जन्म के कारावास में डाल दी गयी जिससे
यहां एक ऐसे लोक का निर्माण हो सके जिसे मन शक्ति समझ शासन कर सके।

On an earth which looked towards a thousand suns,
That the created might grow Nature’s lord
And Matter’s depths be illumined with a soul
They tied to date and norm and finite scope
The million-mysteried movement of the One.

एक सहस्र सूर्यों कीओर अवलोकती एक धरा पर,
वह सृष्ट सत्पुरुष विकसित हो इस विश्व-प्रकृति का स्वामी बन जाये
और जड़तत्त्व की गहनताएं एक आत्मा के प्रकाश से आलोकित हो उठें,
अत: परमैकम् के लक्ष-लक्ष रहस्यों के गति-चक्र को
उन्होंने तिथि और नियम और कार्य सीमा में बांध दिया।

Above stood ranked a subtle archangel race
With larger lids and looks that searched the unseen.

ऊर्ध्वाकाश में एक सूक्ष्मदेही देवदूतों के वर्ग श्रेणीबद्ध खड़े
विशाल नयनों और पलकों से वे अदृश्य का संधान करते थे।

A light of liberating Knowledge shone
Across the gulfs of silence in their eyes;
They lived in the mind and knew truth from within;
A sight withdrawn in the concentrated heart
Could pierce behind the screen of Time’s results
And the rigid cast and shape of visible things.

नीरवता की खाड़ियों से पार कर आती
मुक्तिदायिनी प्रज्ञा की एक ज्योति उनके नेत्रों में चमकती,
वे मानस में निवास करते और अन्तर से सत्य का ज्ञान रखते;
निज एकाग्र हृदय में केन्द्रित योगी की एक अन्तर्द़ृष्टि
पर्दे के पीछे गोपित त्रिकाल के परिणामों को बेध सकी
और दृश्य वस्तुओं के कठोर ढांचे और आकार को छेद सकी थी।

All that escaped conception’s narrow noose
Vision descried and gripped; their seeing thoughts
Filled in the blanks left by the seeking sense.

जो सब मानसिक धारणा के सीमित फंदे से बच निकला था
उसे आत्म-दर्शन पहचान लेता और धर लेता था; देवों के द्रष्टा संकल्पों ने
योगी के अन्तर में जिज्ञासु बुद्धि द्वारा छोड़े गये रिक्त स्थानों को भर दिया।

High architects of possibility
And engineers of the impossible,
Mathematicians of the infinitudes
And theoricians of unknowable truths,
They formulate enigma’s postulates
And join the unknown to the apparent worlds.

ये देवगण भावना के श्रेष्ठ वास्तुकार हैं
और असम्भव को सफल करते अभियन्ता हैं,
अनन्त नित्यता के गणितज्ञ हैं
और ज्ञानातीत सत्यों के सिद्धान्तकार एवं भाष्यकार हैं,
वे रहस्यवाद के आधार-तत्त्वों को सूत्रबद्ध कर सुगठित रूप देते हैं
और अव्यक्त को इस दृश्य व्यक्त जगतों से जोड़ते हैं।

Acolytes they wait upon the timeless Power,
The cycle of her works investigate;
Passing her fence of wordless privacy
Their mind could penetrate her occult mind
And draw the diagram of her secret thoughts;
They read the codes and ciphers she had sealed,[268]
Copies they made of all her guarded plans,
For every turn of her mysterious course
Assigned a reason and unchanging rule.

अनुचर बन परम अकाल महाशक्ति की परिचर्या करते हैं,
उसके कार्यों के पूर्ण कालचक्र की छानबीन करते हैं;
उसकी निःशब्द ऐकान्तिकता की परिधि उलांघकर
उनके मानस उस महाशक्ति के गुह्यचित्त में प्रवेश कर जाते हैं
और उसके गुह्य संकल्पों को रेखाकिंत कर लेते हैं;
वे उसके सीलबन्द कूट-संकेतों और बीजगणित को पढ़ लेते हैं:
उसकी समस्त सुरक्षित योजनाओं की वे प्रतिलिपियांबना लेते,
मनशक्ति के रहस्यपूर्ण पथ के प्रत्येक मोड़ के लिए
उन्होंने एक युक्ति और अटल नियम नियत कर दिये।

The Unseen grew visible to student eyes,
Explained was the immense Inconscient’s scheme,
Audacious lines were traced upon the Void;
The Infinite was reduced to square and cube.

उसकी शिक्षार्थी दृष्टि के सम्मुख अब अगोचर परम दृष्टिगोचर होने लगा,
इस विशाल अचित् विश्व की परियोजना अब स्पष्ट हो उठी,
विराट् असत् पटल पर निर्भीक रेखाएं आंक दी गयीं,
अनन्त नित्य को वर्ग और घन में सिमटाकर संकुचित कर डाला।

Arranging symbol and significance,
Tracing the curve of a transcendent Power,
They framed the cabbala of the cosmic Law,
The balancing line discovered of Life’s technique
And structured her magic and her mystery.

प्रतीक और सार्थकता को क्रमबद्धता से रखकर,
एक परात्पर दिव्य शक्ति कीवक्र-रेखा की नकल अंकित कर,
उन्होंने ब्रह्माण्डीय चरम विधान के सिद्धान्तों का गठन कर लिया,
प्राण कार्यप्रणाली के लिए संतुलन की सीमा-रेखा का संधान कर लिया
और उसकी माया और रहस्य के आकार को पुनः रच डाला।

Imposing schemes of knowledge on the Vast
They clamped to syllogisms of finite thought
The free logic of an infinite consciousness,
Grammared the hidden rhythms of Nature’s dance,
Critiqued the plot of the drama of the worlds,
Made figure and number a key to all that is:
The psycho-analysis of cosmic Self
Was traced, its secrets hunted down, and read
The unknown pathology of the Unique.

उस विराट् परम पर ज्ञान की योजनाएं आरोपित कर
उन्होंने अनित्य विचार के न्याय सूत्रों में
एक नित्य चेतना के मुक्त विवेक को बांध दिया,
विश्व-प्रकृति देवी के नृत्य के गुप्त तालों का व्याकरण बना दिया,
लोकों के इस नाटक के कथानक की समीक्षा कर डाली,
अंक और संख्या को इस समष्टि की एक कुंजी बना दी:
विश्वात्मा के मनोविश्लेषण का एक खाका आंक लिया,
इसके रहस्यों को खोज निकाला और परम अद्वितीय के
अज्ञात जीवाणु-विज्ञान का अध्ययन कर डाला।

Assessed was the system of the probable,
The hazard of fleeing possibilities,
To account for the Actual’s unaccountable sum,
Necessity’s logarithmic tables drawn,
Cast into a scheme the triple act of the One.

प्रसम्भाव्य प्रणाली-तन्त्र का मूल्यांकन किया,
पलायन करती सम्भावनाओं के संकट को भी निर्धारित कर लिया,
परम-सत् कीबेहिसाब राशि का हिसाब लगाया,
जग आवश्यकता की गणित-सूक्ति कीतालिकाएं बना दी गयीं,
परमैकम् के त्रिमार्गी कार्य को एक योजना में ढाल दिया गया।

Unveiled, the abrupt invisible multitude
Of forces whirling from the hands of Chance
Seemed to obey some vast imperative:
Their tangled motives worked out unity.

दैवयोग के हाथों से छूटी वेग से घूमती अदृश्य ऊर्जाओं
के ढेर सहसा उद़्घाटित हो प्रकट हो गये
वे किसी विराट् आदेशक का आज्ञापालन करते लगते थे:
उनके जटिल उद्देश्यों ने एकता का समाधान निकाल लिया।

A wisdom read their mind to themselves unknown,
Their anarchy rammed into a formula
And from their giant randomness of Force,
Following the habit of their million paths,
Distinguishing each faintest line and stroke
Of a concealed unalterable design,[269]
Out of the chaos of the Invisible’s moods
Derived the calculus of Destiny.

एक प्रज्ञा ने उनके मन को पढ़ डाला जो स्वयं उनके लिए अज्ञात था,
एक सूत्र में कूट-कूट भरी उनकी अराजकता को
और घोर शक्ति से निकली उनकी भीषण अव्यवस्था को,
उनके स्वभाव का लक्ष-लक्ष मार्गों का अनुसरण करना,
एक गोपित अपरिवर्तनीय योजना की प्रत्येक मन्द धूमिल रेखा
और प्रत्येक चित्र के तूली स्पर्श के अन्तर को उसने पढ़ लिया,
अगोचर ब्रह्म के मनोभावों के आदि-गर्त की अव्यवस्था से
महाभाग्य की गणनाओं को बाहर निकाल लिया।

In its bright pride of universal lore
Mind’s knowledge overtopped the Omniscient’s power:
The Eternal’s winging eagle puissances
Surprised in their untracked empyrean
Stooped from their gyres to obey the beck of Thought:
Each mysteried God forced to revealing form,
Assigned his settled moves in Nature’s game,
Zigzagged at the gesture of a chess-player Will
Across the chequer-board of cosmic Fate.

विश्व-विद्या की अपनीगर्वीली प्रतिभा में
मानस का ज्ञान सर्वज्ञ प्रभू की शक्ति से भी ऊंचा उठ गया:
चिरन्तन की पंखधारी दिव्यशक्तियां
अपने आकाशीय साम्राज्य में विस्मय से भरी
पराभव के संकेत को अनुसरती निज मण्डलों से नीचे झुक आयीं;
प्रत्येक गुह्य देवता निजाकार को प्रकटाने को बाध्य हो गया,
विश्व-प्रकृति के खेल में उनकी गतियां निश्चित हो गयीं,
एक शतरंज-खिलाड़ी उच्चमन-संकल्प के संकेत पर
विश्व-विधाता की चतुरंगी बिसात पर आर-पार या टेढ़ा तिरछा चलता।

In the wide sequence of Necessity’s steps
Predicted, every act and thought of God,
Its values weighed by the accountant Mind,
Checked in his mathematised omnipotence,
Lost its divine aspect of miracle
And was a figure in a cosmic sum.

वैश्विक अनिवार्यता के सोपानों की व्यापक क्रम व्यवस्था में
प्रभु के प्रत्येक कार्य और संकल्प की भविष्यवाणी कर दी जाती
हिसाबी-गणक मनशक्ति इसके मूल्यों को तोलती,
उसके सर्वशक्तिशाली गणित से परीक्षण करती,
उसने अब अपना दिव्य चमत्कारी पक्ष खो दिया
और ब्रह्माण्डीय योगफल में एक राशि बन गया।

The mighty Mother’s whims and lightning moods
Arisen from her all-wise unruled delight
In the freedom of her sweet and passionate breast,
Robbed of their wonder were chained to a cause and aim;
An idol of bronze replaced her mystic shape
That captures the movements of the cosmic vasts,
In the sketch precise of an ideal face
Forgotten was her eyelashes’ dream-print
Carrying on their curve infinity’s dreams,
Lost the alluring marvel of her eyes;
The surging wave-throbs of her vast sea-heart
They bound to a theorem of ordered beats:
Her deep designs which from herself she had veiled
Bowed self-revealed in their confessional.

शक्तिरूपा मां भगवती की मौजें और विद्युती मनोभाव
जो उसके सर्वज्ञ मुक्त आनन्दावेग से उठे थे
और उसके मधुर और आवेशी वक्षस्थल की स्वच्छन्दता में खिले थे,
वे अब अपनी विलक्षणता से च्युत हो एक कारण और लक्ष्य से बंध गये;
ब्रह्माण्डीय विस्तारों कीगतियों को बन्दी बनाते
भगवती के गुह्याकार का स्थान अब एक कांस्य प्रतिमा ने ले लिया
उसकी पलकों पर पलती स्वप्न की छवि अब वहां नहीं थी
एक आदर्श मुख के परिपूर्ण रेखांकन में जैसे बिसर गयी थी
जो अपने बांकेपन पर अनन्तता के सपनों को वहन करती थी,
अब उसके नयनों का मोहक चमत्कार खो गया था;
माता के विशाल हृदय-सागर कीउमगती लहरों के स्पन्दनों को
उन्होंने नियमित धड़कनों के एक प्रमेय से बांध दिया:
उसकी गहन योजनाएं जिन्हें उसने स्वयं से छिपा रखा था
झुककर नम्रता से अपना दोष स्वीकार कर, स्वयं को प्रकटा दिया।

For the birth and death of the worlds they fixed a date,
The diameter of Infinity was drawn,
Measured the distant arc of the unseen heights
And visualised the plumbless viewless depths
Till all seemed known that in all time could be.[270]

उन्होंने लोकों के जन्म और मरण की एक तिथि निश्चित कर दी,
अनन्तता का व्यास आंक दिया गया,
अगोचर शिखरों के सुदूर वृत्त-चाप को माप लिया
और दृष्टि के परे की अगाध गहनताओं की सजीव कल्पना कर ली गयी
अब त्रिकाल में जो सब घटित हो सकता था वह सब ज्ञातजैसा लगने लगा।

All was coerced by number, name and form;
Nothing was left untold, incalculable.

सम्पूर्ण को संख्या, नाम और आकार द्वारा बांध दियाः
कुछ भी अकथ और गणनातीत नहीं बचा।

Yet was their wisdom circled with a nought:
Truths they could find and hold but not the one Truth:
The Highest was to them unknowable.

फिर भी उनकी प्रज्ञा को एक शून्य ने घेर रखा थाः
सत्यों को वे खोज कर प्राप्त कर चुके थे किन्तु परमैकम् सत्य नहीं पाया थाः
सर्वोच्च अभी भी उनके लिए अज्ञात था।

By knowing too much they missed the Whole to be known:
The fathomless heart of the world was left unguessed
And the Transcendent kept its secrecy.

अत्यधिक ज्ञान पा उन्होंने ज्ञातव्य समग्र प्रभु को खो दिया:
इस लोक के अगाध हृदय का कोई अनुमान तक नहीं लगा पाया
और उस परात्पर प्रभु ने अपना रहस्य गोपित ही रखा।

In a sublimer and more daring soar
To the wide summit of the triple stairs
Bare steps climbed up like glowing rocks of gold
Burning their way to a pure absolute sky.

एक लोकोत्तर और अधिक साहसी उड़ान
जो त्रिसूत्रीय सोपानों के प्रशस्त शिखर की ओर थी
स्वर्णशिलाओं सम चमकती नग्न सीढ़ियां ऊपर चढ़ गयीं
एक विशुद्ध सर्वोच्च नभ कीओर वे अपने पथ को प्रज्वलित करतीं।

August and few the sovereign Kings of Thought
Have made of Space their wide all-seeing gaze
Surveying the enormous work of Time:
A breadth of all-containing consciousness
Supported Being in a still embrace.

सत्य-संकल्प के अधिपति सम्राट् भव्य और अति अल्प हैं
जिन्होंने विश्वाकाश को अपना विशाल सर्वद्रष्टा क्षेत्र बना लिया है
वे बृहत् काल की विशाल कार्य-प्रणाली का निरीक्षण करते हैं:
सर्वाधार चेतना का एक विस्तार है
जो एक स्थिर आलिंगन में परम-सत्ता को धारण किये है।

Intercessors with a luminous Unseen,
They capt in the long passage to the world
The imperatives of the creator Self
Obeyed by unknowing earth, by conscious heaven;
Their thoughts are partners in its vast control.

एक ज्योतिर्मय अगोचर प्रभु के मध्यस्थ देवत्व हैं;
इस जगती की ओर जाते पथ के ये प्रमुख नायक
सृष्टि-रचयिता परमात्म-तत्त्व के लिए अनिवार्य हैं
अज्ञ धरा और सचेत स्वर्ग उनकी आज्ञा का अनुसरण करते;
इनके विशाल नियन्त्रण में उनके संकल्प सहयोगी हैं।

A great all-ruling Consciousness is there
And Mind unwitting serves a higher Power;
It is a channel, not the source of all.

एक महान्सर्व-नियन्त्रिका परा चेतना वहां है
और यह उच्च मन-शक्ति अनभिज्ञ बनी एक उच्चतर दैवी शक्ति की सेविका है;
यह एक उपकरणीय प्रणाली है, सर्व का स्रोत नहीं है।

The cosmos is no accident in Time;
There is a meaning in each play of Chance,
There is a freedom in each face of Fate.

यह अभिव्यक्त सृष्टि त्रिकाल में हठात् घटित संयोग नहीं है,
दैवयोग के प्रत्येक खेल में यहां एक अर्थ छिपा है,
विधाता के प्रत्येक रूप में यहां एक स्वाधीनता है।

A Wisdom knows and guides the mysteried world;
A Truth-gaze shapes its beings and events;
A Word self-born upon creation’s heights,
Voice of the Eternal in the temporal spheres,
Prophet of the seeings of the Absolute,
Sows the Idea’s significance in Form
And from that seed the growths of Time arise.

एक सर्वज्ञानी प्रज्ञा है जो इस रहस्यमय जगत् की पथप्रदर्शिका है
एक ऋतदृष्टि है जो इसकी सत्ताओं और घटनाओं का रूपायण करती है;
सृष्टि के शिखरों पर एक नाद ब्रह्म है जो स्वयंभू है,
इन भौतिक परिधियों में यह चिरन्तन की दिव्यवाचा है
पुरुषोत्तम के दृश्यों का द्रष्टा ऋषि है,
जो परम भाव की महत्ता को पूर्णाकार में बोता है
और उस बीज से त्रिकाल की पैदावार उपजती है।

On peaks beyond our ken the All-Wisdom sits:[271]
A single and infallible look comes down,
A silent touch from the supernal’s air
Awakes to ignorant knowledge in its acts
The secret power in the inconscient depths,
Compelling the blinded Godhead to emerge,
Determining Necessity’s rude dance
As she passes through the circuit of the hours
And vanishes from the chase of finite eyes
Down circling vistas of aeonic Time.

हमारे धाम से परे के शिखरों पर सर्वज्ञाता प्रज्ञा आसीन है:
एक अद्वितीय अमोध ऋजु दृष्टि नीचे आरोहण कर आती है,
परात्पर की प्राणवायु से एक मूक स्पर्श आता है
जो जगा देता है अचित् गहनताओं की गुह्यशक्ति को
जो इसके अनभिज्ञ ज्ञान के कर्मों में सोयी है,
इस प्रकार अन्ध तमस् में डूबे देवांश को प्रकट होने को बाध्य कर देती है,
जैसे-जैसे यह कालपरिधि के घण्टों के मध्य हो गुजरती
यह जग आवश्यकता के नग्न नृत्य की लय निश्चित कर देती
और नश्वर नयनों की पीछा करती दृष्टि के सामने से
युगांतरीय काल-चक्र के फिसलते दृश्यों में लोप हो जाती है।

The unseizable forces of the cosmic whirl
Bear in their bacchant limbs the fixity
Of an original foresight that is Fate.
Even Nature’s ignorance is Truth’s instrument;
Our struggling ego cannot change her course:
Yet is it a conscious power that moves in us
And destiny the unrecognised child of Will.

इस वैश्विक चक्र की घूमती ये अग्राह्य ऊर्जाएं
अपने मदहोश चंचल अंगों में एक मूल भावी दूरदृष्टि की
दृढ़ स्थिरता को धारण किये हैं, जो इस जगत् का दैवी भाग्य है
इस विश्व-प्रकृति की अविद्या भी सनातन सत्य का यन्त्र है;
हमारा संघर्षरत अहंकार भी इसका मार्ग बदल नहीं सकता:
फिर भी यह एक चित्-शक्ति है जो हमारे अन्तर में संचरणशील है,
हमारे कार्यों का जन्मदाता एक बीज विचार भाव है
और हमारी नियति दैवी संकल्प का अनभिज्ञात शिशु है।

Infallibly by Truth’s directing gaze
All creatures here their secret self disclose,
Forced to become what in themselves they hide.

परम सत्य की प्रत्यक्ष दृष्टि के नीचे निर्दोष भाव से
यहांसकल जीव अपना गुह्य आत्मतत्त्व अचूकता से प्रकटाते हैं,
और जिसे उन्होंने निज-अन्तर में छिपा रखा है वही बनने को बाध्य होते हैं।

For He who is grows manifest in the years
And the slow Godhead shut within the cell
Climbs from the plasm to immortality.

क्योंकि इस कोषाणु के अन्तर में कैद मन्थरगति चैत्य पुरुष ही
वह तत्-सत् है जो वर्षों में विकसित हो काल में अभिव्यक्त होता है
इस कोषाणु से उन्नत हो अमरता कीओर चढ़ता है।

But hidden, but denied to mortal grasp,
Mystic, ineffable is the Spirit’s truth,
Unspoken, caught only by the spirit’s eye.

अभी किन्तु गोपित है, और हमारी नश्वर ग्राह्यता से वंचित है,
इस परमात्म तत्त्व का सत्य गुह्य, अनिर्वचनीय है,
यह वाचातीत है, केवल आत्मा की दृष्टि द्वारा धरा जाता है।

When naked of ego and mind it hears the Voice;
It looks through light to ever greater light
And sees Eternity ensphering Life.

जब यह अहम् और मन का चोला उतार नग्न हो जाता है तब ब्रह्मनाद सुनता है;
लौकिक प्रकाश से महत्तर सतत ज्योति को देखता है
और विश्व-जीवन को चहुं ओर से चिरन्तन से घिरा देखता है।

This greater Truth is foreign to our thoughts;
Where a free Wisdom works, they seek for a rule;
Or we only see a tripping game of Chance
Or a labour in chains forced by bound Nature’s law,
An absolutism of dumb unthinking Power.

यह महत्तर परम सत्य हमारे विचारों के लिए विजातीय है;
जहां एक मुक्त प्रज्ञा कार्यरत है, वहां वे एक नियम को खोजते हैं;
या हम भाग्यविधाता का एक अड़ंगा लगाने का खेल मात्र देखते हैं
या विश्व-स्वभाव के विधान द्वारा जंजीरों में बंधा एक घोर श्रम देखते हैं,
या एक मूढ़ अविचारी महाशक्ति का एक निरंकुश शासन पाते हैं।

Audacious in their sense of God-born strength
These dared to grasp with their thought Truth’s absolute;
By an abstract purity of godless sight,[272]
By a percept nude, intolerant of forms,
They brought to Mind what Mind could never reach
And hoped to conquer Truth’s supernal base.

प्रभु से उत्पन्न शक्ति के अपने बोध के प्रति निर्भय हो उन्होंने
निज विचारों द्वारा परम सत्य की चरमता को धारण करने का साहस किया है;
देव-विहीन दृष्टि की एक भावात्मक शुचिता द्वारा,
आकृतियों के प्रति असहिष्णु, एक सटीक प्रत्यक्ष बोध द्वारा,
वे मनःशक्ति को वहां तक ले गये जिस तक मानस कभी पहुंच नहीं सका
और परम सत्य के दिव्याधार को जीत लेने की आशा की।

A stripped imperative of conceptual phrase
Architectonic and inevitable
Translated the Unthinkable into thought:
A silver-winged fire of naked subtle sense,
An ear of mind withdrawn from the outward’s rhymes
Discovered the seed-sounds of the eternal Word,
The rhythm and music heard that built the worlds,
And seized in things the bodiless Will to be.

धारणात्मक उक्ति का यह आवरणहीन आदेशक
जो संरचनात्मक और अनिवार्य है
उसने अचिन्त्य प्रभु का विचार रूप में अनुवाद कर दिया:
नग्न सूक्ष्म इन्द्रिय की एक रजत-पंखी अग्नि द्वारा
बहिर्जगत् की धुनों से विरक्त एक मानस की श्रवणेन्द्रिय द्वारा
इसने नित्य ब्रह्मनाद की बीज-ध्वनियों का अनुसन्धान किया,
लोकों के निर्माता संगीत और उसकी लय को सुना
और वस्तुओं के अन्तर में अस्तित्व में रहने के अदेही के संकल्प को धर लिया।

The Illimitable they measured with number’s rods
And traced the last formula of limited things,
In transparent systems bodied termless truths,
The Timeless made accountable to Time
And valued the incommensurable Supreme.

उस असीम अमेय ब्रह्म को उन्होंने संख्या के मापदण्डों से माप लिया
और सीमित पदार्थों के अन्तिम सूत्र को खोज निकाला,
पारदर्शक प्रणालियों में तत्त्वहीन सत्यों को आकार दे दिया,
अकाल-शिव को काल के प्रति उत्तरदायी बना
अतुलनीय पुरुषोत्तम के मूल्य को आंक लिया।

To park and hedge the ungrasped infinitudes
They erected absolute walls of thought and speech
And made a vacuum to hold the One.

अग्राह्य अनन्तताओंको स्थिर और सीमित बनाने को
उन्होंने संकल्प और वाणी की परिपूर्ण दीवारें खड़ी कर दीं
और परमैकम् को धर लेने को एक रिक्तता की सृष्टि कर दी।

In their sight they drove towards an empty peak,
A mighty space of cold and sunlit air.

अपने लक्ष्यपूर्ति में वे एक रीते शिखर कीओर चल दिये,
एक शीतल और धूप से चमकते पवन के शक्तिशाली आकाश की ओर।

To unify their task, excluding life
Which cannot bear the nakedness of the Vast,
They made a cipher of a multitude,
In negation found the meaning of the All
And in nothingness the absolute positive.

अपने नियत कार्य को सुसंगठित करने को, जीवन को बहिष्कृत कर दिया
जो विशाल परम की उस नग्नताको सहन नहीं कर सकता था;
उन्होंने एक सृष्ट बाहुल्य समष्टि को एक शून्य बना दिया,
निषेध में उन्होंने अखिल ब्रह्म की सार्थकता को खोज लिया
और शून्यता में परिपूर्ण सकारात्मक भाव पा लिया।

A single law simplessed the cosmic theme,
Compressing Nature into a formula;
Their titan labour made all knowledge one,
A mental algebra of the Spirit’s ways,
An abstract of the living Divinity.

इस एक अकेले विधान ने ब्रह्माण्डीय विषय को अति सरल बना दिया,
सम्पूर्ण विश्व-प्रकृति को एक ही सूत्र में सम्पीडित कर;
उनके भीम परिश्रम ने सकल ज्ञान को एक बना दिया,
परमात्मा के ढंगों को एक मानसिक बीजगणित मानकर,
जीवन्त भगवत्ता का एक निरपेक्ष सार निकाल लिया।

Here the mind’s wisdom stopped; it felt complete;
For nothing more was left to think or know;
In a spiritual zero it sat throned
And took its vast silence for the Ineffable.[273]

बस यहां पहुंच मन की प्रतिभा ठहर गयी; इसने स्वयं का परिपूर्ण अनुभव किया;
क्योंकि अब मनन करने या जानने को कुछ भी शेष नहीं रहा था:
एक आध्यात्मिक शून्य के उच्चासन पर आसीन
वह अपनी विशाल नीरवता को ही अनिर्वचनीय प्रभु मानता।

 

This was the play of the bright gods of Thought.

यह लीला सब मन-शक्ति के प्रतिभाशाली देवों की थी

Attracting into time the timeless Light,
Imprisoning eternity in the hours,
This they have planned, to snare the feet of Truth
In an aureate net of concept and of phrase
And keep her captive for the thinker’s joy
In his little world built of immortal dreams:
There must she dwell mured in the human mind,
An empress prisoner in her subject’s house,
Adored and pure and still on his heart’s throne,
His splendid property cherished and apart
In the wall of silence of his secret muse,
Immaculate in white virginity,
The same for ever and for ever one,
His worshipped changeless Goddess through all time.

कालातीत पराज्योति को त्रिकाल में आकर्षित कर,
शाश्वतता को काल-घड़ियों में बन्दिनी बना
यह योजना उन्होंने रची थी, ऋत के चरणों को
धारणा और शब्द-सूक्ति के अलौकिक जाल में फंसाने की
और उसे मनीषी के आनन्द सुख हित बन्दी बना
उसके अमर सपनों से रचित छोटे-से संसार में रखने की:
ऐसे यह देवी मानव-मन में बन्दिनी बनी वहां रहती है,
एक साम्राज्ञी जो अपनी प्रजा के घर की कैद में रहती है
मानव हृदय-सिंहासन पर आसीन यह मौन पावन और आराध्या है,
यह उसकी ऐश्वर्यमण्डितासम्पत्ति है उसकी अति प्रिय और विशिष्ट है
उसके गुह्य मनन की मौन दीवारों से घिरी पृथक् रहती है,
निष्कलंकित श्वेत अक्षत कुमारी और परिपूर्णा है,
वह सदैव एक समान है और सतत अपरिवर्तिता है
उसकी पूज्या महादेवी चिर-काल से विकारहीन है।

Or else, a faithful consort of his mind
Assenting to his nature and his will,
She sanctions and inspires his words and acts
Prolonging their resonance through the listening ears,
Companion and recorder of his march
Crossing a brilliant tract of thought and life
Carved out of the eternity of Time.

अथवा अन्यथा, उसके मानस की विश्वसनीय सहचरी है
जो उसके स्वभाव और उसके संकल्प को स्वीकारती है,
उसके शब्दों और कार्यों को अनुमति दे प्रोत्साहित करती है
श्रोता-वर्षों के मध्य उनकी गूंज को और दीर्घ कर देती है,
उसकी प्रयाण यात्रा की वह सहचरी और अभिलेखिका है
उसके साथ मानव त्रिकाल की शाश्वतता से काट बनाये
चिन्तन और जीवन के एक प्रतिभाशाली पथ को पार कर जाता है।

A witness of his high triumphant star,
Her godhead servitor to a crowned Idea,
He shall dominate by her a prostrate world;
A warrant for his deeds and his beliefs,
She attests his right divine to lead and rule.

यह उसके उन्नत विजयी सितारे की साक्षी है,
एक परम महाभाव की इस देवी का देवांश ही परिचर्या करता है,
उसके द्वारा ही मानव एक अवनत जग पर अधिकार करेगा;
मानव के कर्मों और उसकेविश्वासों के लिए एक प्रमाण-पत्र बनी
यह शक्ति उसके नेतृत्व और शासन करने के दिव्याधिकार को प्रमाणित करती है।

Or as a lover clasps his one beloved,
Godhead of his life’s worship and desire,
Icon of his heart’s sole idolatry,
She now is his and must live for him alone:
She has invaded him with her sudden bliss,
An exhaustless marvel in his happy grasp,
An allurement, a caught ravishing miracle.

या जैसे एक प्रेमी अपनी एकाकी प्रियतमा को आलिंगन में भर लेता है,
वैसे ही मानव जीवन का देवांश उसे पूजता है और उसकी कामना,
अपने हृदय की एकमात्र अधिकारिणी प्रतिमा समान करता है
अब वह केवल उसी की है और उसे केवल उसी के लिए जीवित रहना है:
उसने उसे अपने आकस्मिक सुखानन्द से आक्रामित कर दिया है,
उसकी मोदभरी जकड़न में एक अक्षय अद्भुत मोहकता है,
एक प्रलोभन है, एक छलावे का हर्षोन्मादी चमत्कार है।

Her now he claims after long rapt pursuit,
The one joy of his body and his soul:[274]
Inescapable is her divine appeal,
Her immense possession an undying thrill,
An intoxication and an ecstasy:
The passion of her self-revealing moods,
A heavenly glory and variety,
Makes ever new her body to his eyes,
Or else repeats the first enchantment’s touch,
The luminous rapture of her mystic breasts
And beautiful vibrant limbs a living field
Of throbbing new discovery without end.

दीर्घकाल तक तन्मयता से उसका पीछा करने के बाद वह उसे अपना बना पाया है,
जो उसकी काया और आत्मा का एकमात्र आनन्द है:
उसकीदिव्य मोहिनी से बचने में असमर्थ मानव के लिए,
उसका विस्तृत आधिपत्य एक अमर रोमांच है,
एक मादक मस्ती है एक हर्षोन्माद हैः
प्रिया के आत्म-उद़्घाटित मनोभावों का एक आवेश है,
एक स्वर्गिक भव्य ऐश्वर्य और नित्य नूतनता है,
वह उसकी दृष्टि के लिए निज देह का सतत नवीन बनाती रहती है,
या प्रथम स्पर्श का जादू जगा दोहराती जाती है,
उसके गुह्य पयोधरों का ज्योतिर्मय सुख विलास
और लावण्यपूर्ण पुलकित अंग एक जीवन्त क्षेत्र हैं
मनीषी के सतत स्पन्दित नव अनन्त अनुसंधान के।

A new beginning flowers in word and laugh,
A new charm brings back the old extreme delight:
He is lost in her, she is his heaven here.

शब्द और हास्य में एक नवीन आरम्भ पुष्पित होता है,
एक नूतन शोभा फिर उसी पुरातन चरम-सुख को लौटा लाती है:
वह अपनी प्रिया में पूर्णत: खो गया है, यहां पर वही उसका स्वर्ग बन गयी है।

Truth smiled upon the gracious golden game.

इस मनोहर स्वर्णिम खेल पर सत्यदेवी मुस्कुरा दी।

Out of her hushed eternal spaces leaned
The great and boundless Goddess feigned to yield
The sunlit sweetness of her secrecies.

वह अपनी मूक शाश्वत दिशाओं से नीचे झुक आयी
मानों वह महती अपरिमित देवी निज गुह्यताओं की
धूप समान उज्ज्वल माधुरी को सौंप देने का बहाना खोजती हो।

Incarnating her beauty in his clasp
She gave for a brief kiss her immortal lips
And drew to her bosom one glorified mortal head:
She made earth her home, for whom heaven was too small.

चिंतक के आलिंगन हित अपने सौन्दर्य को मूर्तमान कर
एक क्षणिक चुम्बन हेतु निज अमर अधरों को उसे दे दिया
और निज वक्ष पर एक श्रेष्ठ मानव-शीशखींच धर लिया:
वह जिसके लिए स्वर्ग छोटा पड़ता था, उसने धरा पर निज घर बसा लिया।

In a human breast her occult presence lived;
He carved from his own self his figure of her:
She shaped her body to a mind’s embrace.

अब एक मानव हृदय में उसकी गुह्य उपस्थिति रहने लगी;
मानव ने अपने आत्म-तत्त्व से उसकी अपनी मूर्ति गढ़ ली:
उस देवी ने अपनी काया कोऐसे रूपायित कर दिया कि मन उसको आलिंगन में भर सके।

Into thought’s narrow limits she has come;
Her greatness she has suffered to be pressed
Into the little cabin of the Idea,
The closed room of a lonely thinker’s grasp:
She has lowered her heights to the stature of our souls
And dazzled our lids with her celestial gaze.

विचार की संकीर्ण परिधि में वह आकर समा गयी;
निज महत्ताओं को विभाग के छोटे-से कक्ष में
उसने सम्पीडित कर भर देने का कष्ट भोगा,
एक एकाकी मनीषी की समझ का यह बन्द कक्ष था:
हमारी व्यक्तित्व की ऊंचाई तक पहुंचने को उसने अपनी उच्चताओं को नीचा कर
और अपनी दिव्य चितवन से हमारी पलकों को चौंधिया दिया।

Thus each is satisfied with his high gain
And thinks himself beyond mortality blest,
A king of truth upon his separate throne.

इस तरह प्रत्येक चिन्तक अपने महान् लाभ से सन्तुष्ट बना
और स्वयं को मर्त्य धन्यजनों से श्रेष्ठ मानता,
अपनेपृथक् सिंहासन पर आसीन स्वयं को एक राजा समझता।

To her possessor in the field of Time
A single splendour caught from her glory seems
The one true light, her beauty’s glowing whole.[275]

इस त्रिकाल के क्षेत्र में उस दिव्यता के अधिकर्ता को
जो देवी की भव्यता से निकली मात्र एक महिमा धर पाया है
वही उसे एक सत्य ज्योति लगती, उसके सौन्दर्य की पूर्ण दीप्ति दिखती।

But thought nor word can seize eternal Truth:
The whole world lives in a lonely ray of her sun.

किन्तु शाश्वत दिव्य-सत्य को विचार या शब्द द्वारा नहीं धारण किया जा सकता है:
यह सकल जगत् उस देवी के सूर्य की एक अकेली किरण से श्वासित है।

In our thinking’s close and narrow lamp-lit house
The vanity of our shut mortal mind
Dreams that the chains of thought have made her ours;
But only we play with our own brilliant bonds;
Tying her down, it is ourselves we tie.

हमारे विचार-दीप से प्रकाशित बुद्धि के बन्द और संकुचित कक्ष में
हमारे कैदी मर्त्य-मानस का मिथ्या अहंकार स्वप्न देखता है
कि विचारों की श्रृंखला से बांध उसे हमने अपना बना लिया है;
किन्तु हम केवल अपने निजी प्रतिभाशाली बन्धनों से खेलते हैं;
उसे बांधने के प्रयास में हम स्वयं को बांध लेते हैं।

In our hypnosis by one luminous point
We see not what small figure of her we hold;
We feel not her inspiring boundlessness,
We share not her immortal liberty.

एक दीप्तिपूर्ण ज्योति बिन्दु के सम्मोहन में बंधे
हमने सत्यदेवी का कितना लघु-अंश धर पाया है, यह नहीं देख पाते;
हम उसकी प्रेरक असीमता का अनुभव नहीं कर पाते,
हम उसकी अमर मुक्ति के भागीदार नहीं बन पाते हैं।

Thus is it even with the seer and sage;
For still the human limits the divine:
Out of our thoughts we must leap up to sight,
Breathe her divine illimitable air,
Her simple vast supremacy confess,
Dare to surrender to her absolute.

यहां तक कि ऋषि और द्रष्टा के साथ भी यही घटित होता है;
क्योंकि उनकी मानसिक सीमाएं भी परम दिव्य को सीमित कर देती हैं:
अपने विचारों के बाहर हमें दर्शन कीओर छलांग लगानी है,
उसके दिव्य असीम वातावरण में श्वास लेना है,
उसकी सहज विशाल सर्वोच्चता को स्वीकारना होगा,
उसके प्रभुत्व के प्रति सर्वस्व समर्पण का साहस करना होगा।

Then the Unmanifest reflects his form
In the still mind as in a living glass;
The timeless Ray descends into our hearts
And we are rapt into eternity.

तब वह अव्यक्त प्रभु निज आकार के आभास को
एक सजीव दर्पण सम इस स्थिर मन की सतह पर प्रतिबिम्बित कर देगा;
जब यह कालातीत दिव्य-किरण हमारे अन्तरों में अवतरित होती है
और हम शाश्वतता कीतन्मयता में डूब जाते हैं।

For Truth is wider, greater than her forms.

क्योंकि यह सत्य की देवी अपनी सब अभिव्यक्तियों की अपेक्षा अधिक विशाल है।

A thousand icons they have made of her
And find her in the idols they adore;
But she remains herself and infinite. [276]

उसके भक्तों ने उसके सहस्र रूप रच डाले हैं
और अपनी अभीष्ट प्रतिमाओं में उसे पाया है;
किन्तु वह तब भी स्वयं-आत्मा और चिरन्तन परात्पर है।

END OF CANTO ELEVEN