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At the Feet of The Mother

SAVITRI Book Two. Canto Two (Eng-Hindi)

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BOOK TWO. THE BOOK OF THE TRAVELLER OF THE WORLDS

Canto Two. The Kingdom of Subtle Matter

 

In the impalpable field of secret self,
This little outer being’s vast support
Parted from vision by earth’s solid fence,
He came into a magic crystal air
And found a life that lived not by the flesh,
A light that made visible immaterial things.

गुह्यान्तरात्मा के उस अतीन्द्रिय क्षेत्र में,
जो इस लघु बहिर्सत्ता का विशाल आधार है
एवं पृथ्वी कीसघन बाड़ के कारण हमारे द़ृष्टि-क्षेत्र से पृथक् है,
अश्वपति एक जादुई विमल वातावरण में पहुंच गया
और वहां एक ऐसा जीवन पाया जो स्थूल-देह पर जीने को निर्भर नहीं था,
एक ऐसा प्रकाश पाया जो सूक्ष्म अपार्थिव वस्तुओं को दर्शाता था।

A fine degree in wonder’s hierarchy,
The kingdom of subtle Matter’s faery craft
Outlined against a sky of vivid hues,
Leaping out of a splendour-trance and haze,
The wizard revelation of its front.

अद़्भुत चमत्कारी परम्परा में एक परिष्कृत मात्रा का,
यह साम्राज्य सूक्ष्म जड़तत्त्व के परीलोक का शिल्प था
जो बहुरंगी एक गगन की पृष्ठभूमि पर सजा था,
एक समाधि को भव्यता और धुंध से उछलकर बाहर निकला
इसके अग्रभाग का जादुई दर्शन अभिव्यक्त हो रहा था।

A world of lovelier forms lies near to ours,
Where, undisguised by earth’s deforming sight,
All shapes are beautiful and all things true.

रम्य प्रीतिकर आकारों का यह जगत् हमारे समीप स्थित है,
जहां पर, पृथ्वी की विकारपूर्ण द़ृष्टि से परे का सब प्रत्यक्ष है,
और समस्त आकृतियां सुन्दर हैं और सब पदार्थ सत्य हैं।

In that lucent ambiance mystically clear
The eyes were doors to a celestial sense,
Hearing was music and the touch a charm
And the heart drew a deeper breath of power.

उस दीप्तिमयी, रहस्यपूर्ण स्वच्छ स्पष्टता में
नेत्र एक स्वर्गिक अलौकिक अनुभूति के द्वार थे,
सुनना संगीत था और स्पर्श एक मोहकता लिये था
और ह्रदय एक गहनतर शक्ति का प्राणश्वास खींचता था।

There dwell earth-nature’s shining origins:
The perfect plans on which she moulds her works,
The distant outcomes of her travailing force
Repose in a framework of established fate.

वहां पार्थिव प्रकृति के चमकते उद़्गमों का वास है:
वे परिपूर्ण योजनाएं हैं जिन पर वह अपने कार्यो कोढालती है,
उसकी प्रजनन-ऊर्जा के कठिन श्रम के भावी परिणाम रूपी फल
वहां व्यवस्थित नियति के एक ढांचे में विश्राम करते हैं।

Attempted vainly now or won in vain,
Already were mapped and scheduled there the time
And the figure of her future sovereignties
In the sumptuous lineaments traced by desire.

यहां आज जो प्रयास गर्व से पूर्ण होते हैं या निष्फल ही जय-लाभ करते हैं,
वहां वे सब मापचित्र में अंकित थे और उनका समय पहले से नियत था
और प्रकृति के भविष्य का प्रभुताशाली आकार भी विद्यमान था
जिसे उसके मनोरथ ने वैभवशाली समृद्ध रेखाओं में आंका था।

The golden issue of mind’s labyrinth plots,
The riches unfound or still uncaught by our lives
Unsullied by the attaint of mortal thought
Abide in that pellucid atmosphere.

मन के जटिल कथानकों की स्वर्णिम विषय-वस्तु वहां है
वे असिद्ध सम्पदाएं हैं जिन्हें हमारा जीवन अभी तक प्राप्त नहीं कर पाया है
या जो मर्त्यविचार के कलुष द्वारा अभी तक दूषित नहीं हो पायी हैं
वे उस पारदर्शी वातावरण में सुरक्षित रहती हैं।

Our vague beginnings are overtaken there, [103]
Our middle terms sketched out in prescient lines,
Our finished ends anticipated live.

हमारे अस्पष्ट आदि स्रोत वहां सब प्रकट हो जाते हैं,
हमारे मध्य जीवन की अवधि की भावी रेखाएं वहां अंकित हैं,
हमारे अन्त अपनी पूर्णता में वहां पूर्वानुमानित रहते हैं।

This brilliant roof of our descending plane,
Intercepting the free boon of heaven’s air,
Admits small inrushes of a mighty breath
Or fragrant circuits through gold lattices;
It shields our ceiling of terrestrial mind
From deathless suns and the streaming of God’s rain,
Yet canalises a strange irised glow,
And bright dews drip from the Immortal’s sky.

हमारे नीचे उतरते पार्थिव-स्तर की यह जगमगाती छत है,
जो स्वर्ग की वायु के अबाध वरदान को रोक देती है,
एक शक्तिशाली श्वास के लघु झोंकों को प्रवेश करने देती है
या स्वर्ण जालियों के मध्य से सुरभित परिधियों से आने देती है;
पार्थिव मन की हमारी छत को यह सुरक्षा प्रदान करती है
अमर सूर्यों के ताप से और प्रभु की धाराप्रवाह वर्षा से,
तब भी एक विचित्र इन्द्रधनुषी दीप्ति को धारावाहित करती है,
और अमरदेवों के अम्बर से उज्ज्वल ओस कण टपकाती है।

A passage for the Powers that move our days,
Occult behind this grosser Nature’s walls,
A gossamer marriage-hall of Mind with Form
Is hidden by a tapestry of dreams;
Heaven’s meanings steal through it as through a veil,
Its inner sight sustains this outer scene.

यह पथ है उन दिव्यशक्तियों का जो हमारे दिवसों का संचालन करती हैं,
इस जड़ घनीभूत पार्थिव प्रकृति की दीवारों के पीछे गुह्यता से गोपित है,
मन-लोक को आकार जगत् के साथ जोड़ता यह सूक्ष्म जाल का अगोचर लग्न मण्डप
जो स्वप्नों के एक कसीदाकारी पट के पीछे छिपा है;
स्वर्ग के अर्थ इसके पीछे चुपके से ऐसे निकलते हैं जैसे एक पर्दे से आते हों,
इसका अर्न्तदर्शन इस हमारे बहिर्जीवन का आधार है।

A finer consciousness with happier lines,
It has a tact our touch cannot attain,
A purity of sense we never feel;
Its intercession with the eternal Ray
Inspires our transient earth’s brief-lived attempts
At beauty and the perfect shape of things.

सुखतर रेखाओं में रहती एक सूक्ष्म श्रेयतर चेतना है,
इसमें एक कौशल है जिसे हमारा स्पर्श छू नहीं सकता है,
अनुभूति की एक विशुद्धता है जिसे हम कभी अनुभव नहीं कर सकते;
शाश्वत दिव्य-रश्मि के साथ इसकी मध्यस्थता
हमारे नश्वर पार्थिव-जीवन के क्षणिक प्रयासों को
सौन्दर्य-बोध एवं पदार्थों के परिपूर्ण रूपायन की ओर प्रेरित करता है।

In rooms of the young divinity of power
And early play of the eternal Child
The embodiments of his outwinging thoughts
Laved in a bright everlasting wonder’s tints
And lulled by whispers of that lucid air
Take dream-hued rest like birds on timeless trees
Before they dive to float on earth-time’s sea.

शक्ति की दिव्यता के बालपन की कक्षाओं में
और शाश्वत-दिव्य-शिशु की आरम्भिक बाल-लीला में
उसके बाहर उड़ने को आतुर विचारों के मूर्त-रूपों ने
इसके पहले कि वे पार्थिव काल-सागर में बहने हित डुबकी मारते,
उन्होंने इस सूक्ष्म लोक के उज्ज्वल अनन्त के आद़्भुत्य के रंगों में स्नान किया
और इस प्रदेश के भव्य निर्मल समीर-गुंजन से उनींदे हो
यहां के कालातीत वृक्षों पर पक्षियों सम रंगीन-सपनों में विश्राम लिया।

All that here seems has lovelier semblance there.

इस भू पर जो सब अभिव्यक्त दिखता है वहां सुरम्यतर मनोहर रूप में उपस्थित है।

Whatever our hearts conceive, our heads create,
Some high original beauty forfeiting,
Thence exiled here consents to an earthly tinge.

हमारे हृदय जो सब धारण करते हैं, हमारा मस्तिष्क जो रचता है,
इसमें से कुछ वास्तविक मूल सौन्दर्य उस लोक में छोड़ना पड़ता है,
तत्पश्चात् यह वहां से निष्कासित हो यहां एक पार्थिव आभा को स्वीकार कर आता है।

Whatever is here of visible charm and grace
Finds there its faultless and immortal lines;
All that is beautiful here is there divine.[104]

हमारी भूमि पर जो द़ृश्य मोहकता और शोभा से पूर्ण है
उस लोक में वह अपनी निर्दोष और अविनाशी रेखाओं में विद्यमान है;
इस पृथ्वी पर जो सुन्दर है वहां उस सूक्ष्म लोक में वह दिव्य है।

Figures are there undreamed by mortal mind:
Bodies that have no earthly counterpart
Traverse the inner eye’s illumined trance
And ravish the heart with their celestial tread
Persuading heaven to inhabit that wonder sphere.

वहां के सुरुपों को यहां पर हमारा नश्वर मन स्वप्न में भी नहीं देख पाया है:
उन देहों के समान यहां कोई पार्थिव प्रतिरूप नहीं है
वे अन्तर्द़ृष्टि की प्रबुद्ध समाधि-पटल पर बांकी चाल से आते दिखते
और अपनी स्वर्गिक चाल से मन का भाव-विभोर कर जाते,
मानों सुरलोक से उस अद़्भुत क्षेत्र में बसने का हठ करते हों।

The future’s marvels wander in its gulfs;
Things old and new are fashioned in those depths:
A carnival of beauty crowds the heights
In that magic kingdom of ideal sight.

इस लोक की खाड़ियों में भविष्य के चमत्कार विचरण करते हैं;
पुरातन औ’ नवीन पदार्थ उन गहनताओं में रूपायित कर सजाये जाते हैं:
आदर्श द़ृश्य की उस मायावी राजधानी के
शिखरों पर रूप-सौन्दर्य के एक मेले का जमघट है।

In its antechambers of splendid privacy
Matter and soul in conscious union meet
Like lovers in a lonely secret place:
In the clasp of a passion not yet unfortunate
They join their strength and sweetness and delight
And mingling make the high and low worlds one.

इसके अन्तर्कक्ष के भव्य एकान्त में
जड़-तत्त्व और आत्म-तत्त्व सचेत एकात्मता में
प्रेमियों समान एक एकान्त गुप्त स्थान में मिलते हैं:
एक भावावेश के आलिंगन में आबद्ध हैं जो अभी अभागा नहीं हुआ
वे अपनी शक्ति और माधुर्य औ’ आनन्द में जुडे़ हैं
और उनका यह संगम ऊर्ध्व औ’ अधोलोकों को जोड़ एक कर देता है।

Intruder from the formless Infinite
Daring to break into the Inconscient’s reign,
The spirit’s leap towards body touches ground.

निराकारी नित्यलोक से उतरी बलात्-प्रवेशी आत्मा
जब जड़-अचित् के साम्राज्य में बलपूर्वक प्रवेश करने का साहस करती है,
शरीर के प्रति लगायी छलांग में वह आत्मा पहले इस क्षेत्र का स्पर्श करती है।

As yet unwrapped in earthly lineaments,
Already it wears outlasting death and birth,
Convincing the abyss by heavenly form,
A covering of its immortality
Alive to the lustre of the wearer’s rank,
Fit to endure the rub of Change and Time.

क्योंकि अभी तक यह अपने पार्थिव रेखाकार में नहीं होती,
वरन् जीवन और मृत्यु को अतिक्रम करता चोला पहने होती है,
यह अपने इस स्वर्गिक आकार द्वारा अचित्-गर्त को विश्वास करा देती है,
जो इसकी अमरता पर एक आवरण मात्र है
यह धारक की श्रेणी के अनुसार कान्ति से संजीवित है,
एवं यह देह परिवर्तन औ’ त्रिकालीय घर्षण को सह सकता है।

A tissue mixed of the soul’s radiant light
And Matter’s substance of sign-burdened Force,—
Imagined vainly in our mind’s thin air
An abstract phantasm mould of mental make,—
It feels what earthly bodies cannot feel
And is more real than this grosser frame.

यह पारदर्शी तन्तु है, जिसे आत्मा की दीप्तिमय ज्योति और जड़तत्त्व के
गुणों से बोझिल आत्म-ऊर्जा के सार को मिला बनाया गया है,
हमारे मन के क्षीण परिवेश में इसकी कल्पना वृथा की जाती है
जो हमारी मानस-रचना की एक भावात्मक छायाभासी रचना है-
यह वह अनुभूति पाता है जो पार्थिव देह अनुभव नहीं कर सकती है
और इस स्थूलतर काया से कहीं अधिक वास्तविक है।

After the falling of mortality’s cloak
Lightened is its weight to heighten its ascent;
Refined to the touch of finer environments
It drops old patterned palls of denser stuff,
Cancels the grip of earth’s descending pull
And bears the soul from world to higher world, [105]
Till in the naked ether of the peaks
The spirit simplicity alone is left,
The eternal being’s first transparent robe.

इस नश्वर काया का चोला जब छूट जाता है इसके पश्चात्
यह इसके बोझ से हल्का हो अपने आरोहण हित ऊपर उठ जाता है;
सूक्ष्मतर पर्यावरणों को स्पर्श करने को परिष्कृत निर्मल हो
यह स्थूल तत्त्व की पुरातन प्रकृति को काले कफन सम त्याग देता है
पृथ्वी की नीचे खींचते आकर्षण की पकड़ को काट देता है
और जीव को इस लोक से महत्तर लोक की ओर वहन कर ले जाता है,
जब तक यह नग्न विद्युतीय-आकाश के शिखरों तक नहीं पहुंच जाता
जहां आत्माएं सहज भाव में एकाकी रह जाती हैं,
चिर आत्म-सत्ता का यही प्रथम पारदर्शीचोला है।

But when it must come back to its mortal load
And the hard ensemble of earth’s experience,
Then its return resumes that heavier dress.

किन्तु जब यह पुनः अपना मर्त्य भार वहन करने आयेगी
और पृथ्वी के अनुभव की कठोर पूर्णता हित लौटेगी,
तब इसको अपनी वापसी में वही गुरुतर वस्त्र धारण करना होगा।

For long before earth’s solid vest was forged
By the technique of the atomic Void,
A lucent envelope of self-disguise
Was woven round the secret spirit in things.

क्योंकि जब पृथ्वी का स्थूल जड़ आवरण परमाणु-शून्याकाश के
शिल्प द्वारा गठित हुआ था इससे अनेक युग पहले,
एक आत्म-गोपनीयता का ज्योतिर्मय आवरण
बुन दिया गया था द्रव्यों में गोपित इस गुह्य आत्म-सत्ता के चहुं ओर।

The subtle realms from those bright sheaths are made.

यह सूक्ष्म साम्राज्य उन्हीं चमकीले आवरणों द्वारा रचित है।

This wonder-world with all its radiant boon
Of vision and inviolate happiness,
Only for expression cares and perfect form;
Fair on its peaks, it has dangerous nether planes;
Its light draws towards the verge of Nature’s lapse;
It lends beauty to the terror of the gulfs
And fascinating eyes to perilous Gods,
Invests with grace the demon and the snake.

यह अद़्भुत-लोक अपने समस्त दीप्तिमय वरदानों सहित
अन्तर्दर्शन और अक्षत प्रसन्नता से पूर्ण स्थित है,
यह केवल अभिव्यक्ति और आकार की परिपूर्णता का ध्यान रखता है;
इसके शिखर रमणीय हैं, इसके पाताल संकटपूर्ण हैं,
इसका आलोक स्थूल प्रकृति को विलय के तट कीओर खींचता है;
नारकीय खाड़ियों की यातना को भी यह शोभा उधार देता है
और भयंकर देवताओं को मनमोहक नेत्र देता है,
असुर और नाग को कान्ति और महिमा से विभूषित करता है।

Its trance imposes earth’s inconscience,
Immortal it weaves for us death’s sombre robe
And authorises our mortality.

पृथ्वी पर अचित् इसी की समाधि से आरोपित हुआ है,
स्वयं अमर है पर हमारे लिए मृत्यु की काली चादर बुनता है
और हम पर मृत्यु का शासन स्थापित करता है।

This medium serves a greater Consciousness:
A vessel of its concealed autocracy,
It is the subtle ground of Matter’s worlds,
It is the immutable in their mutable forms,
In the folds of its creative memory
It guards the deathless type of perishing things:
Its lowered potencies found our fallen strengths;
Its thought invents our reasoned ignorance;
Its sense fathers our body’s reflexes.

यह एक महत्तर परा-चेतना का माध्यम बन कार्य करता है:
उसी की गोपनीय निरंकुशता का एक भाजन है,
आदि जड़-तत्त्व के लोकों की यह सूक्ष्म भूमि है,
उनके परिवर्तनशील आकारों में बसा यह अविकारी है,
अपनी सर्जन-स्मृति कोष की पर्तों के मध्य
यह नाशवान् पदार्थों का अविनाशी रूप सुरक्षित रखता है:
इसकी लघुतर सामर्थ्य हमारी पतित शक्तियों की आधार है,
हमारी तार्किक अज्ञता इसी के विचारों से निकली है;
इसका संवेदन हमारी दैहिक प्रतिक्रियाओं और अनुभूतियों का जनक है।

Our secret breath of untried mightier force,
The lurking sun of an instant’s inner sight,
Its fine suggestions are a covert fount
For our iridescent rich imaginings
Touching things common with transfiguring hues[106]
Till even earth’s mud grows rich and warm with the skies
And a glory gleams from the soul’s decadence.

असिद्ध महत्तर ऊर्जा की यह हमारी गुह्य प्राणश्वास है,
एक तात्कालिक अन्तर्दर्शन का यह अभिगोपित भास्कर है,
इसके सूक्ष्म सुझावों का एक ढका हुआ स्त्रोत है
जिससे हमारी इन्द्रधनुषी समृद्धशाली कल्पनाएं निकलती हैं,
यह सामान्य वस्तुओं को अपने रूपान्तरकारी रंगों से स्पर्श कर बदल देता है,
जब तक इस पृथ्वी की माटी समृद्ध औ’ आत्माकाशों की उष्मा से न भर जाये
और इस जीव की पतितावस्था से एक यशस्विता उजागर न हो जाये।

Its knowledge is our error’s starting-point;
Its beauty dons our mud-mask ugliness,
Its artist good begins our evil’s tale.

यहां इसके ज्ञान का अन्त हमारे दोषों का आरम्भ-बिन्दु है;
इसकी सुन्दर लावण्यता पर हमारी माटी का मलिन मुखौटा लग गया,
इसके कलात्मक शुभान्त से हमारे पाप की कथा आरम्भ हो गयी।

A heaven of creative truths above,
A cosmos of harmonious dreams between,
A chaos of dissolving forms below,
It plunges lost in our inconscient base.

ऊर्ध्व में सृष्टि के निर्माता सत्यों का एक सुरलोक है,
सामञ्जस्यकारी सपनों का यह जगत् मध्य में है,
लोप होते आकारों की अव्यवस्था का एक संसार नीचे है,
हमारे जड़-अचित् आधार में यह डुबकी लगा लोप हो जाता है।

Out of its fall our denser Matter came.

इसके पतन से हमारा स्थूल घन जड़तत्त्व निकला था।

 

Thus taken was God’s plunge into the Night.

इस प्रकार इस कालरात्रि में प्रभु ने छलांग लगायी थी।

This fallen world became a nurse of souls
Inhabited by concealed divinity.

यह पतित जगती जिसमें अब दिव्यता गुप्त रूप में बसती
चैत्य सत्ताओं हित पोषित करती एक धाय मांबन गयी।

A Being woke and lived in the meaningless void,
A world-wide Nescience strove towards life and thought,
A Consciousness plucked out from mindless sleep.

एक परम सत्ता जागी और उस असार रिक्तता में बस गयी,
एक विश्व-व्यापी घोर निश्चेतना ने जीवन और विचार कीओर प्रगति की,
मन-विहीन निद्रा से एक चित्-शक्ति तोड़ ली गयी।

All here is driven by an insentient will.

यहां पर सब एक असन्तुष्ट संकल्प द्वारा संचालित होते हैं।

Thus fallen, inconscient, frustrate, dense, inert,
Sunk into inanimate and torpid drowse
Earth lay, a drudge of sleep, forced to create
By a subconscient yearning memory
Left from a happiness dead before she was born,
An alien wonder on her senseless breast.

इस प्रकार, असत्, क्षुब्ध, जड़, निष्क्रिय पृथ्वी पड़ी थी
निर्जीव और संज्ञाहीन तन्द्रा में डूबी,
यह निद्रा की एक तामसिकता के वशीभूत थी, उसे सर्जनहित बाध्य किया
अवचेतन के अन्तर में बसी लालायित एक स्मृति ने
जो प्रसन्न चेतना की एक धरोहर थी पर वह पृथ्वी के जन्म से पहले मर चुकी थी,
पृथ्वी की संज्ञाहीन छाती पर वह अपरिचित चमत्कार थी।

This mire must harbour the orchid and the rose,
From her blind unwilling substance must emerge
A beauty that belongs to happier spheres.

इस कीचड़ में गुलाब औ’ ऑर्किड को पनपना होगा,
उसके अन्धे अनिच्छुक द्रव्य से एक ऐसी शोभा को विकसित होना होगा
जो सुखतर आनन्द के क्षेत्रों की वासिनी है।

This is the destiny bequeathed to her,
As if a slain god left a golden trust
To a blind force and an imprisoned soul.

यही उसकी नियति है जो उसे उत्तरदान में मिली है,
मानों एक निहित देव एक स्वर्ण धरोहर छोड़ गया हो
एक अन्धी शक्ति हित और बन्दिनी आत्मा के लिए।

An immortal godhead’s perishable parts
She must reconstitute from fragments lost,
Re-word from a document complete elsewhere
Her doubtful title to her divine Name.

अमर देवांश के नश्वर अंगों से
भूदेवी को खोये हुए टुकड़ों से पुनःनिर्माण करना होगा,
एक पुरातन आलेख जो किसी अन्य क्षेत्र में पूर्णता से लिखा गया था
उसमें अपने दिव्य नाम के संदिग्ध दावेको पुनः लिखना होगा।

A residue her sole inheritance,
All things she carries in her shapeless dust.[107]

उसकी सम्पूर्ण वसीयत मात्र एक तलछट है,
अपनी आकारहीन धूल में वह समस्त द्रव्यों को वहन करती है।

Her giant energy tied to petty forms
In the slow tentative motion of her power
With only frail blunt instruments for use,
She has accepted as her nature’s need
And given to man as his stupendous work
A labour to the gods impossible.

उसकी प्रचण्ड ऊर्जा तुच्छ आकारों में जकड़ी है
पृथ्वी की शक्ति अपनी धीमी प्रयोगात्मक गति संचालन में
केवल बलहीन कुन्द यन्त्रोंका उपयोग कर कार्यपूर्ति करती है,
उसने अपनी प्रकृति को अनिवार्यताओं को जैसे स्वीकार लिया हो
और मानव को अपना विकट कार्य सौंप दिया है
एक ऐसा कठिन श्रम जो देवों के लिए भी सम्भव नहीं है।

A life living hardly in a field of death
Its portion claims of immortality;
A brute half-conscious body serves as means
A mind that must recover a knowledge lost
Held in stone-grip by the world’s inconscience,
And wearing still these countless knots of Law
A spirit bound stand up as Nature’s king.

मृत्यु की परिधि में कठिनाई से जीवित एक जीवन है
यह इसी का एक अंश है जो अमरत्व का अधिकार मांगता है;
एक अर्ध-चेतन पशु शरीर इसका साधन है
एक मन जिसे खोये ज्ञान को पुन: प्राप्त करना है
जिसको जगत् के अचित् ने अपनी पाषाण-मुट्ठी में जकड़ रखा है,
और दैवी-विधान की इन असंख्य ग्रन्थियों में अभी तक बंधी
एक अन्तरात्मा विश्व-प्रकृति की अधिपति सम खड़ी है।

A mighty kinship is this daring’s cause.
एक शक्तिशाली बन्धुत्व ही इस वीर-साहस का कारण है।
All we attempt in this imperfect world,
Looks forward or looks back beyond Time’s gloss
To its pure idea and firm inviolate type
In an absolute creation’s flawless skill.
To seize the absolute in shapes that pass,
To feel the eternal’s touch in time-made things,
This is the law of all perfection here.

इस अधकचरे संसार में हम जो सकल प्रयास करते हैं,
आगे देखते हैं या युग की चमक से परे अतीत में अवलोकते हैं
एक सर्वश्रेष्ठ सृष्टि रचना के त्रुटिहीन शिल्प कौशल में
इसी का पावन विभाव और द़ृढ़ अक्षत आदर्श प्रतीक पाते हैं,
क्षणिक रूपों में उस पूर्णेश्वर को पकड़ लेना,
काल-रचित वस्तुओं में शाश्वत के स्पर्श को अनुभव करना,
यहां की परिपूर्णता का यही विधान है।

A fragment here is caught of heaven’s design;
Else could we never hope for greater life
And ecstasy and glory could not be.

स्वर्ग के रूपान्तर का यहां एक अंश धर लिया गया है;
अन्यथा हम महत्तर जीवन की आशा कभी न कर पाते
और अन्तराह्लाद और महिमा कभी व्यक्त न होते।

Even in the littleness of our mortal state,
Even in this prison-house of outer form,
A brilliant passage for the infallible Flame
Is driven through gross walls of nerve and brain,
A Splendour presses or a Power breaks through,
Earth’s great dull barrier is removed awhile,
The inconscient seal is lifted from our eyes
And we grow vessels of creative might.

तथापि हमारी मर्त्य अवस्था की इस क्षुद्रता में भी,
बहिर्काया के इस कारा-घर में भी,
उस अमोघ दिव्य ज्योति शिखा हित एक दीप्तिमय पथ
तोड़बना लिया जाता है इस स्नायु औ’ मस्तिष्क की स्थूल दीवारों के मध्य से,
एक दिव्य महिमा दबाव डालती है या एक दिव्य शक्ति प्रवेश कर जाती है,
धरा की भीषण जड़ बाधा क्षणभर को हटा दी जाती है,
हमारे नेत्रों पर से अचित् का पर्दा हट जाता है
और हम सर्जनशील शक्ति के पात्रों में विकसित हो जाते हैं।

The enthusiasm of a divine surprise
Pervades our life, a mystic stir is felt,
A joyful anguish trembles in our limbs; [108]
A dream of beauty dances through the heart,
A thought from the eternal Mind draws near,
Intimations cast from the Invisible
Awaking from Infinity’s sleep come down,
Symbols of That which never yet was made.

एक दिव्य आश्चर्यानुभूति का चरम उत्साह
हमारे जीवन पर छा जाता है, एक गुह्य सिहरन का अन्तर अनुभव पाता है,
एक आनन्दपूर्णवेदना से हमारा गात कम्पित हो उठता है;
सौन्दर्य का एक सपना हमारे अन्तर हृदय में नृत्य करता है,
अमर सत्य-मन से एक विचार पास खिंच आता है,
अगोचर परम से फेंके गये संकेत एवं सूचनाएं
चिरन्तन की निद्रा से जाग नीचे उतर आते हैं,
ये तत्सत् के दिव्य प्रतीक हैं जो अभी तक रचे नहीं गये।

But soon the inert flesh responds no more,
Then sinks the sacred orgy of delight,
The blaze of passion and the tide of power
Are taken from us and, though a glowing form
Abides astonishing earth, imagined supreme,
Too little of what was meant has left a trace.

किन्तु शीघ्र ही यह जड़-देह प्रत्युत्तर देना बन्द कर देती है,
तब हर्षोन्माद का यह पावन अनुष्ठान शेष हो जाता है,
भावावेश की वह दीप्ति-शिखा और शक्ति का ज्वार
हमसे छिन जाता है और, यद्यपि एक ज्योतिर्मय आकार
चकित जड़-धरा में बसता है, मन द्वारा कल्पित सर्वोच्च भावना है,
किन्तु जो यथार्थ था उसका यह अति अल्प अवशेष मात्र होता है।

Earth’s eyes half see, her forces half create;
Her rarest works are copies of heaven’s art.

धरा के नेत्रों का देखना अधूरा है उसकी ऊर्जाओं की रचना अभी परिपूर्ण नहीं है;
उसकी दुर्लभ कृतियां स्वर्ग-कला की अनुकृतियां हैं।

A radiance of a golden artifice,
A masterpiece of inspired device and rule,
Her forms hide what they house and only mime
The unseized miracle of self-born shapes
That live for ever in the Eternal’s gaze.

एक स्वर्णिम कलाकृति की मात्र एक आभा हैं,
अन्तर्प्रेरित यन्त्रसाधन औ’ नियम की एक उत्कृष्ट कलाकृति हैं
धरती के आकार निज अन्तरस्थ उपस्थिति को छिपा लेते हैं
और केवल आत्म-जात रूपों के अग्राह्य चमत्कारों की नकल मात्र कर पाते हैं
वे शाश्वत प्रभु की द़ृष्टि में सतत बसते हैं।

Here in a difficult half-finished world
Is a slow toiling of unconscious Powers;
Here is man’s ignorant divining mind,
His genius born from an inconscient soil.
To copy on earth’s copies is his art.

यहां इस असाध्य अर्ध-रचित संसार में
अचेत-महाशक्तियां मन्थर गति से श्रमरत रहती हैं;
यहां मानव का अज्ञानी सगुन विचारता मन है,
एक अचित् माटी से जन्मी उसकी प्रतिभा है,
पृथ्वी की प्रतिकृतियों की नकल बनाना ही उसकी कला है।

For when he strives for things surpassing earth,
Too rude the workman’s tools, too crude his stuff,
And hardly with his heart’s blood he achieves
His transient house of the divine Idea,
His figure of a Time-inn for the Unborn.

क्योंकि जब वह पृथ्वी के परे की वस्तुओं हित प्रयत्न करता है,
तब इस शिल्पकार के यन्त्र अति अनगढ़ तथा तत्त्व अति अपरिपक्व हैं,
और अपने हृदय के रक्त से यह कठिनाई से सफल होता है
दिव्य महाभाव का अपना क्षणभंगुर भवन रचने में,
जो इस त्रिकाल की सराय में अजात प्रभु की रचना है।

Our being thrills with high far memories
And would bring down their dateless meanings here,
But, too divine for earthly Nature’s scheme,
Beyond our reach the eternal marvels blaze.

हमारी चैत्य सत्ता उन सूदूर की उन्नत स्मृतियों की पुलकन से पूर्ण है
और अपने अकाल पदार्थों को यहां उतार लाना चाहती है,
किन्तु, वे पार्थिव अपरा प्रकृति की योजना के लिए अति दिव्य हैं,
उन शाश्वत चमत्कारों की आलोक शिखा हमारी पहुंच से परे है।

Absolute they dwell, unborn, immutable,
Immaculate in the Spirit’s deathless air,
Immortal in a world of motionless Time
And an unchanging muse of deep self-space.[109]

आत्म-पूर्णता में वे बसती हैं, अजन्मा, अविकारी रूप में
परमात्मा के अमर वातावरण में वे निर्मल विशुद्ध हैं,
महाकाल के गतिहीन लोक में वे कालातीत अविनाशी हैं,
और गहन आत्माकाश के एक अपरिवर्ती ध्यान में मग्न हैं।

Only when we have climbed above ourselves,
A line of the Transcendent meets our road
And joins us to the timeless and the true;
It brings to us the inevitable word,
The godlike act, the thoughts that never die.

केवल जब हम अपने सीमित व्यक्तित्वों से ऊपर उठ जाते हैं,
चरम परात्परता की एक रेखा हमारे पथ से आ मिल जाती है
और हमें कालातीत और सत्य से जोड़ देती है;
और हमारे लिए अनिवार्य अनादि शब्द ले आती है,
देव-तुल्य कर्म और अमर विचारों को ले आती है।

A ripple of light and glory wraps the brain,
And travelling down the moment’s vanishing route
The figures of eternity arrive.

तब ज्योति और महिमा की एक लहर मस्तिष्क को लपेट लेती है,
और क्षणों के विलीन होते पथ से
शाश्वतता के स्वरूप आ पहुंचते हैं।

As the mind’s visitors or the heart’s guests
They espouse our mortal brevity awhile,
Or seldom in some rare delivering glimpse
Are caught by our vision’s delicate surmise.

मन के दर्शकों सम या ह्रदय के अतिथियों जैसे
वे हमारी मर्त्य लघुता को कुछ समय को अपना बना लेते हैं,
अथवा यदाकदा किसी विरल मुक्तिदायिनी झलक में
हमारी द़ृष्टि के कोमल अनुमान द्वारा धर लिये जाते हैं।

Although beginnings only and first attempts,
These glimmerings point to the secret of our birth
And the hidden miracle of our destiny.

यद्यपि केवल ये आरम्भ मात्र हैं और प्रथम प्रयास भर हैं,
तथापि ये झलकियां हमारे जन्म के रहस्य कीओर
और हमारी नियति के गोपित चमत्कार की ओर संकेत करती हैं।

What we are there and here on earth shall be
Is imaged in a contact and a call.

वहां हमारा जो यथार्थ है वही इस धरती पर अवतरित होगा
यह एक समझौता है जो एक पुकार में प्रतिबिम्बित हो झलकता है।

As yet earth’s imperfection is our sphere,
Our nature’s glass shows not our real self;
That greatness still abides held back within.

किन्तु अभी तक पृथ्वी की अपूर्णता ही हमारा अधिकार क्षेत्र रहा है,
हमारा प्रकृति रूपी दर्पण हमारी वास्तविक सत्ता नहीं दर्शाता है,
वह महत्ता अभी तक अन्तर में हमसे गुप्त छिपी है।

Earth’s doubting future hides our heritage:
The Light now distant shall grow native here,
The Strength that visits us our comrade power;
The Ineffable shall find a secret voice,
The Imperishable burn through Matter’s screen
Making this mortal body godhead’s robe.

पृथ्वी की संदिग्ध भावी ने हमसे हमारी पैतृकता छिपा रखी है:
परा-ज्योति अभी सुदूर है उसे यहां की सहज निवासिनी बनना है,
पराशक्ति जो यदाकदा दर्शन दिखा जाती है उसे हमारा सहयोगी बल होना है;
आव्यक्त-सत्य को यहां एक गुह्य वाणी मिल जायेगी,
अविनाशी-तत्त्व इस जड़तत्त्व के पर्दे से प्रज्वलित हो उठेगा
और इस मर्त्य देह को देवत्व का परिधान बना देगा।

The Spirit’s greatness is our timeless source
And it shall be our crown in endless Time.

परम-सत्ता की महत्ता ही हमारा कालातीत उद़्गम है
और अनन्त दिक्काल में यही हमारा शीर्ष-मुकुट होगा।

A vast Unknown is round us and within;
All things are wrapped in the dynamic One:
A subtle link of union joins all life.

एक विराट् अज्ञेय हमारे अन्तर में और चहुं ओर व्याप्त है;
सकल पदार्थ उस ओजस्वी परमैकम् में लिपटे हुए हैं:
एकत्व की एक सूक्ष्म कड़ी सकल जीवन को जोड़ती है।

Thus all creation is a single chain:
We are not left alone in a closed scheme
Between a driving of inconscient Force
And an incommunicable Absolute.

इस तरह सम्पूर्ण सृष्टि एक अकेले सूत्र में पिरोयी हुई है:
एक गुप्त योजना में हमें अकेला नहीं छोड़ा गया है
यह अचित् महाशक्ति की एक संचरणकारी ऊर्जा के
और एक असंचारी अकथनीय परमेश्वर के मध्य समझौता है।

Our life is a spur in a sublime soul-range,[110]
Our being looks beyond its walls of mind
And it communicates with greater worlds;
There are brighter earths and wider heavens than ours.

एक उदात्त आत्मश्रेणी के मध्य उभरा हमारा जीवन एक गिरि-स्कन्द है,
हमारी आत्म-सत्ता मन की दीवारों के परे अवलोकती है
और यह महत्तर जगतों के साथ सम्भाषण करती है;
वहां हमारी धरती से अधिक प्रकाशमयी धराएं और विशालतर स्वर्ग हैं।

There are realms where Being broods in its own depths;
It feels in its immense dynamic core
Its nameless, unformed, unborn potencies
Cry for expression in the unshaped Vast:
Ineffable beyond Ignorance and death,
The images of its ever-living Truth
Look out from a chamber of its self-rapt soul:
As if to its own inner witness gaze
The Spirit holds up its mirrored self and works,
The power and passion of its timeless heart,
The figures of its formless ecstasy,
The grandeurs of its multitudinous might.

वहां ऐसे स्तर हैं जहां परम-सत्ता अपनी आत्म-गहनताओं में ध्यानमग्न है;
यह अपने विस्तृत ओजस्वी अन्तस्तल में अनुभूति पाती है
अपनी अनामी, अगठित, अजात सामर्थ्यों की
जो निराकारी अनन्त-विराट् में व्यक्त होने को पुकारती हैः
अनिर्वचनीय परमेश्वर घोर अविद्या और मृत्यु के परे है,
इसके चिर-जीवी ऋत की ये प्रतिच्छायाएं
अपनी आत्म-मग्न चित्-सत्ता के कक्ष से बाहर झांकती हैं:
मानों अपनी आत्मस्थित अन्तर साक्षी द़ृष्टि के सामने
परम आत्म-चेतना अपने प्रतिबिम्बित आत्मरूप को रखती औ’ कार्य करती है,
अपने अकाल हृदय की शक्ति और ओजस्विता में,
अपने निराकारी आनन्द के रूपों पर कार्य करती है,
अपनी असंख्य बहुविध सामर्थ्य की भव्यताओं को गठित करती है।

Thence comes the mystic substance of our souls
Into the prodigy of our nature’s birth,
There is the unfallen height of all we are
And dateless fount of all we hope to be.

वहीं से हमारी चैत्य आत्म-सत्ताओं का यह गुह्य सारतत्त्व आया है
हमारे पंचभूत के प्राकृतिक जन्म की इस विलक्षणता में,
वहीं पर वह अपतित उच्चता है जो हमारा यथार्थ अस्तित्व है
और हम सब की भावी की आशा का यही अकाल उद़्गम है।

On every plane the hieratic Power,
Initiate of the unspoken verities,
Dreams to transcribe and make a part of life
In its own native style and living tongue
Some trait of the perfection of the Unborn,
Some vision seen in the omniscient Light,
Some far tune of the immortal rhapsodist Voice,
Some rapture of the all-creating Bliss,
Some form and plan of the Beauty unutterable.

प्रत्येक स्तर पर यह आदि-गुरु महाशक्ति,
अनिर्वचनीय विविधताओं की दीक्षिका है,
यह सपना देखती है जीवन के एक भाग का रूपान्तर करने का
और इसे अपनी निजी स्वाभाविक शैली की सजीव भाषा बना लेने का
अजात-प्रभु की परिपूर्णता की कुछ विशेषताओं का,
सर्व-व्यापक दिव्य-प्रकाश में देखे गये किसी अन्तर-दर्शन का,
अमर कवि की दिव्य वाणी की किसी सुदूर की धुन का,
सर्व-सर्जनकार परमानन्द के किसी आह्लाद का,
वर्णनातीत दिव्य-सौन्दर्य के किसी रूप और योजना को यहां रूपायित करने का।

Worlds are there nearer to those absolute realms,
Where the response to Truth is swift and sure
And spirit is not hampered by its frame
And hearts by sharp division seized and rent
And delight and beauty are inhabitants
And love and sweetness are the law of life.

वहां उन परिपूर्ण परिमंडलों के पास वे लोक जो अधिक समीप हैं,
जहां पर ऋत के प्रति प्रत्युत्तर तात्कालिक और निश्चित है
और आत्म-सत्ता अपने आकार द्वारा बाधित नहीं है
और हृदयों को कर्णकटु विभाजनों द्वारा तोड़ा नहीं जाता है
और प्रसन्नता और सुषमा वहां की नैसर्गिक वासिनी हैं
और प्रेम और मधुरता जीवन के विधान हैं।

A finer substance in a subtler mould
Embodies the divinity earth but dreams;[111]
Its strength can overtake joy’s running feet;
Overleaping the fixed hurdles set by Time,
The rapid net of an intuitive clasp
Captures the fugitive happiness we desire.

यह एक उत्कृष्टतर सार से गठित एक सूक्ष्मतर गठन है
यह उस दिव्यता को धारण करती है जिसका पृथ्वी सपना देखती है;
अपनी शक्ति द्वारा हर्ष के पलायनकारी चरणों को पकड़ धरती है;
काल की निश्चित सीमा को यह कूद पार कर जाती है,
इसकी एक अन्तर्प्रेरणा की पकड़ एक तात्कालिक पाश है
जो पलायन करते हमारे काम्य सुख को तुरन्त धर कैद कर लेती है।

A Nature lifted by a larger breath,
Plastic and passive to the all-shaping Fire,
Answers the flaming Godhead’s casual touch:
Immune from our inertia of response
It hears the word to which our hearts are deaf,
Adopts the seeing of immortal eyes
And, traveller on the roads of line and hue,
Pursues the spirit of beauty to its home.

यहां महत्तर प्राण द्वारा उन्नत एक विश्व-प्रकृति है,
जो सर्वरूपान्तरकारी अग्निदेव के समक्ष नमनीय औ’ अर्पित है,
उस ज्वलन्त भागवत अंश के सहज स्पर्श का प्रत्युत्तर देती है:
हमारे तमस् के प्रत्युत्तर से यह सर्वथा विमुक्त है
यह उस नाद को सुनती है जिसके लिए हमारा अन्तर बधिर है,
इसने अमरत्व के नयनों की द़ृष्टि अपना ली है
और, रेखा औ’ रंग के पथों पर यात्रा करती है,
सौन्दर्य की सार-आत्मा का उसके धाम तक पीछा करती है।

Thus we draw near to the All-Wonderful
Following his rapture in things as sign and guide;
Beauty is his footprint showing us where he has passed,
Love is his heart beat’s rhythm in mortal breasts,
Happiness the smile on his adorable face.

इस तरह हम उस सर्व-अद़्भुतेश्वर के समीप खिंच आते हैं
पदार्थों में उसके आह्लाद को संकेत और पथ-प्रदर्शक सम अनुसरण करते हैं;
सौन्दर्य उसका पदचिह्न दर्शाता है कि वह कहां कहां से गुजरा है,
प्रेम उसके हृदयस्पन्दन की लय है जो मर्त्य अन्तरों में धड़कता है,
हर्ष उसके प्रेमी मुख पर खेलती भाव-भरी स्मित है।

A communion of spiritual entities,
A genius of creative Immanence,
Makes all creation deeply intimate:
A fourth dimension of aesthetic sense
Where all is in ourselves, ourselves in all,
To the cosmic wideness re-aligns our souls.

आध्यात्मिक व्यक्तित्वों का एक संघ है,
रचनाकार दिव्य विभूतियों की एक प्रतिभा है,
यह सकल सृष्टि को गहन आत्मीयता में बांध देता है:
कलात्मक बोध का एक चतुर्थ आयाम है
जहां पर सब हममें स्थित हैं, हम सबमें स्थित हैं,
यह हमारी आत्माओं को ब्रह्माण्डीय विशालताओं से पुन: जोड़ देता है।

A kindling rapture joins the seer and seen;
The craftsman and the craft grown inly one
Achieve perfection by the magic throb
And passion of their close identity.

एक ज्वलन्त आनन्द-समाधि द्रष्टा और द़ृश्य को एक कर देती है;
शिल्पी और शिल्प अन्तर में एकात्म बन जाते हैं
और जादुई एकत्व के स्पन्दन द्वारा परिपूर्णता पा जाते है
और अपनी घनिष्ठ तदात्मता के भावावेश में बंध जाते हैं।

All that we slowly piece from gathered parts,
Or by long labour stumblingly evolve,
Is there self-born by its eternal right.

खण्डित अंशों को धीरे-धीरे हम एकत्र कर जो सब बनाते हैं,
अथवा दीर्घ कठिन श्रम द्वारा जिसे विकसित कर हठात् पा जाते हैं,
वही अपने चिर अधिकार द्वारा वहां आत्म-जात विद्यमान है।

In us too the intuitive Fire can burn;
An agent Light, it is coiled in our folded hearts,
On the celestial levels is its home:
Descending, it can bring those heavens here.

हमारे अन्तर में भी अन्तर्प्रेरणा की आत्म-अग्नि जल सकती है;
यह दिव्य ज्योति की एक प्रतिनिधि है, हमारे हृदय की परतों में कुण्डलित है,
सुरलौकिक स्तरों पर यही इसका घर है:
अवतरित हो, यह उन स्वर्गों को यहां उतार सकती है।

But rarely burns the flame nor burns for long,
The joy it calls from those diviner heights[112]
Brings brief magnificent reminiscences
And high splendid glimpses of interpreting thought,
But not the utter vision and delight.

किन्तु यह अन्तरशिखा विरल ही प्रज्वलित होती और अधिक समय तक नहीं जल पाती;
उन दिव्यतर शिखरों से यह आनन्द का आवाहन करती है
यह अल्पकालिक भव्य स्मृतियों को साथ ले आती है
और उद़्बोधक विचार की उच्च महिमापूर्ण झलकें लाती है,
किन्तु परिपूर्ण दर्शन औ’ आनन्द को नहीं ला सकती।

A veil is kept, something is still held back,
Lest, captives of the beauty and the joy,
Our souls forget to the Highest to aspire.

एक पर्दाटंगा हुआ है, जिसके पीछे अभी भी कुछ गोपित है,
कि कहीं इस सौन्दर्य और आनन्द की बन्दिनी हो
हमारी आत्माएं सर्वोच्च प्रभु की अभीप्सा करना न भूल जायें।

 

In that fair subtle realm behind our own
The form is all, and physical gods are kings.

हमारे अपने इस मर्त्य जग के पीछे उस सूक्ष्म सुकुमार सुन्दर क्षेत्र में
आकार ही सर्वस्व है, और भौतिक देवताओं का वहां शासन है।

The inspiring Light plays in fine boundaries;
A faultless beauty comes by Nature’s grace;
There liberty is perfection’s guarantee:
Although the absolute Image lacks, the Word
Incarnate, the sheer spiritual ecstasy,
All is a miracle of symmetric charm,
A fantasy of perfect line and rule.

उन मनहर सूक्ष्म सीमाओं में प्रेरणात्मक दिव्य ज्योति लीला करती है;
विश्व-प्रकृति की महिमा की वहां एक निर्दोष अमल शोभा बसती है;
वहां परिपूर्णता के आश्वासन की पूर्ण स्वन्त्रता है:
तथापि परन्तप की पूर्ण छवि का अभाव है, उस आदि शब्द का
जो प्रभु का अवतारी रूप है, विशुद्ध आध्यात्मिक आनन्द का अभाव है,
सकल सन्तुलित मोहकता की एक चमत्कारी शोभा है,
यह परिपूर्ण रेखा और नियम का एक माया राज्य है।

There all feel satisfied in themselves and whole,
A rich completeness is by limit made,
Marvel in an utter littleness abounds,
An intricate rapture riots in a small space:
Each rhythm is kin to its environment,
Each line is perfect and inevitable,
Each object faultlessly built for charm and use.

वहां सब अपने-आपमें सन्तुष्ट हैं और स्वयं में पूर्ण अनुभव करते हैं।
यह अपनी सीमा द्वारा रचित एक समृद्ध पूर्णता है,
एक परिपूर्ण लघुता में चमत्कार भरा पड़ा है,
एक छोटे-से आकाश में जटिल आह्लाद फूटा पड़ता है;
प्रत्येक तान अपने परिवेश के अनुरूप उसके साथ जुड़ी है
प्रत्येक पंक्ति परिपूर्ण औ’ अनिवार्य है,
प्रत्येक पदार्थ की रचना निर्दोष है और शोभायुक्त एवं उपयोगी है।

All is enamoured of its own delight.

सब अपने आत्म-रति के रस में निमग्न हैं।

Intact it lives of its perfection sure
In a heaven-pleased self-glad immunity;
Content to be, it has need of nothing more.

अपनी परिपूर्णता के प्रति निश्चित यह लोक अखण्ड द़ृढ़ता में
एक अलौकिक सुखदायी आत्मानन्द में निरापद बसता है;
अपने अस्तित्व में तुष्ट, इसे और किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं है।

Here was not futile effort’s broken heart:
Exempt from the ordeal and the test,
Empty of opposition and of pain,
It was a world that could not fear nor grieve.

यहां पर निष्फल प्रयास के फलस्वरूप खण्डित हृदय नहीं है:
कठिन परीक्षा और कसौटी के कष्ट से यह विमुक्त है,
विरोध औ’ पीड़ा की परीक्षा से शून्य है,
यह एक ऐसा लोक है जो भय औ’ शोक से विहीन है।

It had no grace of error or defeat,
It had no room for fault, no power to fail.

दोष और पराजय के लिए यहां किसी क्षमा के लिए स्थान नहीं था
यहां त्रुटि के लिए कोई क्षेत्र नहीं था, पराजित होने वालाबल नहीं था।

Out of some packed self-bliss it drew at once
Its form-discoveries of the mute Idea
And the miracle of its rhythmic thoughts and acts,[113]
Its clear technique of firm and rounded lives,
Its gracious people of inanimate shapes
And glory of breathing bodies like our own.

मानों आत्मानन्द की किसी गठरी से इसने एक साथ खींच लिया था
अपने मूक दिव्य भाव के रुप-आविष्कारों को
और अपने विचारों औ’ कर्मों के संगीतमय चमत्कार को,
स्थिर और पुष्ट जीवनों की अपनी स्पष्ट निर्मल शैली को,
निर्जीव आकृतियों की अपनी मोहक सत्प्रजा को
और हमारी जैसी अपनी श्वास लेती देहों की भव्यता को।

Amazed, his senses ravished with delight,
He moved in a divine, yet kindred world
Admiring marvellous forms so near to ours
Yet perfect like the playthings of a god,
Deathless in the aspect of mortality.

चकित, योगी की इन्द्रियां आनन्द से विभोर थीं और रोमांचित हो
वह इस दिव्य-लोक में जो हमारा सजातीय है विचरण कर रहा था,
उन चमत्कारी आकारों की सराहना करता, जो हमारे इतने समीप हैं
फिर भी एक देवता के खिलौनों समान परिपूर्णता लिये हैं,
यह नश्वरता का एक पक्ष है जो अमर है।

In their narrow and exclusive absolutes
The finite’s ranked supremacies throned abide;
It dreams not ever of what might have been;
Only in boundaries can this absolute live.

अपनी संकुचित और विशिष्ट सम्पूर्णताओं में
हमारी अनित्य की सर्वोच्च श्रेणियां वहां सिंहासन पर विराजमान थीं;
यह कुछ और बनने का कभी स्वप्न तक नहीं देखता है;
यह सर्वोच्च परिपूर्ण केवल सीमाओं में बंध रह सकता है।

In a supremeness bound to its own plan
Where all was finished and no widths were left,
No space for shadows of the immeasurable,
No room for the incalculable’s surprise,
A captive of its own beauty and ecstasy,
In a magic circle wrought the enchanted Might.

यह अपनी योजना में एक सर्वोत्तम भाव से बंधा है
जहां सब अपने में पूर्ण है और विस्तार के लिए स्थान नहीं है,
अतुलनीय के प्रतिबिम्बों के लिए भी कोई आकाश नहीं है,
किसी भी अनिश्चित आश्चर्य-हित जगह नहीं है,
अपने ही निज सौन्दर्य औ’ आह्लाद का यह बन्दी है,
मायाविनी महाशक्ति एक स्वरचित जादुई घेरे में कैद है।

The spirit stood back effaced behind its frame.

इसके गठन के पीछे छिपी आत्मा अस्पष्ट-सी खड़ी थी।

Admired for the bright finality of its lines
A blue horizon limited the soul;
Thought moved in luminous facilities,
The outer ideal’s shallows its swim-range:
Life in its boundaries lingered satisfied
With the small happiness of the body’s acts.

अपनी रेखाओं की दीप्तिमयी निश्चयात्मकता के लिए प्रशंसित-सी
एक नील क्षितिज रेखा ने उस अन्तरात्मा को बांध सीमित कर दिया था;
विचार आलोकमय सुमार्गों पर विचरण करता था,
जो इसके तैराकी सीमा के बर्हिरादर्श की उथली सतह थीः
प्राण भी इसकी सीमाओं में सन्तुष्टविहार करता
शारीरिक कर्मों के छोटे-छोटे सुखों के साथ चिपका था।

Assigned as Force to a bound corner Mind,
Attached to the safe paucity of her room,
She did her little works and played and slept
And thought not of a greater work undone.

एक बन्दिनी सीमित मन-शक्ति अविनाशी ऊर्जा सम नियुक्त थी,
यह अपने कक्ष की सुरक्षित अभावता से जुड़ी थी,
यह अपने लघु कार्यों को सम्पादित करती क्रीड़ा करती औ’ शयन करती
और कोई महत्तर कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है इसका कोई विचार नहीं करती।

Forgetful of her violent vast desires,
Forgetful of the heights to which she rose,
Her walk was fixed within a radiant groove.

अपनी भीषण महती कामनाओं को वह भूल चुकी थी,
उन उच्चताओं को जहां तक वह उन्नत हुई थी, विस्मृत कर चुकी थी,
उसकी चहलकदमी अब एक दीप्तिमय घेरे में सीमित थी।

The beautiful body of a soul at ease,
Like one who laughs in sweet and sunlit groves,
Childlike she swung in her gold cradle of joy.

एक जीवात्मा की सुन्दर देह विश्राम-रत थी,
मानों वह मधुर धुपभरे कुंजों में मोद से हंसती हो,
अपने सुख के स्वर्ण-हिंडोले में वह शिशुवत् झूल रही थी।

The spaces’ call reached not her charmed abode,[114]
She had no wings for wide and dangerous flight,
She faced no peril of sky or of abyss,
She knew no vistas and no mighty dreams,
No yearning for her lost infinitudes.

दिशाओं की पुकार उसके मोहक आवास तक नहीं पहुंचती,
विशाल और खतरनाक उड़ान के लिए उसके पास पंख नहीं थे,
यहां उसके सन्मुख आकाश या पाताल की कोई विपत्ति नहीं थी,
वह किन्हीं आकांक्षाओं को और उच्च स्वप्नों को नहीं पहचानती थी,
उसे अपनी लुप्त अनन्तताओं के प्रति कोई लालसा नहीं थी।

A perfect picture in a perfect frame,
This faery artistry could not keep his will:
Only a moment’s fine release it gave;
A careless hour was spent in a slight bliss.

वह तो एक परिपूर्ण फ्रेम में मढी़ एक परिपूर्ण चित्र थी,
पर इस परीलोक की कलात्मकता योगी के संकल्प को बांध नहीं सकीः
मात्र पलभर की मनोहर विमुक्ति का सुखभर यह उसे दे पायी;
एक निश्चिन्त घड़ी बस एक अल्प आनन्द में कट गयी।

Our spirit tires of being’s surfaces,
Transcended is the splendour of the form;
It turns to hidden powers and deeper states.

सत्ता की ऊपरी सतहों से हमारी अन्तरात्मा थक जाती है,
इस आकार की श्री परात्परता में है;
यह अपनी गोपित शक्तियों औ’ महत्तर स्थितियों कीओर मुड़ जाती है।

So now he looked beyond for greater light.

अत: अब योगी ने महत्तर आलोक के लिए इसके परे अवलोका।

His soul’s peak-climb abandoning in its rear
This brilliant courtyard of the House of Days,
He left that fine material Paradise.

उसकी अन्तरात्मा के शिखर-आरोहण ने अपने पीछे छोड़ दिया
इस जगमगाते आंगन को, प्रकाशपूर्ण दिवसों के इस अलौकिक गेह को,
उस सुन्दर सूक्ष्म तत्त्व से रचित स्वर्ग को उसने छोड़ दिया।

His destiny lay beyond in larger Space.[115]

उसकी नियति तो परात्पर में महत्तर ब्रह्माकाश में सोयी थी।

END OF CANTO TWO